AMAZING FACTS ABOUT YAWNING : अगर आप कभी किसी उबासी लेने वाले को देखते है तो आपने देखा होगा की आपको भी उबासी आने लग जाती है किन्तु ऐसा क्यों होता है ओर इसके पीछे का science क्या है चलिए जानते है.
AMAZING FACTS ABOUT YAWNING :
क्या आपने कभी गौर किया है कि जब आप दूसरों को उबासी लेते हुए देखते है तो आपको भी उबासी क्यों आने लग जाती हैं. इस बारे मे ज्यादातर लोगों का मानना है कि उबासी का मतलब नींद और बोरियत से होता है, लेकिन इसके पीछे एक विज्ञान काम करता है. उबासी को समझाने के लिए प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी ने एक रिसर्च की. इस रिसर्च के नतीजे लोगों के इस दावे को खारिज करते हैं कि इसका कनेक्शन नींद से है. चलिए जानते है उबासी क्यों आती है और दूसरों को ऐसा करते देखकर लोग जम्हाई क्यों लेते हैं?
व्यक्ति को उबासी आती ही क्यों है, पहले इसे समझते हैं. प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट कहती है, उबासी का कनेक्शन किसी भी व्यक्ति के दिमाग से होता है. व्यक्ति का दिमाग खुद को ठंडा रखने के लिए अक्सर ऐसा करता है. जब बाहर का तापमान ज्यादा होता है तो शरीर का तापमान कम होता है. वहीं, सर्दी के दिनों में शरीर का तापमान बाहर के मुकाबले ज्यादा होता है. ऐसी स्थिति में ब्रेन अधिक ऑक्सीजन खुद तक पहुचाकर अपना तापमान कंट्रोल करता है.
शोधकर्ताओं का कहना है की उबासी का कनेक्शन मौसम से भी है. प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओ द्वारा उबासी को समझने के लिए 180 लोगों पर रिसर्च की गई. इनमें से 80 लोगों पर गर्मी और 80 लोगों पर सर्दी में हुई रिसर्च की गई. इन पर हुई रिसर्च रिपोर्ट की जब एक दूसरे से तुलना की गई तो पता चला कि गर्मी के मुकाबले सर्दी के दिनों में ज्यादा लोगों ने उबासी ली.
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2004 में हुई एक रिसर्च के अनुसार 50 फीसदी लोग सामने वाले इंसान को ऐसा करते हुए देखकर उबासी लेने लगते हैं. आखिर इंसार दूसरों को उबासी लेता देखकर खुद क्यों उबासी लेने लगता है, इसे समझने के लिए म्यूनिख की साइकियाट्रिक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने 300 लोगों पर रिसर्च की. इस रिसर्च में शामिल लोगों को उबासी लेते हुए लोगों के वीडियो दिखाए गए. इसके बाद चौंकाने वाली बातें सामने आईं.
रिसर्च रिपोर्ट कहती है, वीडियो देखने के दौरान लोगों ने 1 से 15 बार तक उबासी ली थीं. इस रिसर्च के आधार पर शोधकर्ताओं का कहना है कि जब भी इंसान किसी को जम्हाई लेते देखता है तो उसका मिरर न्यूरॉन सिस्टम सक्रिय हो जाता है. इसका सीधा कनेक्शन इंसान के ब्रेन से है. मिरर न्यूरॉन सिस्टम सक्रिय होने पर वह इंसान को दूसरों की नकल करने के लिए प्रेरित करता है.
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