Mayank Sisodia Success Story
आज की इस स्टोरी में हम आपको Honest Home Company (ऑनेस्ट होम कंपनी) के मालिक मयंक सिसोदिया (Mayank sisodia) के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने कई बार फेल होने के बावजूद अपनी हिम्मत नहीं हारी और 33 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी.
Honest Home Company की शुरुआत कैसे हुई?
मयंक सिसोदिया उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के एक छोटे से शहर धामपुर के रहने वाले है. इन्होने इस स्टार्टअप की शुरुआत 2019 के अंत में की थी. उनकी कंपनी प्लास्टिक के ख़तरे को कम करने के लिए प्लास्टिक फ्री पैकेजिंग पर काम कर रही है. इन्हें इस स्टार्टअप का आईडिया भी काम करने के दौरान ही आया.
इस स्टार्टअप की शुरुआत करने से पहले मयंक सिसोदिया एक आयुर्वेद के स्टार्टअप में काम कर रहे थे, जहां प्रोडक्ट बेचने के दौरान लोगों ने जब उनसे कहा कि आप आयुर्वेद का प्रोडक्ट बेच रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें प्लास्टिक की पैकेजिंग में क्यों दे रहे हैं?
ग्राहकों द्वारा इस प्रकार का प्रश्न उठाने के बाद ही मयंक ने प्लास्टिक से दूरी बनाते हुए ऑनेस्ट होम कंपनी की शुरुआत की.
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ऑनेस्ट होम कंपनी के प्रोडक्ट (Honest Home Company Product)
मयंक की कंपनी फूड रैप, टिश्यू पेपर, टॉयलेट क्लीनर, किचन टॉअल, फ्लोर क्लीनर क्लीनिंग प्रोडक्ट,जैसे प्रोडक्ट बाज़ार में बेचती है. इस स्टार्टअप की ख़ास बात यह है कि इनके क्लीनर पाउच में आते हैं, जिन्हें पानी में मिलाकर घर पर ही बड़ी आसानी से बनाया जा सकता है. इनके द्वारा बनाये जाने वाले प्रोडक्ट की सिर्फ़ पैकेजिंग प्लास्टिक फ्री है किंतु प्रोडक्ट कैमिकल फ्री नहीं है.
मयंक सिसोदिया का स्टार्टअप से पहले का संघर्ष
इस कंपनी की शुरुआत करने से पहले मयंक ने बहुत संघर्ष किया है इससे पहले उन्होंने पार्ले में नौकरी की. उसके बाद उन्होंने 7 साल तक यूनीलीवर में भी काम किया. फिर उन्होंने एक आयुर्वेदा स्टार्टअप में काम किया और एक साल में ही उसे शून्य से 1 करोड़ रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचा दिया.
कैसा रहा 2.25 करोड़ रुपये से 14 करोड़ के टर्नओवर का सफ़र
मयंक ने सिर्फ 2.25 करोड़ रुपये से ऑफलाइन सेल करते हुए इस कंपनी की शुरुआत की और अब उसे बढ़ाकर 14 करोड़ रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचा दिया है.
मयंक ने ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं होने के कारण इस बिजनेस के शुरुआत सिर्फ ऑफलाइन सेल से की थी और अपनी मेहनत और अनुभव के दम पर उसे वर्ष 2019 में कोविड से पहले तक 25 लाख रुपये प्रति महीने के रेवेन्यू तक पहुंचा दिया था.
किंतु वर्ष 2020 में कोरोना आ गया और महामारी के कारण उन्हें बहुत ज़्यादा परेशानी हुई किन्तु कोविड ने उन्हें यह भी सिखाया कि वर्तमान समय में ऑनलाइन बिजनेस का होना भी बहुत जरूरी है.
कोरोना महामारी के दौरान ही उन्होंने बाज़ार की ज़रूरत को देखते हुए अपने दोस्तों से ऑनलाइन बिज़नेस कैसे करे इस बारे में सीखा और उसके बाद उनके बिजनेस ने तेज रफ़्तार पकड़ ली.
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शार्क टैंक इंडिया – अमित जैन ने 33 करोड़ की वैल्युएशन से दिए 1 करोड़ रुपये
मयंक सिसोदिया शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन के पहले एपिसोड में अपनी कंपनी के लिए फण्ड जुटाने के लिए आए. शार्क टैंक इंडिया में उन्होंने पैनल के सामने अपने बिजनेस की वैल्युएशन 50 करोड़ रुपये लगाते हुए, 2 प्रतिशत इक्विटी (Equity) के लिए 1 करोड़ रुपये के निवेश की माँग की.
उनके द्वारा बनाये जाने वाले प्रोडक्ट्स को शार्क टैंक के हर पैनलिस्ट ने भी काफी सराहा और उन्हें अपने-अपने ऑफर दिये. आख़िर में मयंक ने अमित जैन द्वारा दिये गये ऑफर को स्वीकार किया. अमित जैन ने मयंक को ऑफर देते हुए 3 प्रतिशत इक्विटी के बदले में 1 करोड़ रुपये का ऑफर दिया और उसी के साथ जब तक 1.5 करोड़ रुपये पूरे नहीं हो जाते तब तक 1 प्रतिशत रॉयल्टी भी मांगी.
अमित जैन द्वारा उनकी कंपनी की वैल्यू लगभग 33 करोड़ रुपये लगाई गई. रॉयल्टी के तहत उन्हें हर साल अपनी सेल का 1 फीसदी अमित को देना होगा, जब तक कि 1.5 करोड़ रुपये पूरे नहीं हो जाते.
ऑनेस्ट होम कंपनी की कमाई (Honest Home Company Income)
ऑनेस्ट होम कंपनी का वर्तमान समय का टर्नओवर 14 करोड़ रुपये तक है. शार्क टैंक इंडिया में पिच (Pitch) के दौरान पैनलिस्ट के सामने मयंक ने उनकी कंपनी के 2019-20 के रेवन्यू के बारे में बताया, इस दौरान उन्होंने 1.82 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था, अगले वर्ष 2020-21 में उनके स्टार्टअप ने 2.89 करोड़ का रेवेन्यू कमाया.
2021-22 में उनके इस स्टार्टअप की इनकम बढ़कर 4.9 करोड़ रुपये हो गई और 2022-23 में उनकी कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 13.8 करोड़ रुपये हो गया. मयंक सिसोदिया ने 14 करोड़ रुपयों में से लगभग 60 लाख रुपये का प्रॉफिट भी किया है, इस प्रकार से देखे तो उनकी यह कंपनी वर्तमान समय में फ़ायदे में चल रही है.
भविष्य के बारे में पूछने पर मयंक ने कहा कि 2025 तक उनका टारगेट ऑनेस्ट होम कंपनी के टर्नओवर को बढ़ाकर 80-100 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.
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80 वीसी (venture capitalist) ने ठुकराया लोन ऑफर
मयंक सिसोदिया का बिज़नेस की हालत कोविड के कारण बहुत बहुत खराब हो गई थी. इसी कारण से उस समय वह अपने घर और गाड़ी की 3 से 4 ईएमआई (EMI) नहीं चुका पाए थे. ईएमआई डिफॉल्ट होने के कारण उनका सिबिल स्कोर (Cibil Score) बहुत खराब हो गया है.
मयंक सिसोदिया शार्क टैंक इंडिया में क्यों आए
मयंक ने बताया कि ख़राब सिबिल स्कोर के कारण वे अब अगर कहीं से लोन लेना चाहते हैं तो उन्हें इनकार का सामना करना पड़ता है. मयंक ने शो के दौरान बताया कि वह शार्क टैंक इंडिया में आने से पहले वे लोन लेने के लिए 80 वीसी (वेंचर कैपिटलिस्ट) के पास भी गए, लेकिन उन्हें इनमें से किसी से भी किसी प्रकार की फंडिंग नहीं मिली.
लोन के बारे में पूछने पर उन्मे से कोई वेंचर कैपिटलिस्ट कहता कि उनका प्रोडक्ट बहुत ही कमोडिटाइज है, तो कुछ वेंचर कैपिटलिस्ट का कहना था कि आप सेल्समैन है, और इस कारण से आप किसी प्रकार का ब्रांड नहीं बना सकते.
हालांकि, मयंक का शार्क टैंक इंडिया में आना व्यर्थ नहीं गया और आख़िर में शार्क टैंक इंडिया से उन्हें फंडिंग मिल गई है.