“अगर आप अपनी असफलता से सिख लेते है तो अगले प्रयास मे आप अवश्य ही सफल होंगे.
IFS KANISHKA SINGH SUCCESS STORY : सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) मे सफलता प्राप्त करना कोई हंसी खेल नहीं है, हर साल लाखों अभ्यार्थी सिविल सेवक का सपना लिए इस एक्जाम को देते है किन्तु इनमे से करीब 1000 से भी कम अभ्यर्थियों का इसमे सिलेक्शन हो पाता है.
बाकी बचे अभ्यर्थी मे से कुछ अपने सपनों से समझोता कर लेते है तो कुछ पागल किस्म के भी होते है जो की सिविल सेवक बनकर ही दम लेते है ऐसी ही एक कहानी है कनिष्का सिंह (IFS KANISHKA SINGH) की जिन्होंने अपने पहले प्रयास (2017) मे असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी ओर अगले साल 2018 मे आईएफ़एस अधिकारी बनते हुए अपने सपने को पूरा किया.
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IFS KANISHKA SINGH की EDUCATION
आईएफ़एस अधिकारी कनिष्का सिंह का संबंध दिल्ली से है उनका जन्म, पढ़ाई सब कुछ दिल्ली से ही हुई. स्कूली पढ़ाई के बाद कनिष्क ने दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला लिया. यहां से कनिष्का ने साइकोलॉजी में अपनी यूजी की डिग्री हासिल की.
पढ़ाई के दौरान ही कनिष्का को सिविल सर्विस के बारे मे पता चल ओर उन्होंने UPSC की तैयारी करने का प्लान बना लिया था. कनिष्का सिंह ने इसके लिए कोर्स के दौरान ही तैयारी करनी शुरू कर दी.
उन्होंने अपना पहला प्रयास 2017 में करते हुए यूपीएसी की परीक्षा में बैठी, लेकिन वे बुरी तरह से असफल रही ओर अपने पहले अटेम्प्ट में प्रीलिम्स परीक्षा भी क्लियर नहीं कर पाई. लेकिन सिविल सर्विस आपसे एक प्रयास ओर मांगती है कुछ यही सोच कर उन्होंने हार नहीं मानी.
कनिष्का सिंह ने अपनी गलतियों से सबक लेते हुए उसमें सुधार किया और वर्ष 2018 में वो फिर से यूपीएससी की परीक्षा सिविल सर्वेन्ट बनने के लक्ष्य के साथ मे में बैठी. ओर इस बार उन्होंने न सिर्फ यूपीएसी को क्रैक किया, बल्कि अच्छी रैंक के साथ आईएएफएस की पोस्ट भी हासिल की.
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पहली असफलता से सिख ली ओर मॉक टेस्ट की तैयारी की
कनिष्का सिंह 2017 में अपने पहले प्रयास मे प्रीलिम्स की परीक्षा को भी पास नहीं कर सकी थी. उनका कहना है कि परीक्षा के लिए उनकी तैयारी अच्छी नहीं थी इसका मुख्य कारण था कि इस एग्जाम के लिए उनकी तैयारी अधूरी थी, उन्होंने अपनी तैयारी में कई गलती की थी, इसमे से सबसे बड़ी गलती ज्यादा मॉक टेस्ट नहीं देना रहा, जो की परीक्षा मे उनपर भारी पड़ गया.
हालांकि इस असफलता के बाद उन्होंने अपनी इन गलतियों पर ध्यान दिया और उनमें सुधार किया. ओर अगले साल यूपीएससी एग्जाम का दूसरा अटेम्प्ट दिया. इस बार कनिष्का ने अपने दूसरे अटेम्प्ट की तैयारी करते हुए करीब 60 मॉक टेस्ट दिए थे. मॉक टेस्ट देने के कारण इस बार उनका आत्मविश्वास अधिक था इस कारण से उन्हे अपने सिलेक्ट होने का पूरा भरोसा था ओर हुआ भी वही जो उन्होंने सोचा था.
कनिष्का के अनुसार, किसे चुनें अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट
कनिष्का सिंह ने UPSC परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट के चुनाव के बारे में अपना जरूरी सुझाव देते हुए कहा कि अभ्यर्थी को इस परीक्षा के लिए ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट को ही ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुनना चाहिए. ओर अगर आप किसी सब्जेक्ट में इंटरेस्ट हो तो आप उसे भी ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुन सकते हैं.
कनिष्का ने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने साइकोलॉजी को ऑप्शनल के रूप में चुना था, क्योंकि इस सब्जेक्ट मे उन्होंने ग्रेजुएशन किया है. यह टेक्निकल सब्जेक्ट नहीं है, इसलिए आसानी से इसे समझ कर सॉल्व किया जा सकता है.
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आंसर राइटिंग का है बहुत जरूरी योगदान
कनिष्का सिंह ने अपने द्वारा दिए कई इंटरव्यू में सक्सेज टिप्स के बारे में बताया कि यूपीएससी मेन एग्जाम के लिए आंसर राइटिंग बहुत ज्यादा जरूरी है. इसलिए सिविल अभ्यर्थी इसकी प्रैक्टिस करते रहें और प्रैक्टिस के समय एक ही सब्जेक्ट पर फोकस करें, उनके लिए ज्यादा बेहतर रहेगा. दूसरी और कनिष्का का कहना है कि एग्जाम के लिए अभ्यर्थियों को अपनी क्षमता के अनुसार ही तैयारी करनी चाहिए.
इस परीक्षा को क्रैक करने के लिए आपको लगातार रिवीजन और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करने के साथ ही टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. क्योंकि टाइम मैनेजमेंट से आपको यह पता रहता है की आपको किस प्रश्न को कितना टाइम देना है.
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आईएएस ऑफिसर अनमोल सागर से की शादी
आईएफ़एस अधिकारी कनिष्का सिंह का पहला प्यार सिविल सर्विस ही थी और अपने इस सपने को उन्होंने पूरा भी किया. कनिष्का सिंह ने अपने जीवन साथी के रूप मे आईएएस अधिकारी अनमोल सिंह को चुना ओर इनके साथ सात फैरो के बंधन मे बंधी.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…