HomeSUCCESS STORYK.C. MAHINDRA : हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी दोस्त ने मिलकर रखी थी दो...

K.C. MAHINDRA : हिंदुस्तानी और पाकिस्तानी दोस्त ने मिलकर रखी थी दो लाख करोड़ रुपये के इस भारतीय कंपनी की नींव

“काफिला भी तेरे पीछे होगा, तू अकेले चलना शुरू कर तो सही।”

K.C. MAHINDRA SUCCESS STORY : किसी भी दोस्ती के कई मायने और कई आयाम होते है. दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है, जिसे समझा कम जाता है और महसूस अधिक किया जा सकता है. दुनिया कुछ लोगों की दोस्ती ऐसी है जो लोगों के सामने मिसाल पेश करती है. ऐसे में हम भी आज ऐसे ही दो अजीज दोस्तों की दोस्ती की कहानी लेकर आए हैं, जिनके द्वारा उद्योग जगत में की गई एक शुरुआत ने उन्हें आज इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में जगह दिलाई है.

बहुत कम लोगों को पता है कि भारत की सबसे बड़ी कंपनी में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) की नींव एक पाकिस्‍तानी और एक हिंदुस्‍तानी दोस्तों ने मिलकर रखी थी. गौरतलब है कि भारत के बंटवारे से पहले लुधियाना में साल 1945 में दो भाइयों केसी महिंद्रा (K.C. MAHINDRA) और जेसी महिंद्रा (J.C. MAHINDRA) अपने बेहद खास मित्र मलिक गुलाम मुहम्‍मद के साथ मिलकर कारोबारी जगत में कदम रखने का फैसला लिया था. महिंद्रा भाइयों और मलिक मुहम्‍मद का सपना था की वे इसे दुनिया की बेहतरीन स्‍टील कंपनी बनाए.

यह भी पढ़े : ARUN PUDUR : 8000 रुपये से एक छोटे गैराज से शुरुआत की ओर आज है 26,000 करोड़ का विशाल साम्राज्य

K.C. MAHINDRA

सपने को हकीकत में बदलने के लिए शुरू की महिंद्रा एंड मुहम्‍मद

महिंद्रा भाइयों और मलिक मुहम्‍मद ने मिलकर महिंद्रा एंड मुहम्‍मद के रूप में कंपनी की नींव रखी. लेकिन कुछ समय बाद ही भारत की आजादी और भारत-पाकिस्‍तान के विभाजन के बाद गुलाम मुहम्‍मद को पाकिस्‍तान जाना पड़ा.

गुलाम मुहम्मद स्वतंत्र पाकिस्तानी सरकार में प्रथम वित्त मंत्री बनें. इस प्रकार से गुलाम मुहम्‍मद के महिंद्रा से अलग होने के बाद कंपनी चलाने की सारी जिम्मेदारी महिंद्रा भाइयों के कंधों पर आ गई. भारत ओर पाकिस्तान के विभाजन के बाद साल 1948 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया.

यह भी पढ़े : MOHAN SINGH OBEROI : माँ के दिए 25 रुपये से अपनी मेहनत के दम पर खड़ा किया 7000 करोड़ का साम्राज्य

K.C. MAHINDRA

नाम बदलने के साथ-साथ महिंद्रा भाइयों ने बदली कारोबार की रणनीति

महिंद्रा भाइयों और मलिक मुहम्‍मद का सपना तो यह था की वे इस कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी बनाए लेकिन दोस्त के कंपनी से अलग होने के बाद महिंद्रा भाइयों ने ऑटो इंडस्‍ट्री में कदम रखने का फैसला किया.

इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह थी कि केसी महिंद्रा ने अमेरिकी कंपनी में काम करने के दौरान अमेरिका में जीप देखी थी और उन्हें वही से भारत में भी ऐसी ही दिखाई देने वाली जीप लांच करने का ख्याल आया. महिंद्रा ने जीप निर्माण का सपना तो देख लिया था, लेकिन इस सपने को हकीकत में बदलना उनके लिए इतना आसान भी नहीं था.

इस प्रकार शुरू हुआ महिंद्रा जीप का प्रोडक्‍शन

अपने द्वारा देखे हुए सपने को साकार करते हुए उसे हक़ीक़त में बदलने के लिए महिंद्रा भाइयों ने किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी थी. उन्होंने कठिन मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर अपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी को भारत की सबसे नामचीन कंपनियों की सूची में शीर्ष पर ला खड़ा किया.

साल 1991 महिंद्रा ग्रुप के लिए काफी अहम रहा. इस साल भारत की सरकार ने एक अहम फ़ैसला लेते हुए देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाना शुरू किया था, उसके बाद हमारे देश में विकास की गति काफी तेजी से बढ़ी. उदारीकरण के बाद से ही भारतीय अर्थव्यवस्था की ही तरह महिंद्रा ग्रुप भी एक के बाद एक बुलंदी के नए पायदान पर चढ़ता चला गया है.

यह भी पढ़े : GULSHAN KUMAR : कभी पिता संग बेचा करते थे जूस, फिर कैसेट बेच खड़ी की अरबों रुपये की कंपनी

K.C. MAHINDRA

महिंद्रा ग्रुप आज है दो लाख करोड़ से अधिक की कंपनी

वर्तमान समय में महिंद्रा समूह सम्पत्ति आधार के साथ-साथ भारत के श्रेष्ठ दस औद्योगिक घरानों में से एक है तथा इसी के साथ यह दुनिया की श्रेष्ठ तीन ट्रैक्टर निर्माता कंपनियों में से भी एक है. बदलते वक्त के साथ-साथ महिंद्रा कंपनी ने विभिन्न व्यवसाय क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है.

आज महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी की पहचान भारतीय तथा विदेशी बाजारों में एक अग्रणी कंपनी के तौर पर होती है. ऑटोमोटिव, फार्म उपकरण, वित्तीय सेवाएं, सिस्टेक, आफ्टर मार्केट, सूचना टेक्नोलॉजी स्पेशियलिटी बिजनेस, अधोसंरचना विकास, ट्रेड, रीटेल तथा लौजिस्टिक्स जैसे हर क्षेत्र में इस कंपनी की भागीदारी है. इतना ही नहीं आज इस समूह में 75,000 से अधिक संख्या में कर्मचारी भी कार्यरत हैं.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

Explore more articles