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KISHORE BIYANI : धोती बेच बिज़नेस की बारीकिया सिख खड़ा किया 18,000 करोड़ का विशाल साम्राज्य

“सौभाग्य भी उसी को मिलता है, जिसने अपने आप को उस काबिल बनाया है।”

KISHORE BIYANI SUCCESS STORY : आज की सक्सेस स्टोरी में जिस शख्स की सफलता की कहानी पेश करने वाले है, उनका नाम शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन इसके बावजूद उनके द्वारा खड़ी की गई अरबों रुपये की कंपनी से आज देश का लगभग हर एक आदमी परिचित ज़रूर होगा.

भारत का रिटेल कारोबार दुनियाँ में एक अहम स्थान रखता है ऐसे में पूरी दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गज की नजर इस कारोबार पर रहती है और वे कैसे भी कर किसी भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी करते हुए यहाँ के बाज़ार में अपनी पैठ जमाना चाहते हैं. लेकिन कुछ भारतीय दिग्गजों ने स्वयं की मेहनत के दम आर देश के रिटेल सेक्टर में क्रांति लाते हुए कई करोड़ों का कारोबार बनाया.

आज की यह स्टोरी भी एक ऐसे ही सफल उद्यमी की है जिन्होंने छोटी सी उम्र में अपने करियर की शुरुआत दादाजी के साथ धोती बनाने के धंधे से शुरू की थी लेकिन आज देश के खुदरा व्यापार में उनका नाम ही काफ़ी है.

KISHORE BIYANI का प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

आज की कहानी है फ्यूचर समूह की आधारशिला रखने वाले किशोर बियानी (KISHORE BIYANI) के संघर्ष से लेकर सफलता के सफ़र के बारे में. किशोर बियानी का जन्म राजस्थान के एक मध्यमवर्गीय परिवार हुआ था और उनका बचपन भी यही पर गुजरा. किशोर बियानी ने अपने दादाजी के साथ राजस्थान से निकलकर मुंबई में धोती और साड़ियों का बिज़नेस शुरू करने के लिए वहाँ का रुख़ किया.

किशोर बियानी को सिर्फ़ कपड़े बनाने का धंधा ही समझ आता था ओर कपड़े बनाने के इसी धंधे को ही इन्होंने आगे बढ़ाते हुए मात्र 22 वर्ष की छोटी सी उम्र में ट्राउजर बनाने का काम शुरू किया था और अपनी मेहनत ओर कारोबारी जानकारी की वजह से धीरे-धीरे तरक्की करते हुए वे आज 18,000 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक हैं.

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किशोरावस्था से ही बिजनेस में थी दिलचस्पी

किशोर को अपनी किशोरावस्था से ही पढ़ाई में कम दिलचस्पी थी किंतु उनकी बिज़नेस में अधिक दिलचस्पी थी. हालांकि इसके बावजूद उन्हें अपना खानदानी कपड़े का बिज़नेस करना भी पसंद नहीं था, बल्कि उन्हें रिटेल मार्केट में जाने की बहुत दिलचस्पी थी.

किशोर बियानी ने बिज़नेस के गुर सीखने के उद्येश्य से अपने दादाजी के साथ कपड़ों के व्यापार में हाथ बँटाना शुरू किया और उसी के साथ उन्होंने मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग से संबंधित किताबों की पढ़ाई करना शुरू कर दिया. उस समय उन्हें रिटेल बाज़ार में एक बड़ी कारोबारी संभावना नज़र आई. उस समय किशोर बियानी को भी यह नहीं पता था कि उनका यह अनोखा आइडिया आने वाले वक़्त में देश के भीतर खुदरा बाज़ार की दिशा तय करेगी.

किशोर बियानी ने अपनी पढ़ाई के दौरान सोचा कि क्यों न भारतीय बाजार में रिटेल मार्केट की शुरूआत की जाए. ऐसा बाज़ार जहाँ पर एक ही छत के नीचे लोगों को सब कुछ मिलेगा. अपने इस आइडिया को इन्होंने अपने एक मित्र के साथ शेयर किया, उनके उस मित्र ने भी उनके द्वारा बताए गए आयडिया की तारीफ करते हुए किशोर को सफलता का विश्वास दिला दिया.

KISHORE BIYANI की शादी

जब किशोर बियानी के मन में रिटेल मार्केट का आयडिया आया उसी दौरान उनकी शादी हो गई और उनका आइडिया धरा का धरा रह गया. शादी के बाद उन्होंने कपड़े के बिज़नेस में ही आगे बढ़ने का फैसला किया. बाद में साल 1987 में इन्होंने ट्राउजर बनाने का काम शुरू करते हुए मैंस वियर प्रा. लि. नाम से एक कंपनी की शुरुआत की.

किशोर बियानी ने अपने कपड़े का नाम पेंटालून (PANTALOONS) रखा क्योंकि यह ऊर्दू शब्द पतलून के बहुत करीब था. इनका कपड़ा अच्छा होने के कारण काफी बिकना शुरू हो गया और शहर के लगभग सभी मशहूर ओर चुनिंदा दुकानों ने इनके प्रोडक्ट को बेचना शुरू कर दिया. अपने प्रोडक्ट की शुरूआती सफलता और अच्छा-खासा मुनाफा देखकर इन्होंने अपना खुद का स्टोर खोलने की योजना बनाई.

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गोवा में पेंटालून शॉप की शुरूआत

अपनी सफलता से पभावित होते हुए किशोर बियानी ने 1991 में गोवा में पेंटालून शॉप शुरू की और 1992 में शेयर बाजार से पैसा जुटाते हुए एक रिटेल श्रृंखला की स्थापना की. इनकी यह रिटेल शृंखला तब से लगातार बढ़ती ही जा रही है.

पेंटालून की सफलता के बाद इन्होंने फ्यूचर समूह की स्थापना करते हुए इसके अंतर्गत ही बिग बाज़ार, फ़ूड बाज़ार, पेंटालून, ब्रांड फैक्ट्री, होम टाउन, इ-जोन जैसे कई अन्य नामी ओर मशहूर ब्रांड की आधारशिला रखी और उसे छोटे-छोटे शहरों तक भी पहुँचाया.

हालांकि बाद में इनके द्वारा स्थापित देश की सबसे बड़ी फैशन रिटेल स्टोर चैन पेंटालून का अधिग्रहण आदित्य विरला समूह ने कर लिया.

आज किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप भारतीय रिटेल और फैशन के क्षेत्र में अपनी एक महत्वपूर्ण स्थिति के लिए जाना जाता है. आज इनकी कंपनी का सालाना टर्न-ओवर 18000 करोड़ से अधिक है. किशोर बियानी ने सबसे पहले अपने टेलेंट को पहचाना और उसके बाद उसे एक सही दिशा देते हुए अपनी मेहनत के दम पर सफलता प्राप्त की.

उनके पास किसी प्रकार की कोई बड़ी डिग्री नहीं थी बल्कि यह सब उन्होंने खुद के आत्मविश्वास और मेहनत के बलबूते पर हासिल किया था.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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