“संसाधनों के सर्वश्रेष्ठ और उपयोगी दोहन से ही वे जीवन में साध्य बन सकते है”
KAUSHAL DUGGAR SUCCESS STORY : कुछ ऐसे ही देश में उपलब्ध संसाधनों का सही मायने में उपयोग करते हुए अपने बिज़नेस की नीव रखी है आज की हमारी इस यात्रा के राही ‘कौशल दुग्गर’ ने जहा उन्होंने अपनी पढाई को पूरा कर एक अच्छी जॉब पाते हुए विदेश में काम किया लेकिन मन में स्वदेश और खुद का कुछ करने की कामना लिए वह से सब कुछ छोड़ भारत लौट आये और वह कर दिखाया जिसके लिए किसी ने नहीं सोचा था.
आज उनका बनाया गया ब्रांड “टी-बॉक्स” विदेशो में धूम मचा रहा है जिनसे उन्हें सालाना 16 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर मिलता है.
बचपन से दिमाग में घूमते थे IDEA
कौशल के दिमाग में बचपन से ही बिज़नेस आइडियाज घूमते रहते थे, जहा वे बचपन में अपने फ्रेंड्स को कॉमिक्स देने के बदले में उनकी कैंडी और चॉक्लेट एक्सचेंज किया करते थे.
KAUSHAL DUGGAR का बचपन
कौशल का जन्म भारत के सुदूर उत्तर – पूर्वी राज्य आसाम के सिलीगुड़ी में हुआ था, बचपन से ही वे पढ़ने में होसियार थे सो परिवार के सदस्यो ने उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्होंने अपनी बैचलर ऑफ़ बिज़नस मैनजमेंट की शिक्षा सिंगापूर मैनेजमेंट यूनीवर्सिटी से पूरी की. वही पर एक कंपनी में फाइनेंसियल कंसलटैंट की जॉब पर लगे जहा उनका पैकेज लाखो में था.
लेकिन यह चमक-दमक उन्हें ज्यादा रास नहीं आयी और मन ही मन स्वयं के लिए कुछ करने की चाह में पुनः भारत लौट आये, भारत आकर अपने गांव में बड़े भाई के चाय के बागान में उनका काम संभालने लगे उनके बड़े भाई चाय एक्सपोर्ट का बिज़नेस करते थे.
दिमाग में आया ‘TEA-BOX’ शुरू करने का IDEA
कौशल ने वह देखा की अभी भी जो सिस्टम अपनाया जा रहा है वो बेहद पुराना और आउट डेटेड हो चूका है यहाँ से ही उन्हें खुद का एक आईडिया दिमाग में आया और फिर उन्होंने वर्ष 2012 में अपना खुद का एक उच्च स्तरीय टी ब्रांड “TEA-BOX” की स्थापना की जहा वे लोगो को एकदम फ्रेश चाय उत्पादक से सीधे कस्टमर तक पहुचाते थे.
उनका यह आईडिया काम कर गया और उन्हें तुरंत ही सफलता मिनी शुरू हो गयी जब उनका ब्रांड विदेशो में खूब चलने लगा. इस सफलता के बाद उन्होंने इसको नई टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ते हुए ऑनलाइन माध्यम से भी प्रमोट करना शुरू कर दिया. इससे देखते ही देखते इनका कारोबार 80 देशो में जा पंहुचा जहा लोगो को एकदम फ्रेश टी बेहद ही काम समय में डायरेक्ट पंहुचा दी जाती थी.
चाय बागान से सीधा माल लेना शुरू किया
इसके लिए उन्होंने चाय बागान से सीधे माल लेना शुरू किया यह सारे बागान आसाम राज्य के अलग अलग शहरों में ही थे अतः उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई साथ ही उनके बड़े भाई का भी एक्सपोर्ट बिज़नेस था. अतः उन्होंने भी इस काम में मदद करते हुए चाय बागान मालिकों से डायरेक्ट माल खरीदना शुरू किया फिर वे तैयार माल की एक बार सफाई कर मात्र 48 घंटे के भीतर ही उसे वैक्यूम पैक में सील कर देते जिससे उसकी ताजगी बरक़रार रहे और वह से आर्डर को डिस्पैच कर देते थे.
इसके साथ ही कुछ समय में ही उन्होंने सिलिकॉन वैली के सबसे बड़े ग्रुप ऐक्स्लग्रुप को सफलता पूर्वक आकर्षित किया और 1 मिलियन डॉलर (7.5 करोड़ रुपये) इकट्ठे किये.
इसके बाद उनके इस आईडिया को भरपूर समर्थन और बिज़नेस मिलने लगा जहा बड़े बड़े व्यवसायी भी इनके बिज़नेस में इन्वेस्ट करना चाहते है.
भारत वैसे भी पूरी दुनिया में चाय के मामले में दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है लेकिन इस तरह के आईडिया के बारे में कौशल से पहले किसी ने नहीं सोचा था की चाय को भी एक विश्व स्तरीय ब्रांड बनाकर पैसा बनाया जा सकता है.
आज कौशल मात्र 32 वर्ष के युवा है जिन्होंने विदेश में प्राप्त लाखो के पैकेज वाली जॉब को छोड़ते हुए अपने लिए अपने खुद के आईडिया पर काम करने को तरजीह दी जिसका की नतीजा भी उन्हें बेहद सुखद मिला लगभग 80 देशो में कस्टमर बेस वाला इनका “टी-बॉक्स” स्टार्टअप सालाना 16 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर करता है.
अंत में इतना ही की हमारे देश में भी संसाधनों की कमी नहीं बस जरुरत है तो केवल कौशल दुग्गर जैसी पारखी नज़र की.
चलिए मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…….