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IAS RAKESH SHARMA : कैसे नेत्रहीन लड़का बना IAS, जिसके घरवालों को लोगो ने बोल दिया था की बच्चे को अनाथालय में छोड़ दो

“यदि इरादे मजबूत और दिल में जोश और जज्बा हो,तो शारीरिक कमी भी आड़े नहीं आती”

IAS RAKESH SHARMA SUCCESS STORY : जो लोग अपने आँखे सही सलामत होने के बावजूद सपने नहीं देख पाते वही कुछ युवा दर्ष्टीबाधित होते हुए भी अपने सपनो को जीते है.


कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आज के रियल हीरो आईएएस राकेश शर्मा (IAS RAKESH SHARMA) ने,अपने बचपन में ही आँखों की रोशनी खो चुके राकेश ने कभी भी इसको कमजोरी नहीं माना और जीवन में मेहनत करते हुए हर वो सफलता प्राप्त की जिसको वे अपनी नेत्रहीन आँखों से सपनो में देखा करते थे.

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IAS RAKESH SHARMA

IAS RAKESH SHARMA ने बचपन में ही खो दी आँखे – 

राकेश का जन्म हरियाणा राज्य के भिवानी जिले के एक छोटे से गांव सावडं में हुआ था. 


वे बचपन में बीमार रहा करते थे, इस वजह से उनके माता-पिता अक्सर उन्हें डॉक्टर को दिखाते और उनके लिए दवाई लाते थे. एक बार इसी प्रकार किसी दवाई से उन्हें रिएक्शन हो गया जिस वजह से उनके आँखों की रोशनी चली गयी.

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IAS RAKESH SHARMA

अचानक इस तरह की घटना से पूरा परिवार सदमे में आ गया, साथ ही राकेश को भी लगा की अब उनके आगे के जीवन का क्या होगा. 

इस बीच ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने भी उनके माता-पिता को राकेश के बारे में बहुत कुछ उल्टा-सीधा कहते हुए उन्हें बोझ बता कर, अनाथालय में छोड़ देने तक की भी सलाह दे डाली.


लेकिन माता-पिता ने उनकी बाते ना सुनते हुए भिवानी के सेक्टर 23 में शिफ्ट हो गए और राकेश को बेहतर सुविधाए उपलब्ध करवाने लगे.

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IAS RAKESH SHARMA

IAS RAKESH SHARMA पढाई में थे होशियार –

राकेश बचपन से ही पढाई में होशियार थे इस वजह से उनके मार्क्स हमेशा अच्छे आते और वे स्कूल में टॉप रैंकिंग भी बना पाते थे. राकेश शर्मा ने अपनी आठवीं तक की पढाई हरियाणा में ही की. इसके बाद उनके माता-पिता ने उन्हें नेत्रहीन बच्चो के लिए स्पेशल स्कूल जेपीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दिल्ली जहा पर ब्रेल-लिपि से पढाई करवाई जाती है वह एड्मिशन करवा दिया था.


यहाँ पर राकेश शर्मा ने 12वी कक्षा तक पढाई की जहा उनके मार्क्स अच्छे आये, आगे उन्होंने अपनी ग्रैजुएशन (बी.ए) दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रैजुएशन सोशल वर्क सब्जेक्ट में दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी की.

राकेश ने कक्षा 12 से ही आईएएस बनाने का ख्वाब देख लिया था किन्तु वे बिना तैयारी के उसे पूरा नहीं करना चाहते थे.


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IAS RAKESH SHARMA ने यूपीएससी परीक्षा को फर्स्ट एटेम्पट में ही किया क्लियर –


राकेश ने अपनी पोस्ट ग्रैजुएशन करने के साथ ही यूपीएससी की सारी जानकारी जुटा कर अगले एक साल तक पूरी मेहनत और लगन के साथ अध्यन कर वर्ष 2018 में पहली बार देश में 608वी रैंक हासिल करते हुए पास कर ली, इसके लिए उन्होंने 10 माह की कोचिंग भी ली फिर उसके बाद सेल्फ-स्टडी करते हुए बाकी की तैयारी की थी.

लेकिन वे अपनी रैंक से ज्यादा खुश नहीं थे अतः उन्होंने अगले वर्ष यानी 2019 में एक बार फिर से सिविल सेवा की परीक्षा दी और अपनी रैंक में सुधार करते हुए देश में 512वी रैंक प्राप्त की परीक्षा का रिजल्ट इसी साल अगस्त माह में आया था.


राकेश शर्मा अपनी इस पूरी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए कहते है की जब उनके आँखों की रोशनी चली गयी थी तब वे बाहरी दुनिया से बिलकुल अनजान थे साथ ही जीवन में कुछ भी रंग नहीं रह गया था, ऐसे वक़्त में उनके माता-पिता ने हौसला देते हुए कहा सब कुछ सही होगा. साथ ही आत्म-विश्वास और जोश भर दिया था.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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