“व्यक्ति के द्वारा की गई कठोर परिश्रम कभी भी विफल नहीं होती”
IAS ANURAJ JAIN SUCCESS STORY : उत्तर-प्रदेश राज्य के अनुराज जैन (IAS ANURAJ JAIN) ने अपनी दो साल की नौकरी को छोड़ते हुए यूपीएससी की राह चुनी ओर पहले प्रयास मे असफल होने के बाद वर्ष 2018 में अपने दूसरे अटेपम्ट में यूपीएससी परीक्षा के टॉपर्स की सूची में शामिल होते हुए उस वर्ष के साइकोलॉजी ऑप्शनल में हाईऐस्ट मार्क्स लाते हुए एक कीर्तिमान स्थापित किया.
इन्होंने यूपीएससी के लिए अपना पहला प्रयास 2017 में किया ओर इस परीक्षा मे इनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में 21वीं रैंक के साथ हुआ था. बाद मे इन्होंने वर्ष 2018 में आईएफएस सर्विस के प्रोबेशन पीरियड के दौरान फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी ओर वर्ष 2018 के यूपीएससी के एक्जाम मे अनुराज ने साइकोलॉजी में 333 अंक प्राप्त किए, जो कि संभवतः अभी तक किसी अन्य यूपीएससी स्टूडेंट के नहीं आए होंगे. इसी के साथ अनुराज का आईएएस बनने का सपना सच हुआ.
IAS ANURAJ JAIN की EDUCATION
अनुराज के एजुकेशन बैकग्राउंड की बात करे तो इन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई लखनऊ से ही प्राप्त की. अपने स्कूल की शिक्षा के बाद वे अपनी ग्रेजुएशन करने के लिए बिट्स पिलानी चले गए. यहां पर इन्होंने 2010 से 2014 तक अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया और ग्रेजुएशन के बाद इन्होंने दो साल 2014 से 2016 तक एक कंपनी में नौकरी की.
नौकरी के दौरान अचानक से ही वर्ष 2016 में अनुराज का झुकाव सिविल सेवा की ओर होने लगा ओर इन्होंने काफी रिसर्च के बाद अपनी नौकरी को अलविदा करते हुए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी ओर अगले वर्ष 2017 मे यूपीएससी का अपना पहला अटेम्पट दिया और इस परीक्षा मे इनका सिलेक्शन आईएफएस सेवा में हुआ.
वर्ष 2017 मे अपने पहले प्रयास मे इनका ऑप्शनल सब्जेक्ट साइकोलॉजी था जिसमें इन्होंने 267 नंबर प्राप्त किए थे. अगले वर्ष 2018 मे इन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी ओर इंप्रूव करते हुए ऑप्शनल में 66 अंक की उछाल मारी और इस वर्ष इन्होंने 333 का स्कोर करने के साथ साइकोलॉजी मे सबसे अधिक अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट बने.
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ऑप्शनल सब्जेक्ट को चुनते वक्त इन बातों पर दे ध्यान
अनुराज यूपीएससी की तैयारी कर रहे दूसरे कैंडिडेट्स को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने के बारे मे सलाह देते हुए कहते है कि, आपका ऑप्शनल सब्जेक्ट आपको सफलता दिलाने के साथ ही आपके कुल स्कोर को बढ़ाने में भी बहुत अहम भूमिका निभाता है इसलिए आप अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट बहुत सोच-विचार करते हुए अपने इंटरेस्ट के अनुसार ही चुनें.
यूपीएससी की परीक्षा के दौरान एक्जामर आपके ऑप्शनल सब्जेक्ट के बारे मे यह सोच रखता है कि इस सब्जेक्ट मे आपकी पकड़ उतनी है जितनी कि किसी खास विषय में एम.फिल या पीएचडी करने वाले कैंडिडेट मे होनी चाहिए इसके उलट ज्यादातर स्टूडेंट ने उस स्तर पर जाकर उस विषय को पढ़ा ही नहीं होता है. यूपीएससी मे एक्जाम लेने वाला आपकी विषय की गहराई को इस परीक्षा के माध्यम से मापता है. इसलिए यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट को ऑप्शनल की तैयारी अलग से और बहुत अच्छे से करनी चाहिए.
यूपीएससी की परीक्षा के दौरान आप किसी खास सब्जेक्ट को चुनते हुए सिविल सर्विस कमीशन को यह मैसेज देते हैं कि उपयुक्त विषय पर आपकी पकड़ अच्छी है. ऐसे मे आपके द्वारा चुने गए विषय का अत्यंत गहराई से अध्ययन करने के लिए जरूरी है कि आपकी रुचि भी उस विषय मे हो. ऐसे मे आप किसी अन्य टापर को देखते हुए या किसी की बातों मे आकर महज स्कोरिंग करने के उद्देश्य से ऑप्शनल सब्जेक्ट को न चुनें बल्कि आपकी रुचि को ध्यान मे रखते हुए आपके लिए जो उचित हो उसी सब्जेक्ट का चुनाव करे.
अनुराज का कहना है कि कई बार यह देखा गया है कि स्टूडेंट गलत ऑप्शनल सब्जेक्ट चुन लेता है ओर ऐसे मे वह अपने एक या दो अटेम्पट केवल इसी वजह से खराब कर देता हैं. ओर लगातार असफलताओ का मूल्यांकन करने के बाद उसे यह समझ आता है कि उसने सही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव नहीं किया था. इसलिए अपने मन को शांत करते हुए बहुत सोच-समझ कर अपना पूरा समय लेते हुए उस विषय के टापर के साथ राय-मश्वरा करने के बाद ही अपने ऑप्शनल चुनें.
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नेट पर मैटीरियल इकट्ठा करने मे समय नष्ट करने से बचे
अनुराज अपनी यूपीएससी की तैयारी का अनुभव साझा करते हुए कहते है की इन्होंने तैयारी के लिए एनसीईआरटी (NCERT) की क्लास 11 और 12 की किताबों पर अपना फोकस किया और बाजार में उपलब्ध स्टैंडर्ड बुक्स के द्वारा अपनी तैयारी की.
इसके अलावा इन्होंने कुछ दिन के लिए कोचिंग भी की और अपने एक सीनियर के बनाए हुए नोट्स से पढ़ाई की. इन्हे इनके सीनियर ने आंसर राइटिंग के बारे मे बताया की उत्तर को किस प्रकार से लिखें इसके साथ ही उन्होंने अनुराज को उनके आंसर की कमियों से भी वाकिफ कराया.
अपने सीनियर की मदद से ही अनुराज अपने आंसर्स को इंप्रूव कर पाए. अनुराज ने यूपीएससी सिलेबस के कुछ ऐसे टॉपिक्स जो कि किताबों में उपलब्ध नहीं है उन्हे इंटरनेट पर रिसर्च पेपर के फॉर्म में तलाशें और उनकी तैयारी की. अनुराज का कहना है की आपको इनकी ज्यादा गहराई में जाने की जरूरत नहीं है.
साइकोलॉजी विषय के बारे मे बताते हुए अनुराज कहते है कि बाकी विषयों की तुलना में साइकोलॉजी सब्जेक्ट का बहुत अधिक मैटीरियल नेट पर नहीं है. उन्होंने इस विषय की पढ़ाई के लिए बाजार मे उपलब्ध स्टैंडर्ड बुक्स और सीनियर के अलावा कोचिंग के नोट्स से ही अपनी तैयारी की.
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यूपीएससी परीक्षा मे उत्तर लिखने का फार्मूला
अनुराज का कहना है की उन्होंने अपने उत्तर को लिखते समय डेंट्स (DENTS) नाम के फॉर्मूले को फॉलो किया. इस फॉर्मूले मे डी का अर्थ – प्रश्न की डिमांड को समझकर उत्तर लिखना, ई – आपके पास प्रश्न से संबंधित एग्जाम्पल हैं तो उन्हें आंसर में डालिये, एन – इसका अर्थ है नेम ऑफ स्कॉलर, अर्थात अगर आप किसी भी स्कॉलर को जानते हैं तो उनका वर्णन जरूर करे यह साइकोलॉजी और सोशियोलॉजी जैसे विषयों में स्टूडेंट के लिए बहुत इंपॉर्टेंट होता है.
अगला शब्द है टी – अगर उस विषय की किसी थ्योरी के बारे मे आपको पता है तो आप उसके बारे मे जरूर बताए और एंड में आता है एस – अगर आपको प्रश्न से संबंधित कोई इस्केमेटिक आता हो इसे जरूर बताए.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…