Fact About National Calendar: आज से आपके घरों में कैलेंडर बदल जाएगा और पुराने कैलेंडर की जगह कल से शुरू होने वाले नए साल का कैलेंडर ले लेगा. लेकिन, लेकिन आप जानते हैं कि भारत का आधिकारिक कैलेंडर कौनसा है…
भारत का आधिकारिक कैलेंडर है शक संवत पर आधारित.
आपने भी कभी न कभी तो इस कैलेंडर के बारे में सुना तो होगा, लेकिन आज इसे समझने की कोशिश करते हैं कि इस कैलेंडर में क्या खास है. हम जानते हैं इस कैलेंडर से जुड़ी खास बातें, जो वाकई मे काफी दिलचस्प हैं…
कौनसा है भारत काआधिकारिक कैलेंडर?
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत पर आधारित है. इस कैलेंडर मे चैत्र इसका पहला महीना होता है और यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ चलता है. वैसे इस साल की शुरुआत मार्च- अप्रैल में होती है, जब चैत्र का महीना आता है तब न्यू ईयर के रूप में गुड़ी पाड़वा, नवरात्र जैसे पर्व मनाए जाते हैं. भारतीय कैलेंडर की शुरुआत साल 1957 में की गई थी.
कैसे बना आधिकारिक कैलेंडर?
भारत सरकार ने नवंबर 1952 में प्रोफेसर मेघनाद साहा की अध्यक्षता में एक कैलेंडर रिफर्म करते हुए कमेटी का गठन किया, ताकि इस कमेठी की सिफारिशों पर एक राष्ट्रीय कैलेंडर बनाया जा सके. इस दौरान कमेटी ने सोलर कैलेंडर की सिफारिश की, जिससे उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर तिथियों के साथ आधिकारिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सके. इसी के साथ ही कमेटी ने कई और सिफारिश की, कमेठी की इन सिफारिशों को सरकार ने मान लिया. ओर इस तरह यह आधिकारिक कैलेंडर बना.
कैसा है राष्ट्रीय पंचांग?
वैसे तो भारत में दो तरह के क्षेत्रीय कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमे एक है सौलर और दूसरा लूनी सोलर कैलेंडर है. भारत का नेशनल कैलेंडर खगोल विज्ञान केंद्र के द्वारा तैयार किया गया है और यह सोलर कैलेंडर है. इस कैलेंडर मे शक युग का उपयोग किया गया है. ऐसा ही ग्रेगोरियन कैलेंडर यानी जनवरी माह से शुरू होने वाला कैलेंडर भी है.
यही कारण है की यह पंचाग पूरे देश में मानक रुप से उपयोग किया जाता है और इसे देश मे सटीक कैंलेंड्रिक डेटा के रुप में इस्तेमाल किया जाता है. हमारे राष्ट्रीय पंचांग में शक युग साल का हर महीने की दिन की लंबाई निश्चित है. राष्ट्रीय पंचांग 1879 शक संवत् (1957-58 ईस्वी) से खगोल विज्ञान केंद्र द्वारा प्रकाशित किया जाता रहा है.
कैसे होते हैं महीने?
इस कैलेंडर में भी इंग्लिश कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं, इस कैलेंडर मे चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन माह शामिल है. जैसे अंग्रेजी कैलेंडर में 30 दिन होते हैं, वैसे इस कैलेंडर मे भी 30 दिन होते हैं, लेकिन इसमें दो पखवाड़े होते हैं जिन्हे 15-15 दिन के दो पक्ष में विभाजित किया जाता है, इसमे सप्तमी, नवमी, दशमी जैसी तिथियां शामिल होती हैं.
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