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IAS ABHISHEK KUMAR GARG : छोटी सी जगह के छोटे स्कूल में पढ़े लड़के ने कैसे तय किया IAS OFFICER का सफ़र

धैर्य रखना, कभी निराश मत होना;
जिसने तुमको बनाया है वो इस ब्रम्हांड का सबसे बड़ा लेखक है.”

Success Story Of IAS Abhishek Kumar Garg : झारखंड के रहने वाले अभिषेक कुमार (IAS ABHISHEK KUMAR GARG) उन कैंडिडेट्स के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं जिन्हें ऐसा लगता है कि छोटे बैकग्राउंड से आने के कारण वे यूपीएससी जैसी बड़ी परीक्षा देने के लायक नहीं है.

ज़्यादातर छोटे इलाक़े से आने वले लड़कों के मन में यह ख्याल तो आता ही होगा कि बड़े शहर के अंग्रेजी मीडियम से पढ़ें स्टूडेंट्स के सामने वे कुछ भी नही है ओर कहीं भी स्टैंड नहीं करते. झारखंड के अभिषेक कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के साथ ही सभी भ्रांतियों को तोड़ दिया हैं.

अभिषेक न तो किसी बड़े शहर से आते हैं और न ही उनकी स्कूलिंग किसी खास स्कूल से हुई है परंतु उसके बावजूद भी अभिषेक कुमार ने आईआईटी से लेकर आईएएस तक वह सब कुछ पाया है जो कभी उनके सपनों में था.

हालांकि अभिषेक की यूपीएससी की जर्नी इतनी भी आसान नहीं रही परंतु अभिषेक कुमार ने इस राह पर चलते वक्त कभी हिम्मत नहीं हारी और तब तक प्रयास किया जब तक उन्होंने अपने मन की रैंक प्राप्त नही की. आज जानते हैं अभिषेक से उनकी सफलता के बारे में…

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IAS ABHISHEK KUMAR GARG

यूपीएससी में सफलता के लिए देने पड़े कई प्रयास

अभिषेक एक इंटरव्यू के दौरान यह बताते हैं कि उन्होंने साल 2014 में यूपीएससी का अपना पहला अटेम्पट दिया जिसमें वे प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे, उस समय में जॉब कर रहे थे. पहली असफलता के बाद अगले साल उन्होंने फिर से इसके लिए प्रयास नहीं किया और अंततः 2016 में नौकरी छोड़ते हुए एक बार फिर से परीक्षा दी.

2017 के यूपीएससी के अपने दूसरे प्रयास में सभी बाधाओं को पार करते हुए अभिषेक कुमार यूपीएससी परीक्षा में सेलेक्ट हो गए. उस समय उनकी रैंक आइ थी 133, उस रैंक के अनुरूप उन्हें इंडियन रेवेन्यू सर्विस मिली.

इसके तहत वे नागपुर में असिस्टेंट कमिशनर ट्रेनी के पद पर काम कर रहे थे ओर उसी के साथ साल 2018 में अभिषेक ने एक बार फिर से कोशिश की और इस बार उनकी रैंक पिछले साल से भी ज़्यादा खराब आइ और उन्होंने 243वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की.

हालांकि इस बात के पीछे का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि अभिषेक कुमार ने लगातार यूपीएससी परीक्षा में तीन साल तक मेरिट में अपनी जगह बनाई थी जो किसी भी कैंडिडेट के लिए कभी भी आसान नहीं है. खैर इस रैंक के कारण अभिषेक की सर्विस अपग्रेड नहीं हो पाई  परंतु अभिषेक कुमार भी इरादों के पक्के थे ओर हार मानने वालों में से नही थे.

अभिषेक कुमार ने एक बार फिर से साल 2019 में एक ओर कोशिश की और इस बार वे टॉपर्स की सूची में अपनी जगह बनाने में सफल हुए. साल दर साल गुजरते वक्त के साथ अभिषेक कुमार के हौंसले कभी भी पस्त नहीं हुए. आखिरकार उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सफलता हासिल करते हुए ही माने.

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अपनी स्ट्रेंथ ओर विकनेस के आधार पर बनाए स्ट्रेटेजी

अभिषेक कुमार अपने द्वारा दिए गए इंटरव्यू में परीक्षा की तैयारी के बारे में स्ट्रेटेजी बनाने पर बात करते हुए कहते हैं कि कभी किसी और की स्ट्रेटजी को आंख बंद कर फॉलो न करें बल्कि आप हमेशा अपने अनुसार अपनी स्ट्रेटजी बनाएं.

यूपीएससी परीक्षा की शुरुआत एकदम बेसिक बुक्स से करें और सभी विषयों की एनसीईआरटी (NCERT) की किताब जरूर पढ़ें, इन किताबों से आपको बहुत ज़्यादा लाभ होगा. जब आप इन्हें पढ़ ले तब ही अगले लेवल पर जाएं. करेंट अफेयर्स की तैयारी ए लिए आप न्यूज पेपर पढ़ने के साथ-साथ बहुत से कोचिंग संस्थानों के मंथली कंपाइलेशंस आते हैं, आप अपनी च्वॉइस के हिसाब से उनमे से किसी को भी चुन लें और इनसे भी तैयारी करें.

यूपीएससी की तैयारी करने के लिए अधिक से अधिक मॉक टेस्ट दें और टेस्ट देने के बाद जो आंसर आपको नहीं आते उन्हें कहीं अलग लिख लें और उन्हें तब तक बार-बार पढ़ें जब तक की वे आपको याद नहीं हो जाते. अपनी गलतियों पर हर दिन काम करे ओट उन्हें सुधारे न की उन्हें ऐसे ही छोड दे. इसके साथ-साथ अभिषेक कुमार तैयरय के दौरान नोट्स बनाने पर भी यकीन करते हैं.

अभिषेक का कहना है कि तैयारी करते वक्त यूपीएससी का सिलेबस हमेशा ध्यान में रखें और उसके अनुसार नोट्स बनाते चलें. अपनी तैयारी के बारे में अभिषेक बताते हैं कि उन्होंने नोट्स इस प्रकार से बनाए थे की तीन साल पहले के नोट्स भी कभी बेकार नहीं हुए.

क्योंकि अगर किसी विषय पर कोई नया अपडेट आता था तो वे उसे उन्हीं नोट्स में ऐड कर लेते थे यानी उन्हें ही एक बार फिर से अपडेट कर लेते थे. नोट्स बनाने का एक फायदा यह भी होता है कि परीक्षा के समय में उनसे बड़ी ही आसानी से रिवीज़न किया जा सकता है.

IAS ABHISHEK KUMAR GARG की यूपीएससी कैंडिडेट को सलाह

अभिषेक कुमार दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट्स को यही सलाह देते हैं कि पढ़ाई के लिए फिक्स घंटे नहीं होते. आप सदैव अपनी क्षमताओं और जरूरत के अनुसार पढ़ाई करिए. आपको जब कभ भी लगे की बहुत थक गए हैं तो ऐसी स्थिति में ब्रेक ज़रूर लीजिए क्योंकि ठीक से पढ़ाई के लिए आपको अपने माइंड को फ्रेश रखना बहुत जरूरी है.

खुद को कभी भी पूरी तरह थका न लें बल्कि बीच में ही कोई दूसरा काम जो आपको पसंद हो आप वह काम कर लें. तैयारी के साथ-साथ अपने परिवार और दोस्तों के जो भी आपके खास हैं, उनके संपर्क में हमेशा रहें क्योंकि यही जब आप नर्वस होते है तो आपका संबल बनते हैं. जैसे अभिषेक कुमार के परिवार की तरफ से उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था.

दिल्ली के जिस रूम में रहकर अभिषेक कुमार तैयारी कर रहे थे वे वहां अपने दोस्तों के साथ कई विषयों पर चर्चा करते थे जिससे उनके सामने किसी भी विषय के बारे में बहुत से दूसरे एंग्ल भी सामने आते थे. ऐसा करने से आपकी सोचने की क्षमता बढ़ती है और साथ चर्चा करने से व्यक्ति के कांफिडेंस में भी बढ़ोत्तरी होती है.

तैयारी के अलावा अभिषेक आंसर राइटिंग और रिवीजन पर भी बहुत ज़्यादा ध्यान देने के लिए कहते हैं. वे कहते हैं शुरू में आप सिर्फ़ अच्छा आंसर लिखने पर फोकस करें अपने स्पीड की चिंता न करें जब एक बार आप आंसर अच्छा लिखने लगें तो उसके बाद धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ायें.

निबंध और एथिक्स के पेपर को हमेशा बराबर महत्व दें और खूब टेस्ट पेपर की प्रैक्टिस करें. अपने इंटरव्यू के अंत में अभिषेक यही कहते हैं कि आपके द्वारा की जाने वाली मेहनत का कोई अन्य विकल्प नहीं होता इसलिए अधिक से अधिक मेहनत करें, इतनी ज़्यादा महनात करे की आपको आपके लक की ज्यादा जरूरत ही न पड़ें. वे एक प्रचलित कविता कि इस लाइन को बहुत मानते हैं

“मेहनत करने वालों की हार नहीं होती”

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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