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IAS SHAH FAESAL : आज़ाद भारत के चौथे मुस्लिम और जम्मू-कश्मीर के पहले युवा जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा में टॉप किया, जाने पूरी कहानी

“दुनिया से कुछ अलग हटकर करने के लिए हमेशा धारा के विपरीत चलना होता है”

IAS SHAH FAESAL SUCCESS STORY : आईएएस शाह फैसल (IAS SHAH FAESAL) एक सुन्नी मुस्लिम युवा है जिनका नाम सुनते ही घाटी की खूबसूरत वादियों, श्रीनगर की डल झील, लेह-लद्दाख का बर्फीला पहाड़, कश्मीरी सेब की याद ताज़ा होती है.


किन्तु इसी के साथ ही एक काला श्याह अस्तित्व भी आँखों के सामने नज़र आता है जहा का युवा राह-विहीन और जिहाद में लिप्त है सम्पूर्ण घाटी खुनी मंजर का खेल, खेल रही है.

किन्तु इन सबसे अलग शाह फैसल एक ऐसे युवा बन कर उभरे जिन्होंने ना केवल खुद का भविष्य संवारा बल्कि घाटी की युवा पीढ़ी के युथ आइकॉन बन कर वहा के अन्य युवाओ को शिक्षा का महत्व और एक नयी दिशा दिखलाई.


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IAS SHAH FAESAL

IAS SHAH FAESAL का बचपन ओर कश्मीर के हालात –

शाह यूपीएससी के इतिहास में कश्मीर से पहले युवा है जिसने देश की इस परीक्षा में टॉप किया है. शाह फैसल की यह उपलब्धि तब और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है जब उन्होंने कश्मीर का माहौल सबसे खराब और हालात बदतर थे उस समय वर्ष 2009 में इन्होने इसे प्राप्त किया था.


शाह फैसल का जन्म 17 मई 1983 को लोलाब घाटी, कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर में एक सुन्नी मुस्लिम परिवार में हुआ था, उनका परिवार पूर्णतः शिक्षित था एवं घर में भी पढाई के प्रति, अन्य कश्मीरी परिवारों से ज्यादा जागरूकता थी. फैसल के पिता – गुलाम रसूल शाह पेशे से एक शिक्षक थे जिनकी वर्ष 2002 में सेना की जवाबी गोलीबारी में मौत हो गयी थी अपने पिता की मौत के समय फैसल मात्र 19 वर्ष के युवा थे.

शाह फैसल की माता – मुबीना शाह और दादाजी भी पेशे से टीचर ही थे. फैसल की पत्नी – इरम रशीद कश्मीर लोक सेवा में अधिकारी है दोनों के एक पुत्र भी है जिसका नाम – जमी फैसल है.


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IAS SHAH FAESAL की शिक्षा –

शाह फैसल ने अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण कर अपना ग्रैजुएशन वर्ष 2008 में “झेलम वैल्ली मेडिकल कॉलेज” से पास आउट किया, इसके साथ ही फैसल के पास एमबीबीएस की डिग्री भी जो उन्होंने “शेर ए कश्मीर इंसीटूट ऑफ़ मेडिकल साइंस”(SKIMS) से पूरी की है.


वही शाह फैसल ने इसके अलावा उर्दू साहित्य में भी मास्टर डिग्री श्रीनगर यूनिवर्सिटी से हासिल कर रखी है. वर्ष 2018 में “हारवर्ड केनेडी स्कूल” से उन्हें “फ्लुबराइट फ़ेलोशिप” (Flubright Nehru Masters Fellowship) भी प्राप्त है. इसके साथ ही मेडिकल साइंस में उन्हें SKIMS से गोल्डमेडल भी मिला है.

इतना शिक्षित होने के पश्चात उनका रुझान सिविल सर्विसेज के प्रति हुआ और वर्ष 2009 की यूपीएससी परीक्षा में शाह फैसल देश में टॉप करते हुए कश्मीर के पहले और आज़ाद भारत के चौथे मुस्लिम युवा बने जिन्होंने इस परीक्षा में टॉप किया है. शाह फैसल को आदर्श मानते हुए ही घाटी के अगले आईएएस अधिकारी अतहर आमिर बने जिन्होंने वर्ष 2015 की परीक्षा में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया था.


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शाह फैसल के आईएएस बनने के बाद पोस्टिंग –

  • Assistant Commissioner, Revenue (Pulwama)
  • 16 August 2012 – 8 February 2014
  • Deputy Commissioner (Bandipora)
  • 8 February 2014 – 22 August 2015
  • Director School Education (Kashmir)
  • 22 August 2015 – 18 October 2016
  • Managing Director (J&K State Power Development Corporation)
  • 18 October 2016 – 9 January 2019
  • Chairman of Jammu & Kashmir People’s Movement
  • 21 March 2019 – 9 August 2020.

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शाह फैसल से जुड़े कुछ खास तथ्य –


  • अपने ट्विटर अकाउंट में बायो से फैसल ने हाल ही में राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष होने की जानकारी डिलीट की. अब उनके बायो के हिसाब से वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के फेलो, मेडिको, फुलब्राइट और सेंट्रिस्ट यानी मध्यमार्गी हैं.
  • जुलाई 2018 में फैसल के एक ट्वीट के बाद उनके खिलाफ जांच हुई थी. मूलत: अंग्रेज़ी में किया गया ट्वीट कुछ इस तरह था: आबादी +पितृसत्ता +अशिक्षा +शराब +पॉर्न +तकनीक +अराजकता = रेपिस्तान.
  • मीडिया में शाह फैसल की तुलना बुरहान वानी से की जा रही थी. तब फैसल ने इस प्रोपैगेंडा का विरोध कर सोशल मीडिया पर अपनी सिविल सर्विस छोड़ने तक की धमकी दी थी.
  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को फैसल रोल मॉडल बता चुके हैं. वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने उन पर लेख लिखा था, जिसका टाइटल था ‘कश्मीर का केजरीवाल’.

शाह फैसल ने वर्ष 4 फरवरी 2019 को अपने गृहनगर कुपवाड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए “अपनी नौकरी को 10 साल जेल की सजा की संज्ञा” देते हुए NDTV के लाइव प्रोग्राम में 17 मार्च 2019 को अपने पद से इस्तीफा देते हुए एक नयी पॉलटिकल पार्टी “जम्मू एन्ड कश्मीर पीपल मूवमेंट” की स्थापना की.


शाह फैसल के पार्टी गठन के बाद केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे और धारा 370 को खत्म करते हुए दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशो की पुनः रचना की गई. इसी के साथ वहा के स्थानीय नेताओ को सुरक्षा का हवाला देते हुए जेल में नज़रबंद कर दिया गया था जिन्हे अगस्त 2020 में रिहा किया गया है.

अपनी रिहाई के बाद शाह फैसल ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए नई अटकलो को तेज कर दिया है, अनुमान के मुताबिक शाह फैसल एक बार फिर से आईएएस पद पर ज्वाइन कर सकते है.

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तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ… 

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