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NAVEEN JAIN : लोगों को आयडिया सुनाया तो पागल कहा था, 2 सालों में ही बन गई 2 लाख करोड़ की कंपनी

“सफल इंसान की कहानी भी वही है, बस लिखने का तरीका अलग है।”

SUCCESS STORY OF NAVEEN JAIN : कुछ लोग जन्म से गरीब ज़रूर होते है किंतु अपनी आशा के दम पर जल्द ही इसका तोड़ ढूँढ लेते है. गरीबी कभी भी किसी भी आशावादी व्यक्ति के लिए कभी भी बाधा नहीं बन सकती क्योंकि एक आशवादी व्यक्ति कठिनाईयों को ही अपनी ताकत बनाते हुए नए अवसर की तलाश कर लेता है.

अगर हक़ीक़त में देखा जाए तो इस संसार में अधिकतर प्रतिभावान लोगों ने गरीबी और अभावों की बुनियाद पर ही बड़ी से बड़ी सफलता की शानदार इमारत को खड़ी किया है. आज की इस भौतिकवादी दुनिया में मनुष्य के शरीर के लिए कपड़े, रहने के लिए छत और खाने के लिए दो जून की रोटी के अभाव को ही गरीबी का परिचायक समझा जाता है लेकिन ऐसी बदतर स्थिति से बाहर निकलने के लिए किसी भी प्रकार की कोशिश ही नहीं करना ही असलियत में सबसे बड़ी गरीबी है.

आज हम एक ऐसी ही शख़्सियत नवीन जैन (NAVEEN JAIN) के जीवन की कहानी लेकर आये हैं जिनकी जिंदगी में गरीबी उनके बचपन में ही दस्तक दे चुकी थी लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कठिन मेहनत और अपनी काबिलियत के दम पर उस गरीबी को मात दी ओर आज वे स्वयं को दुनिया के सबसे नामचीन उद्योगपति और परोपकारी लोगों की सूचि में शामिल करवा चुके है.

आपको इस सख्स के बारे में जानकर विश्वास ही नहीं होगा की इस शख़्स ने कह कारनामा कर दिखाया है जो दुनिया में और किसी अन्य व्यक्ति से संभव नहीं हो पाया किंतु उन्होंने उसे दुनियाँ के लिए संभव कर दिखाया.

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NAVEEN JAIN का बचपन ओर शिक्षा (Education)

नवीन जैन उत्तरप्रदेश राज्य के शामली जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्में और पले-बढ़े. नवीन जैन के परिवार पर उस वक़्त अचानक से विपत्ति ने दस्तक दे दी जब इनके पिता ने भारतीय निर्माण परियोजनाओं में धांधली करने के बदले में रिश्वत लेने से इनकार कर दिया.

नवीन जैन के पिता आम तौर पर एक ईमानदार लोक सेवक थे जिन्हें बड़े लोगों ने रिश्वत स्वीकार न करने के परिणामस्वरूप अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया. इसके बाद उनके एक साल में तीन बार-बार ट्रान्स्फ़र होने शुरू हो गए और उन्हें रिश्वत न लेने ओर अपनी ईमानदारी की सजा के तौर पर अक्सर दूर-दराज के क्षेत्रों में भेजा जाने लगा.

नवीन जैन ने अपने बचपन से ही तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए अपनी पढ़ाई पर फोकस रखा. नवीन जैन के बचपन का अधिकांश समय नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश में ही बीता. इन्होंने इस दौरान किसी भी तरह आईआईटी रुड़की से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की ओर उसके बाद व्यापार और मानव संसाधन में एक्सएलआरआई से एमबीए करने में भी कामयाब रहे.

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इन्फोस्पेस (infospace) नाम से एक कंपनी की शुरुआत

एमबीए करने के बाद नवीन को एक मल्टी-नेशनल कंपनी में जॉब मिल गई और उन्हें ट्रेनिंग के लिए अमेरिका जाने का मौका मिला. कुछ सालों तक कंपनी में काम करने के पश्चात नवीन जैन ने अपने अनुभव का सही इस्तेमाल करते हुए साल 1996 में अपनी सेलुलर फोन पर तत्काल जानकारी प्रदान करने के लिए इन्फोस्पेस (infospace) नाम से एक कंपनी की शुरुआत की.

दो साल तक अपने इस आइडिया के साथ काम करने के बाद साल 1998 में इन्होंने अपने इस आइडिया को सार्वजनिक कर दिया. सार्वजनिक करने के एक साल के भीतर ही कंपनी की वैल्यूएशन 35 बिलियन डॉलर हो गई.

हालांकि इनका यह आइडिया उस समय के कुछ उद्योग विश्लेषकों को उनका पागलपन लगा था, लेकिन नवीन ने किसी की फिक्र नही की ओर अपने प्रोजेक्ट पर काम करते रहे और इस बात को साबित कर दिखाया कि यह वास्तव में एक बिलियन डॉलर आइडिया था.

“नवीन जैन की सफलता में सबसे बड़ा हाथ उनके आत्म-विश्वास ओर उनकी मेहनत का ही है जिसे वो हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं.”

नवीन जैन इस बारे में कहते हैं कि यदि आपके भीतर खुद पर भरोसा करने की हिम्मत है, तो अपने आइडिया के साथ आगे बढ़ें और अपने द्वारा किए गए प्रयासों को कभी भी बेकार नहीं होने दें.

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नवीन जैन द्वारा इन्तेलियस (intelius) कंपनी की स्थापना

इन्फोस्पेस नवीन जैन द्वारा स्थापित पहली सफल उद्यम थी जिसनें उन्हें एक नामचीन अरबपति बना दिया था. अपनी इस सफलता के बाद नवीन ने अपनी ज़िंदगी में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 2002 में इनकी कंपनी के भीतर बोर्ड के साथ इनके कुछ मतभेद होने के कारण नवीन ने अपनी खुद की कंपनी छोड़ दी और अगले साल 2003 में अमेरिका आधारित सार्वजनिक रिकॉर्ड व्यापार इन्तेलियस (intelius) की स्थापना की. वर्तमान समय में इनकी कंपनी उपभोक्ताओं के साथ-साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों को भी सिक्यूरिटी सूचना से संबंधित सेवाएं प्रदान करती है.

हाल ही में नवीन जैन ने सिलिकन वैली के अंतरिक्ष उद्यमियों के एक समूह के साथ मिलकर मून एक्सप्रेस नाम से एक कंपनी की भी स्थापना की है. अमेरिकी सरकार द्वारा इनकी इस कंपनी को चाँद पर अपना रोबोट यान उतारने की अनुमति भी मिल चुकी है. ऐसा अपहल्ली बार है कि अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन ने अंतरिक्ष में यान भेजने और उसे चंद्रमा पर उतारने के लिए पहली बार एक निजी कंपनी को अनुमति दी है.

नवीन भारत के एक ऐसे पिछड़े हुए राज्य से ताल्लुक रखते हैं जहाँ से हर साल करोड़ों की तादात में रोजगार की तलाश में लोगों का पलायन होता रहा है. लेकिन इसके बावजूद नवीन जैन ने खुद की काबिलियत से शानदार मकाम हासिल किया ओर आज हजारों लोगों की जिंदगी भी बदल रहें हैं नवीन इसके अलावा केरोस सोसाइटी नाम की एक सामाजिक संगठन के माध्यम से उद्यमियों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और डिजाइनरों को 35 देशों में आर्थिक एवं अन्य जरुरी मदद भी उपलब्ध करवाते है.

नवीन जैसे लोग जिन्हें हमारी आबादी का एक छोटा हिस्सा आज भी नहीं जानता होगा लेकिन उन्होंने अपनी काबिलियत के आधार पर वैश्विक मंच पर भारत का कद ऊँचा किया है. अगर सही मायने में देखा जाए तो ऐसे लोगों में ही भारत को आज वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर किया है. नवीन जैन के शून्य से शिखर तक के इस सफ़र से हमें अवश्य ही प्रेरणा लेनी चाहिए.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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