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ANKUR GUPTA : 2 दोस्तों ने एक बेहतरीन आयडिया के द्वारा 4 महीने के अंदर 50 शहरों तक पहुँचाया बिज़नेस

“जिंदगी जख्मों से भरी है वक्त को मरहम बनाना सिख लों,
हारना तो है ही मौत के सामने पहले जिंदगी से जीना सिख लो।”

SUCCESS STORY OF ANKUR GUPTA : अक्सर ज़्यादातर बड़ी सफलताए बड़े शहरों से नहीं बल्कि छोटे शहरों से निकलती है. ऐसी ही एक छोटी सी शुरुआत गुजरात के एक छोटे शहर वड़ोदरा से एक कॉफ़ी शॉप के रूप में साल 2008 में हुई थी, वही छोटी सी शुरुआत आज लगभग 110 आउटलेट वाली एक विशाल और मशहूर शृंखला में बदल गई है.

इन आउटलेट्स में 50 कैफ़े और 60 स्नैक्स बार शामिल हैं और यह देश के लगभग पचास शहरों में फैले हुए हैं. आज की सक्सेस स्टोरी में हम बात करने जा रहे हैं ब्रूबेरीज (brewberrys) के सह-संस्थापक एवं निर्देशक, अंकुर गुप्ता (ankur gupta) और रौनक पटेल (raunak patel) के बारे में.

अंकुर गुप्ता और रौनक पटेल दोनों ने राजकोट में स्थित विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल एंड टूरिज्म मैनैजमेंट से होटल मैनेजमेंट में स्नातक की डिग्री हासिल की ओर उसके बाद दो दोस्तों की इस जोड़ी ने अपनी बिज़नेस की नई ओर अनोखी रणनीति के द्वारा देश की सबसे तेजी से बढ़ने वाली कॉफ़ी-चेन की शुरुआत की.

ब्रुबेरीज (brewberrys) की कमाई के साथ-साथ इसके ग्राहकों की संख्या भी बहुत ही तेज़ी के साथ बढ़ रही है. ब्रुबेरीज (brewberrys) की शुरुआत बारह लाख की शुरूआती लागत से हुई ओर आज इसका टर्न-ओवर करोड़ों रुपए में है.

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ankur gupta

ANKUR GUPTA और RAUNAK PATEL ने वडोदरा से की कैफ़े की शुरुआत

अंकुर गुप्ता और रौनक पटेल कॉलेज के दिनों से दोस्त हैं. रौनक को जहाँ फ़ूड प्रोडक्शन विभाग यानि की किचन पसंद है वहीँ अंकुर को सर्विस डिपार्टमेंट ज़्यादा पसंद है. इन दोनो दोस्तों द्वारा ब्रुबेरीज (brewberrys) का सबसे पहला कैफ़े गुजरात के वड़ोदरा शहर के बाहरी इलाके में मकरपुरा रोड पर खोला गया था. इस कैफ़े में ग्राहकों के लिए ताज़ा कॉफ़ी के साथ-साथ स्नैक्स, बुक्स, बोर्ड गेम्स और वाईफाई की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई थी.

अंकुर गुप्ता पूर्व राष्ट्रीय स्तर के बेसबॉल खिलाड़ी भी रह चुके है ओर इनकी पहले से ही यह सोच थी की उन्हें अपनी लाइफ़ में कुछ बड़ा करना है ओर उनके इसी उत्साह ने एक नए स्टार्ट-अप की शुरुआत की. सबसे पहले इन्होंने कैफ़े के लिए अपने माता-पिता को राज़ी किया फिर उसके बाद अपने सबसे करीबी दोस्त रौनक से अपने इस सपने के बारे में बातचीत की ओर उसके बाद कॉलेज के चौथे साल में ही दोनो दोस्तों ने मिलकर कॉफ़ी के बिज़नेस के लिए काम करना शुरू कर दिया था.

दोनो ने नौकरी कर पूँजी इकट्ठी की

अंकुर गुप्ता ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 2005 में कैफ़े कॉफ़ी डे में प्रैक्टिस की और रौनक ने मेर्रियट बाल्टिमोर, अमेरिका में काम किया और साथ-ही -साथ उन्होंने स्टारबक कीओस्क में भी काम किया, अंकुर ने इस दौरान हयात होटल में ट्रेनी के रूप में काम करते हुए अपने पैसे बचाये और रौनक ने भी अमेरिका के मर्रियट चेसहंट में काम करते हुए अपना बैंक बैलेंस बढ़ाया.

कुछ समय बाद इन दोनो दोस्तों ने अपनी नौकरी के दौरान बचाये हुए रुपयों के साथ अपने परिवार से कुछ पैसे उधार लेकर कुल बारह लाख के लागत से अपना कैफ़े का बिज़नेस शुरू किया. शुरुआत में इनके पास अपने कैफ़े के विस्तार के लिए पूंजी की कमी थी के किंतु इसके बावजूद अंकुर ने इसे बढ़ाने की सोची और 2009 में इसकी एक फ्रैंचाइज़ी शुरू की.

इसके लिए सबसे पहली फ्रैंचाइज़ आउटलेट उन्होंने जयपुर में शुरू की और इसके तुरंत बाद इन्होंने सूरत और अहमदाबाद में भी अपनी फ़्रेंचाइज़ी की शुरुआत की. अगले साल यानी की 2010 तक उनके 25 फ्रैंचाइज़ी आउटलेट देश के 25 अलग-अलग शहरों में खुल चुके थे.

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TCS के साथ काम करते हुए पाई सफलता

इनकी सफलता को उस समय पर लग गए जब एक दिन, उनके पास अचानक से एक अप्रत्याशित फ़ोन आया जिसने इन्हें एक बड़े पैमाने पर काम करने का अवसर दिला दिया. उनके पास यह फ़ोन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज से आया था जिसमें पासपोर्ट सेवा केन्द्र (PSKs) और TCS ने मिलकर ब्रूबेरीज (brewberrys) को कैफ़े में साझेदार बनाने के लिए अवसर उपलब्ध करवाया था.

TCS ने ब्रूबेरीज को PSKs के अंदर जगह दिलाई जिसका किराया ब्रूबेरीज को देना था. और इस प्रकार से उन्होंने 63 कैफ़े देश के 50 बड़े शहरों में सिर्फ़ ओर सिर्फ़ चार महीने के अंदर ही खोल दिए. इस प्रकार से एक ही वर्ष में इनका टर्न-ओवर 75 लाख से बढ़कर 4.5 करोड़ हो गया. कॉफ़ी बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने भी यह माना है की यह दूसरी ऐसी कॉफ़ी चेन है जो भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली है. 2015-2016 में इनका टर्न-ओवर बढ़कर 8.3 करोड़ हो गया था.

ब्रूबेरीज ने हैदराबाद मेट्रो में भी 20 आउटलेट खोलने के लिए करार किया ओर उसी के साथ उन्होंने सात आउटलेट सूरत के पास स्थित हाजिरा के एस्सार टाउनशिप में और जामनगर में भी खोले. ब्रूबेरीज ने केक स्टूडियो भी खोला है जिसके द्वारा देश के 50 शहरों में कही से भी केक आर्डर करने पर वहाँ तक केक भेजा जाता है. ब्रुबेरीज़ के अंतर्गत कॉफ़ी और केक का इतना अच्छा संगम हमें देखने को मिलता है. इस बिजनेस का आधार ही ग्राहकों की सच्ची सेवा है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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