“आजाद परिंदा हूँ मैं, आसमान में उड़ना नहीं आसमां को चीरना चाहता हूँ मैं.”
Success Story Of UPSC Divyanshu Singal : यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा को पास करने में जहां कई बार कुछ स्टूडेंट को सालो लग जाते है किंतु उसके बावजूद भी वे सफलता प्राप्त नही कर पाते है किंतु वही दूसरी और कुछ स्टूडेंट ऐसे भी होते है जो स्वयं को इस परीक्षा की तैयारी करने में इतना अधिक समर्पित कर देते है की यूपीएससी खुद आगे चलकर उनसे पूछती है की आप किस पद पर कार्य करना पसंद करोगे.
राजस्थान के रहने वाले दिव्यांशु सिंघल (IAS DIVYANSHU SINGAL) ने अपनी पहली ही कोशिश में साल 2019 की आईएफएस और आईएएस दोनों परीक्षाएं पास की वो भी ऐसी वैसी रैंक के साथ नही बल्कि बहुत अच्छी रैंक के साथ.
दिव्यांशु सिंघल का यह प्रयास इसलिए भी दूसरे लोगों से अधिक खास ओर अनोखा है क्योंकि उन्होंने अपने पहले ही अटेम्पट में यूपीएससी की यह परीक्षा न केवल पास की बल्कि दोनों परीक्षाओं में टॉपर्स की सूची में भी शामिल हुए.
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IAS DIVYANSHU SINAL का बचपन ओर शिक्षा (Education)
दिव्यांशु सिंघल का जन्म राजस्थान में हुआ ओर उनकी शुरुआती शिक्षा भी अपने शहर में ही हुई स्कूल की पढ़ाई कम्प्लीट करने के बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाईं के लिए वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज आए. यहीं से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनो पूरे किए. इन्होंने ग्रेजुएशन ओर पोस्ट ग्रेजुएशन दोनो मैथ्स में की.
यही नहीं जब दिव्यांशु ने जब यूपीएससी परीक्षा देने की तैयारी की ओर उसके लिए योजना बनाई तो उस समय भी उन्होंने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मैथ्स विषय को ही चुना. कुल मिलाकर देखा जाए तो मैथ्स विषय से दिव्यांशु का पुराना नाता रहा है.
उनकी इस विषय पर पकड़ इतनी अच्छी थी की उन्होंने ग्रेजुएशन के दिनों से ही यह तय कर लिया था कि उन्हें हर हाल में यूपीएससी सीएसई परीक्षा देनी है इसलिए वे अपने कॉलेज के उन दिनों की पढ़ाई को भी यूपीएससी की तैयारी का ही एक रूप मानते हुए गंभीरता से इसकी तैयारी करते आ रहे थे.
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यूपीएससी के लिए बहुत पहले से शुरू कर दी तैयारी
दिव्यांशु सिंघल ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की आईएएस और आईएफएस दोनो परीक्षा पास की है, ऐसा इसलिए क्योंकि इनकी तैयारी करने के लिए जरुरी बेस वे बहुत पहले से ही बनाने में लग गए थे.
एमएससी (MSC) की पाधाइ करने के दौरान ही उन्होंने आईएएस की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वॉइन करने के साथ अपनी पढ़ाई शुरू कर दी थी.
दिव्यांशु सिंघल ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए एक साल तक कोचिंग की किंतु पोस्ट-ग्रेजुएशन के दूसरे साल में यूपीएससी की परीक्षा नहीं दी क्योंकि उन्हें लगा कि वे एमएससी (MSC) और यूपीएससी (UPSC) दोनों एक साथ मेनेज नही कर पाएँगे.
दिव्यांशु ने इस दौरान किसी प्रकार की कोई हड़बड़ी नहीं दिखायी और बड़े ही धेर्य के साथ एक साल तक धीरे-धीरे अपनी तैयारी पर फोकस करते रहे.
दिव्यांशु सिंघल ने साल 2019 में पहली बार यूपीएससी का अटेम्पट दिया परंतु इसके लिए उन्होंने तैयारी बहुत पहले ही आरंभ कर दी थी. एक तरह से देख जाए तो दिव्यांशु ने काफी धेर्य ओर समझदारी के साथ तैयारी की ओर पेशेंस दिखाया ताकि उनका कोई भी अटेम्पट वेस्ट न हो.
हालांकि दिव्यांशु को फिर से यूपीएससी की तैयारी करने की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में वे इसमें आसानी से सफलता प्राप्त कर ली थी.
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यूपीएससी की स्ट्रेटेजी बनाते समय यह सावधानियाँ रखे
दिव्यांशु सिंघल ने एक इंटरव्यू के दौरान यूपीएससी की स्ट्रेटेजी के बारे में सवाल पूछने पर कहा कि हर किसी की स्ट्रेटजी अपने हिसाब से अलग होनी चाहिए, आप अपनी स्ट्रेटेजी बनाते समय चाहे तो टॉपर्स से सलाह या प्रेरणा ले सकते हैं. परंतु इस परीक्षा से जुड़ी स्ट्रेटेजी हमेशा ग्राउंड लेवल पर अपनी जरूरत के मुताबिक योजना बनाते हुए ही बनाए.
दिव्यांशु सिंघल कहते है कि किसी और के लिए जो तरीका काम आया वह जरुरी नही की आपके लिए भी उसके जितना ही कारगर साबित होगा. हालांकि यहां पर आप इस बात का ध्यान रखें कि एक बार स्ट्रेटटजी बनाने और बुक लिस्ट फाइनल करने के बाद भी अगर आपको कहीं पर भी कोई कमी लगे तो उसमें थोड़े बहुत बदलाव कर लें परंतु किसी और की बातों में आकर या दूसरों से ज्ञान लेकर बार-बार अपनी स्ट्रेटजी और अपने सोर्सेस को न बदलें.
आप यूपीएससी की तैयारी के लिए जो भी किताबें चुनें उन्हें ही अंतिम तक बेस्ट मानकर पढ़ाई करें. शुरू से लेकर अंत तक अपनी उन किताबों पर भरोसा करें और एक विषय के लिए ज़रूरत से ज़्यादा किताबें कभी भी इकट्ठा न करें.
हमेशा यूपीएससी का सिलेबस हैंडी रखें ताकि आपको सदैव तैयारी के समय यह ज़रूर पता रहे कि आपको क्या पढ़ना है और क्या नही पढ़ना है.
न्यूज पेपर पढ़ते समय भी इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि अखबार में दिया हुआ सब कुछ आपको नहीं पढ़ना है वरना जहां आप एक या दो घंटे पेपर पढ़ लेते हो वही पेपर पढ़ने में आपको तीन या चार घंटे लगेंगे. इसलिए पेपर में जो बातें आपके काम की हों सिर्फ़ ओर सिर्फ़ उन्हीं पर फोकस करें.
किताबों के मामले में भी यही सेम फॉर्मूला अपनाएं. जो किताबें आपके पास हैं उन्हीं से तैयारी करे ओर उन्हें बार-बार पढ़ें, हां अगर यूपीएससी के सिलेबस में कोई टॉपिक है जो आपके पास मौजूद किताब में नहीं दे रखा है तो उसके लिए आप भले ही अलग से किताब कंसल्ट कर लें पर हर विषय की एक या दो से अधिक अलग-अलग किताबें न रखें.
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IAS DIVYANSHU SINGAL की यूपीएससी ऐस्पिरंट्स को सलाह
दिव्यांशु सिंघल दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट्स को सलाह देते हुए कहते हैं कि हर स्टूडेंट का किसी भी परीक्षा के लिए तैयारी करने का अपना अलग तरीका होता है.
आप इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत करने से पहले इंटरनेट पर मौजूद बहुत सा मैटीरियल ज़रूर देख लें जिसमें टॉपर्स के इंटरव्यू और ब्लॉग्स भी शामिल हैं, उसके बाद आप सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद अपने हिसाब से अपनी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी स्ट्रेटजी बनाएं.
स्ट्रेटेजी बनाने के बाद बुक लिस्ट तय करने का क्रम आता है और इसके लिए आप बहुत अधिक कंफ्यूज न हों क्योंकि यूपीएससी की तैयारी के लिए मार्केट में आने वाली सभी स्टैंडर्ड बुक्स अच्छी होती हैं. तैयारी के लिए आप बुक्स के अलावा बहुत से कोचिंग्स के नोट्स और मैग्जीन्स के मंथली कंपाइलेशन को भी एक नज़र देख सकते हैं.
अगर आपको इसके बावजूद भी कुछ कमी लगे तो इंटरनेट पर दूसरी सामग्री भी उपलब्ध है, आप चाहे तो वहां से भी अपने काम का मैटीरियल निकाल लें.
दिव्यांशु सिंघल के अनुसार यूपीएससी प्री परीक्षा के पहले ही आप मेन्स का सिलेबस खत्म कर लें और जब प्री की परीक्षा होने में दो से तीन महीने बचें तो केवल प्री पर ध्यान दें आप इस दौरान अपनी तैयारी का लेवल परखने के लिए खूब टेस्ट दें.
प्री और मेन्स के बीच के समय में आप अधिक से अधिक आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करे क्योंकि इस परीक्षा में आपकी सफलता में आंसर राइटिंग का बहुत बड़ा रोल होता है.
दिव्यांशु कहते हैं आपने चाहे जितनी भी तैयारी की हो ओर कितने भी समय की हो अगर उसके बावजूद भी आप उसे ठीक से और दिए गए समय के अंदर लिख नहीं पाए तो आपकी सारी मेहनत बेकार चली जाएगी. इसलिए आंसर राइटिंग की जितनी हो सके उतनी ज़्यादा प्रैक्टिस करें.
आप मॉक टेस्ट ज़रूर दें ताकि देख पाएं की आप आप दूसरे स्टूडेंट के मुक़ाबले में कहां स्टैंड कर रहे हैं. इसी प्रकार इंटरव्यू के पहले भी मॉक दें ताकि समय रहते अपनी कमियों को सुधार सकें.
अंत में बस इतना ही कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान कभी भी घबराएं नहीं और सेल्फ डाउट न रखें. आप कई बार डिमोटिवेट हो सकते हैं परंतु ऐसे में अपने लक्ष्य को याद करते हुए एक बार फिर से तैयारी में जुट जाएं.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…