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IAS SAKSHI GARG : पिता का सपना था आईएएस बनना, नहीं बन पाए तो पुत्री ने आईएएस बन किया सपना पूरा

खुशनसीब है वे माता-पिता जिनकी संतान उनका अधूरा सपना पूरा करे

IAS SAKSHI GARG SUCCESS STORY : ज़िन्दगी में हर माता-पिता अपने बच्चो के भविष्य के लिए कई सारे सपने देखता है साथ ही इस जदोजहद में कई बार अपने कुछ सपनो के साथ समझौता भी करना पड़ता है किन्तु जब बच्चे अपने माता-पिता के देखे गए वे सपने जो वे पूरा नहीं कर पाए, उन्हें अपना जीवन लक्ष्य बनाकर साकार करते है तब खुशिया दोगुनी हो जाती है.


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IAS SAKSHI GARG

IAS SAKSHI GARG का बचपन


बिलकुल ऐसा ही किया है साक्षी गर्ग (IAS SAKSHI GARG) ने जहा उन्होंने अपने पिता के अधूरे सपने आईएएस अधिकारी के रूप में बन कर पूरा किया और परिवार के साथ ही जिले और गांव का नाम रोशन किया.

साक्षी का जन्म उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के रॉबर्ट्सगंज में हुआ था, जहा उनके पिता – कृष्ण कुमार गर्ग एक बिज़नेस में है और माता- रेनू गर्ग एक ग्रहणी है। साक्षी बचपन से ही पढाई में अव्वल रही है और अपनी अन्तर परीक्षा पास करने के साथ ही देश की सबसे बड़ी एवं कठिन परीक्षा का हिस्सा बनाने का मन बना लिया था.


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IAS SAKSHI GARG

बचपन से ही थी पढाई में अव्वल

साक्षी अपने बचपन से ही पढाई के प्रति जागरूक एवं होशियार थी, घर में भी शिक्षा के प्रति सजगता का माहौल था अतः साक्षी ने भी अपना पूरा फोकस पढाई के प्रति करते हुए हमेशा टॉप किया.


साक्षी ने अपनीओ कक्षा दश तक की पढाई रॉबर्ट्सगंज के ही ‘संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय’ से वर्ष 2010 पास की जहा उन्हें 76 फीसदी अंक मिले इसके बाद इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रकाश जीनियस इंटर कालेज से की.

यहाँ भी वर्ष 2012 में 12वी 81 फीसदी से पास कर जिले में टॉप किया इसके बाद कला संकाय में अपनी ग्रैजुएशन रॉबर्ट्सगंज के ही ‘राजकीय महिला महाविधालय’ से पूर्ण की. साक्षी ने अपनी ग्रैजुएशन वर्ष 2015 में 61 फीसदी अंको के साथ पास की थी.


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UPSC की तैयारी

साक्षी जब अपनी 12 वी कक्षा में थी और जब उसे अच्छे मार्क्स से पास कर जिले में टॉप किया तभी से आईएएस बनने का सपना देख लिया था किन्तु रॉबर्ट्सगंज में इसके लिए ज्यादा सुविधाए ना होते हुए अपनी ग्रैजुएशन तक का वेट किया इसके बाद जब साक्षी ने अपने पिता को आईएएस अधिकारी बनने का सपना साझा किया तो उनके पिता ने उनका हर तरह से सपोर्ट किया.

साक्षी के पिता भी अपने छात्र जीवन में आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था किन्तु कुछ विषम परिस्थितियों के चलते उनका सपना पूरा ना हो सका अतः अपनी पुत्री को सभी मुलभुत सुविधा देते हुए अपने अधूरे सपने को पूरा करने में लग गए.

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जब IAS की तैयारी के लिए दिल्ली गई


साक्षी ने भी अपनी ग्रैजुएशन पूरी करने के बाद आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया और वर्ष 2016 में अपना पहला एटेम्पट दिया जहा उन्हें असफलता हाथ लगी किन्तु हताश ना होते हुए अपनी कमियों को पूरा कर एक नए जोश एवं लगन के साथ अगले ही वर्ष 2017 में अपना दूसरा एटेम्पट दिया और देश में 350 वी रैंक प्राप्त करते हुए पिता के अधूरे सपने को पूरा किया.

साक्षी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता कृष्ण कुमार गर्ग को देते हुए बताती है की उनके पिता नहर कदम पर बड़े ही बेहतरीन ढंग से सपोर्ट किया साथ ही वे आगे कहती है की इस कठिन परीक्षा को पास करने के लिए युवाओ को एक समय में एक ही लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए साथ ही इसकी तैयारी को अपनी ग्रैजुएशन के साथ ही शुरू कर होता है.


साक्षी ने इतिहास विषय से यू पी एस सी की परीक्षा दी थी।    साक्षी ने आईएएस की परीक्षा महज 22 वर्ष की आयु में ही पास कर ली थी, साक्षी ने हिंदी माध्यम से परीक्षा दी एवं अपने माध्यम में देश में दूसरे स्थान पर थी.

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तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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