HomeUPSCIAS RUCHI BINDAL : चार बार असफल होने के ऐसे बनी UPSC TOPPER?

IAS RUCHI BINDAL : चार बार असफल होने के ऐसे बनी UPSC TOPPER?

“एक श्रेष्ठ व्यक्ति कथनी में कम, करनी में ज़्यादा सफल होता है ।”

Success Story Of IAS Ruchi Bindal : यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा का यह सफर दूसरी साधारण परीक्षाओं के जैसा नही है यह उनसे बहुत अलग है क्योंकि यह परीक्षा भी दूसरी परीक्षाओं से अलग है. किसी स्टूडेंट को इस परीक्षा में जल्दी मंजिल मिल जाती है तो किसी को कुछ अधिक समय लगता है.

जिन्हें इस परीक्षा में सफलता पाने में समय लगता है उनके साथ एक संघर्ष भी जुड़ जाता है कि वे अन्य स्टूडेंट की तरह कड़ी मेहनत तो करते ही हैं पर इसी के साथ हर साल मिल रही असफलताओं के बीच अपने मोटिवेशन को बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास भी करते हैं.

इस लम्बे सफ़र के दौरान इतना धैर्य रखना किसी के लिए भी आसान नहीं होता उसमें भी ख़ास तौर पर लड़कियों के लिए जिन पर अन्य दबावों के अलावा कई तरह के सामाजिक दबाव भी होते हैं. आज की सक्सेस स्टोरी में हम एक ऐसे ही कैंडिडेट की चर्चा आपसे कर रहे हैं, जिनका नाम है रुचि बिंदल (IAS RUCHI BINDAL).

रुचि बिंदल को यूपीएससी (UPSC) परीक्षा को पास करने में पांच साल का लंबा समय लग गया परंतु उन्होंने इस सफ़र के दौरान कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जाहिर सी बात है कि उनके इस सफ़र के दौरान उनके सामने कई बार उन्हें विपरीत परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ा परंतु वे कही पर भी रुकी नहीं ओर तैयारी करने में लगी रहीं.

अंततः उन्हें उनकी कड़ी मेहनत का उचित फल भी मिला और साल 2019 में रुचि बिंदल ने न सिर्फ यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि यूपीएससी परीक्षा में टॉप भी किया और सीधे आईएएस ऑफ़िसर की रैंक के लिए चयनित हुईं. आज की सक्सेस स्टोरी में जानते हैं रुचि  बिंदल से उनकी तैयारी के टिप्स.

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IAS RUCHI BINDAL का UPSC का सफ़र

रुचि बिंदल का यूपीएससी परीक्षा का सफ़र दूसरे स्टूडेंट से अधिक लंबा ओर कठिन रहा इन पाँच सालो के दौरान उनका रिजल्ट कैसा रहा इसके बारे में बात करे तो पता चलता है कि पहले तीन अटेम्पट्स में रुचि बिंदल का सेलेक्टों प्री परीक्षा में भी नहीं हुआ था.

रुचि बिंदल लगातार तीन साल तक यूपीएससी परीक्षा का पहला चरण भी पार नहीं कर पाई किंतु इसके बावजूद उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी. अपने चौथे अटेम्पट में यूपीएससी परीक्षा के मेंस तक पहुंची परंतु अंतिम रूप से तब भी चयनित नहीं हुईं.

इसके बावजूद रुचि हिम्मत हारने की बजाय लगी रहीं और दोगुनी मेहनत से अपनी गलतियों को आइडेंटिफाइ करते हुए यूपीएससी की तैयारी करने में.

अंत में उनकी इतने सालों की तपस्या रंग लाई ओर पांचवे प्रयास में उन्होंने तीनों चरण पास किए और इसी के साथ वे 39वीं रैंक के साथ टॉपर्स सूची में भी अपना शामिल करवाने में कामयाब रही.

यूपीएससी प्री परीक्षा की तैयारी

यूपीएससी की प्री परीक्षा की तैयारी के विषय में एक इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए रुचि बिंदल कहती हैं कि इस परीक्षा को पास करने के लिए बस एक ही तरीका है ओर वह है कि आप अधिक पढ़ें और अधिक प्रैक्टिस करें. आप सबसे पहले अपने सोर्सेस इकट्ठा कर लें और ध्यान दें कि एक ही विषय के बहुत अधिक सोर्स इकट्टा न करें.

आप अपने सोर्सेस को लिमिटेड रखें और बार-बार इनसे तैयारी करे. जब एक बार आपकी तैयारी हो जाए तो उसके बाद टेस्ट देना शुरू कर दें.

रुचि इस मामले में अपना उदाहरण देते हुए बताती हैं कि उन्होंने तीन टेस्ट सीरीज ज्वॉइन की थी और वे हर दिन नियम से काफी दिनों तक हर सुबह नौ से ग्यारह बजे तक प्री की परीक्षा देती थी.

यह टेस्ट वे बिलकुल परीक्षा जैसे माहौल में ही देती थी परीक्षा के बीच में उन्हें किसी प्रकार का डिस्टर्बेंस होता था न ही डिस्ट्रैक्शन.

एक ऐसा माहौल जहां पर लगे कि वे सच में परीक्षा दे रही हों और पूरे ध्यान के साथ पेपर पूरा करती थी. रुचि मानती थी कि इस तरह से परीक्षा देने से आपका दिमाग पहले से ही असल परीक्षा के लिए तैयार हो जाता है.

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यूपीएससी पेपर सॉल्व करने का तरीक़ा

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की स्ट्रेटजी हो या फिर पेपर सॉल्व करने की स्ट्रेटेजी, रुचि बिंदल का ऐसा मानना है की हर स्टूडेंट को अपने लिए वही स्ट्रेटजी प्लान करनी चाहिए जो कि उसके लिए काम करे.

रुचि का मानना है की कभी भी दूसरे की कॉपी न करें और यह देखें कि उस स्ट्रेटेजी को अपनाने से आपको फायदा हो रहा या नहीं.

रुचि बिंदल इसी के साथ यह भी मानती हैं कि परीक्षा देने की भी अपनी स्ट्रेटजी होनी चाहिए. इस स्ट्रेटेजी के तहत वे पहला नियम मानती हैं कि प्री परीक्षा में आप जितने अधिक से अधिक हो सके उटे प्रश्न हल करो. इसके बाद दूसरा जरूरी बिंदु आता है, रुचि के अनुसार वह पूरे पेपर को तीन राउंड्स में हल करती थी.

पहले राउंड में वे ऐसे प्रश्न जिनको लेकर वह एकदम श्योर होती थी कि ये सही ही हैं. दूसरे राउंड में वे प्रश्न जिनके बारे में वे जानती थी कि चार में से कौन से दो या तीन गलत हैं.

और अंत में ऐसे प्रश्न जिनमें वे सबसे ज्यादा कंफ्यूज रहती थी परंतु अपना थोड़ा दिमाग लगाकर उस प्रश्न को हल करने की कोशिश करती थी. रुचि की यह स्ट्रेटजी काम उनके लिए काम आइ ओर अंत में उन्हें सफलता मिली.

IAS RUCHI BINDAL की यूपीएससी ऐस्पिरंट्स को सलाह

रुचि बिंदल यूपीएससी मेन्स परीक्षा की तैयारी के लिए कैंडिडेट्स को यही सलाह देती हैं कि आप तैयारी से संबंधित लिमिटेड सोर्स ही रखें और बार-बार उन्हें ही रिवाइज करें. जब एक बार आपकी तैयारी पक्की हो जाए तो मॉक टेस्ट ज़रूर दें.

रुचि बिंदल के अनुसार यूपीएससी परीक्षा के तीनों ही चरणों में मॉक टेस्ट्स की बहुत अहम भूमिका है, मॉक टेस्ट से आपकी तैयारी अच्छी हो जाती है.

इसके साथ ही वे मेन्स के लिए आंसर राइटिंग पर भी जितना अधिक हो सके उतना फोकस करने की बात भी कहती हैं. रुचि बिंदल मानती हैं कि आप जितना अधिक से अधिक लिखने का अभ्यास कर लेंगे आपके यूपीएससी परीक्षा में उतने ही अधिक अंक आने की संभावना रहती है.

रुचि बिंदल मेन्स के प्रत्येक पेपर को बहुत गम्भीरतापूर्वक लेने की बात कहती हैं फिर चाहे वह एथिक्स का पेपर हो या निबंध. उन्होंने इन पेपर्स की भी बहुत अधिक प्रैक्टिस की. रुचि बिंदल तैयारी के दौरान हमेशा अपने पास सिलेबस ज़रूर रखती थी और बताती हैं कि सिलबेस में दी हुई हर चीज उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान कवर की थी.

अंत में रुचि बिंदल यही कहती हैं कि आप अपने हिसाब से अपने लिए योजना बनाकर तैयारी करें, अगर आप अपने पूरे समर्पण के साथ इस परीक्षा की तैयारी करते है तो आपको एक न एक दिन यूपीएससी की परीक्षा में सफलता ज़रूर मिलेगी.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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