HomeSUCCESS STORYLAXMISHANKAR PATHAK : एक भारतीय स्वीपर जिसने एक साधारण आइडिया से 40...

LAXMISHANKAR PATHAK : एक भारतीय स्वीपर जिसने एक साधारण आइडिया से 40 देशों में अपना कारोबार फैलाया

“हौसला होना चाहिए, Business तो कभी भी शुरू किया जा सकता है ।”

SUCCESS STORY OF LAXMISHANKAR PATHAK : आज की यह कहानी एक ऐसे भारतीय व्यक्ति की है जिसने पैसे कमाने और अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए केन्या जैसे देश का रुख किया.

लेकिन इसे आप उसका दुर्भाग्य भी कह सकते है की केन्या में भी उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, ओर उन्ही प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से उन्हें न चाहते हुए भी मजबूरीवश केन्या को भी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

जब उन्होंने केन्या छोड़कर लंदन की और प्रस्थान किया उस समय उनके पास एक जीवन बीमा पॉलिसी, पत्नी, छह बच्चों के साथ जेब में शेष बचे महज़ 5 रुपये थे. ऐसी स्थिति में उन्होंने एक ऐसे अनजान शहर में बसना का निश्चय किया जहाँ पर उनका अपना कोई नहीं था.

यह भी पढ़े : ARUN PUDUR : 8000 रुपये से एक छोटे गैराज से शुरुआत की ओर आज है 26,000 करोड़ का विशाल साम्राज्य

LAXMISHANKAR PATHAK

लंदन में किया झाड़ू लगाने का काम

लक्ष्मीशंकर पाठक (LAXMISHANKAR PATHAK) किसी तरह से संघर्ष करते हुए लंदन तो पहुँच गए लेकिन इसके बाद उनके सामने सबसे बड़ी मुश्किल अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी उपलब्ध करवाना था. अंत में उन्होंने अपने परिवार को पालने के लिए लंदन की गलियों में झाड़ू लगाने का काम शुरू कर दिया.

उस समय लक्ष्मीशंकर पाठक का पूरा परिवार फूटपाथ पर ही सोता और जो चंद रूपये उन्हें झाड़ू लगाने के बदले में मिलते थे उन्ही रुपयों से उनके परिवार को किसी तरह एक समय का खाना मिल पाता था. कई सालों तक इसी तरह संघर्ष करते हुए उनका वक़्त बीतता चला गया.

एक दिन जब लक्ष्मीशंकर पाठक झाड़ू लगा रहे थे तो उसी दौरान उनके दिमाग में एक आइडिया आया. उन्हें उस वक़्त इस बात का बिल्कुल भी अनुमान नहीं था कि उनका यह आइडिया आने वाले वक़्त में 40 से ज्यादा देशों में एक मशहूर ब्रांड के रूप में बनकर उभरेगा. लक्ष्मीशंकर पाठक ने तो बस अपने परिवार के आठ लोगों के अच्छे जीवन-यापन के लिए अपने आइडिया पर काम करने शुरू कर दिया.

यह भी पढ़े : MOHAN SINGH OBEROI : माँ के दिए 25 रुपये से अपनी मेहनत के दम पर खड़ा किया 7000 करोड़ का साम्राज्य

LAXMISHANKAR PATHAK

पत्नी की मदद से शुरू किया काम

लक्ष्मीशंकर पाठक नाम के इस शख्स ने अपनी पत्नी शांता गौरी की मदद से अपने आयडिया पर काम करते हुए मिठाई, समोसे, अचार और चटनी बनाने शुरू कर दिए. उन्होंने बहुत ही मामूली रकम में इन भारतीय व्यंजनों को बेचने का कार्य शुरू कर दिया. शुरुआत में उनकी प्रोफिट का दायरा इतना कम था कि उनके लिए अपने बनाए हुए व्यंजनो की डिलीवरी करने के लिए एक डिलीवरी वाले लड़के को काम पर रखना भी मुश्किल था.

अंत में उन्होंने अपने छह वर्षीय बेटे किरीट को लोगों के घर-घर डिलीवरी करने के लिए भेजने का निश्चय किया. उनका लड़का उस समय अंग्रेजी बिल्कुल भी नहीं जानता था इसलिए उसे खाने के साथ दो कागज के टुकड़े ले जाने होते. एक टुकड़े पर ग्राहकों के घर का पता लिखा रहता था और अन्य टुकड़े पर वितरण का पता.

शुरुआत में बस चालकों और पैदल चलने वाले लोगों ने उनके बेटे किरीट को पता बताकर उसकी काफी मदद की थी. और साथ ही छोटे बच्चों को मिले मुफ्त बस पास की मदद से भी लक्ष्मीशंकर के व्यंजनो की डिलीवरी में होने वाले खर्चे कम होते थे.

यह भी पढ़े : GULSHAN KUMAR : कभी पिता संग बेचा करते थे जूस, फिर कैसेट बेच खड़ी की अरबों रुपये की कंपनी

LAXMISHANKAR PATHAK

छोटे से कमरे से की अपने काम की शुरुआत

इन सभी उत्पादों को बनाने के लिए उनके पास में रसोई घर में एक छोटा सा कमरा था, जहां बड़ी मुश्किल से सामानों की आवाजाही हो पाती थी. लेकिन उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने धीरे-धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और उनका कारोबार धीरे-धीरे ओर भी बड़ा होता चला गया. कुछ ही दिनों में इन्हें शादी-पार्टी के लिए भी आर्डर मिलने शुरू हो गए, इन ओर्डरो ने उनके करोबार को एक नई ऊँचाई प्रदान की.

धीरे-धीरे ज्यादा आर्डर मिलने पर उन्हें एक बड़े कमरे की शख्त आवश्यकता महसूस हुई और इस कारण से उन्होंने एक कमरा किराये पर लिया. लक्ष्मीशंकर पाठक द्वारा संचालित की जाने वाली यह लंदन में दूकान काफी कम समय में कई भारतीयों सहित कुछ लंदन के लोगों को भी अपनी और आकर्षित करने में सफल रही. उनकी इस सफलता के पीछे की वजह, उनका अपने काम के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होकर दिन-रात एक करते हुए काम करना था.

प्रामाणिकता और उत्पादों की गुणवत्ता ने उन्हें लंदन में बहुत ही कम समय में इतना अधिक प्रसिद्ध कर दिया कि लगभग हर रेस्तरां ने उनके ब्रांड के बैनर अपने यहाँ पर चिपकाने शुरू कर दिए. लक्ष्मीशंकर पाठक ने अपने ब्रांड को एक मशहूर ब्रिटिश ब्रांड बनाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए अपने ब्रांड से ‘एच’ निकाल दिया और ‘Patak’ के रूप में वहाँ पर लोकप्रिय हो गए.

आज लक्ष्मीशंकर पाठक की यह कंपनी सॉस, मिश्रित मसाले और विभिन्न प्रकार के खाने के आइटम्स बनाती है जो की ब्रिटेन के सभी प्रमुख सुपरमार्केट में उपलब्ध है. इतना ही नहीं यह दुनिया भर में 700 से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराते हुए 40 से अधिक देशों में अपने उत्पादों का निर्यात भी कर रही है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

Explore more articles