“सपने देखना बेहद जरुरी है, बिना सपनो के जीवन निरर्थक है”
QIMAT RAI GUPTA SUCCESS STORY : दिल्ली निवासी कीमत रॉय गुप्ता (QIMAT RAI GUPTA) ने न केवल सपना देखा बल्कि उसे जिया भी. उन्होंने आज वो मुकाम हासिल कर दिखाया जो वाकई में काबिले तारीफ़ है, लेकिन क्या यह सब इतना आसान रहा या फिर इसके पीछे एक पुरे जीवन-यात्रा का संघर्ष छिपा है आइये जानते है.
“हर सपना अपनी एक कीमत मांगता है, जो इंसान को बहुत कुछ त्याग करते हुए चुकानी होती है”
QIMAT RAI GUPTA का बचपन
कीमत रॉय गुप्ता का जन्म दिल्ली में एक बेहद साधारण से परिवार में हुआ था. बचपन से ही उनका मन पढाई में नहीं लगता था. वे अपने घर पर ही कबाड़ में पड़े इलेक्ट्रिक आइटम्स के साथ प्रति-दिन नए एक्सपेरिमेंट करते रहते थे.
अपनी स्कूली शिक्षा को प्रारंभिक दौर में ही उन्होंने त्याग दिया था. वही से ही उनकी ज़िन्दगी का असली संघर्ष शुरू हुआ. सबसे पहले उन्होंने अपने शोक को ही चुनते हुए दिल्ली की छोटी सी इलेक्ट्रिक दूकान पर नौकरी की. यहाँ से कुछ पैसो को इकठ्ठा कर खुद का बिज़नेस स्टार्ट करने की ठानी जहा उन्होंने दिल्ली के भगीरथ मार्किट में अपनी फर्म “गुप्ता जी एन्ड कंपनी” की नीव रखी.
सपने को पूरा करने की नींव
कुछ वर्षो बाद वर्ष 1958 में अपने नए ट्रेडिंग ऑपरेशन्स की शुरुआत की और वहा पर सफलता प्राप्त करते हुए दिल्ली के कीर्ति नगर में अपना पहला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट खोला जिसमें रिवायरेबल स्विचेस और चेंज ओवर स्विचेस का निर्माण किया जाता था.
इसकी सफलता से उत्साहित होकर वर्ष 1980 में एक बार फिर से अपनी कंपनी को नई शुरुआत करते हुए एशिया की टॉप इलेक्ट्रिक ब्रांड्स में शुमार हैवेल्स (Havells) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की नीव रखी. यहाँ पर सबसे पहले उन्होंने उच्च स्तर के एनर्जी मीटर्स बनाने का कारखाना खोला.
HAVELLS कम्पनी का विस्तार
इसी वर्ष कार्य को विस्तार देते हुए मेसर्स क्रिस्चियन गियर कंपनी के तकनीकी सहयोग से भारत में मिनिएचर सर्किट ब्रेकर्स बनाने का प्लांट खोला.
कीमत रॉय ने अपनी सूझ-बुझ और दूर-दृष्टि से एक ही साल में हेवेल्स (Havells) को सबसे ज्यादा लाभ देने वाली मैन्युफैक्चरिंग इकाई बना डाला.
जबकि इस क्षेत्र के लिए वह दौर सबसे कठिन और मुश्किलों भरा माना जा रहा था लेकिन इसकी साथ ही भारत में इलेक्ट्रिक गुड्स बनाने की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स फल-फूल रही थी.
इसके बाद उन्होंने पीछे ना देखते हुए भारत के हरियाणा और राजस्थान में अपने नए प्लांट की शुरुआत करते हुए कंपनी के कामो में विस्तार किया इसी के साथ ही उन्होंने देश में हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी.
राजस्थान में उन्होंने अलवर जिले में एक पॉवर केबल और वायर बनाने का प्लांट खोला वही हरियाणा में कण्ट्रोल गियर प्रोडक्ट्स बनाने के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट, फरीदाबाद को शुरू किया. इन सभी प्लांट्स में सुचारु रूप से काम शुरू होने के बाद कंपनी ने बड़ा विज़न दिखते हुए इंडस्ट्रियल उपयोग में आने वाले थ्री -फेज एनर्जी मीटर बनाने का प्लांट को ओपन किया.
इलेक्ट्रिक वर्ल्ड का बड़ा ब्रांड – HAVELLS
यह कीमत रॉय गुप्ता की ही सोच और लगन थी की आज एशिया के टॉप इलेक्ट्रिक ब्रांड्स में हेवेल्स का नाम आता है साथ ही दिल्ली के होलसेल मार्किट से शुरू हुए “गुप्ता जी एन्ड कंपनी” आज “हेवेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” नाम से दुनिया के 51 देशो में अपनी पहचान बना चूका है उन्ही की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है उनका भारत के अरब पतियों की सूची में नाम था. एवं 7 नवंबर 2014 में उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
अंत में जाते-जाते कीमत रॉय गुप्ता की यह जीवन-यात्रा सपना देखकर उसे हक़ीक़त में बदलने की प्रेणा स्त्रोत है जो भी उद्यमी अपना स्टार्ट-अप शुरू करना चाहता है उन्हें एक बार जरूर कीमत रॉय की ये कहानी जरूर पढ़नी चाहिए.