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AMEERA SHAH : पिता द्वारा गैरेज से की एक छोटी शुरुआत को बेटी ने बना दिया 3000 करोड़ का साम्राज्य

“जिनको अपने काम से मुहब्बत होती है फिर उनको फुर्सत नहीं होती है I”

AMEERA SHAH SUCCESS STORY : आज के आधुनिक जमाने में चाहे पढ़ाई हो या कारोबार या फिर कोई अन्य क्षेत्र हो, हमारे देश की बेटियों ने अपने बुलंद हौंसलो के दम पर हर जगह कामयाबी के बुलंद झंडे गाड़े हैं.

आज की इस स्टोरी में भी हम ऐसी ही एक सफल महिला कारोबारी अमीरा शाह (AMEERA SHAH) के बारे में बताने जा रहे है जो पेशे से भले ही एक डॉक्टर नहीं हैं, परंतु डॉक्टर्स की फैमिली से ताल्लुक रखने की वजह से अपने बचपन से ही हेल्थकेयर के क्षेत्र में कुछ बड़ा करना चाहती थीं.

अमीरा शाह की कुछ नया ओर क्रांतिकारी करने की सोच ने उनके पिता के द्वारा वर्षों से संचालित एक छोटी सी लेबोरेटरी को 3000 करोड़ की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तब्दील कर दिया. पहली भारतीय अंतरराष्ट्रीय पैथोलॉजी लैब की आधारशिला रखने वाली अमीरा शाह की कारोबारी सफलता अपने आप में अनोखी होने के साथ दूसरों से अलग भी है.

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AMEERA SHAH ने ग्रेजुएशन के बाद किया अमेरिका का रुख़

बात है साल 1980 की जब मेडिकल कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट करने के बाद समीरा के पिता डॉ सुशील शाह को उस समय देश की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं ने कुछ अलग ओर नया करने की प्रेरणा दी. ग्रेजुएशन ख़त्म करने के बाद उन्होंने अमेरिका का रूख किया ओर वहां के विभिन्न तरीकों और प्रक्रियाओं को पढ़ाई के जरिये अच्छे से समझा और फिर से भारत लौटते हुए ‘डॉ. सुशील शाह लैबोरेटरी’ नाम से एक पैथोलॉजी लैबोरेटरी की आधारशिला रखी. डॉ सुशील शाह ने बहुत ही कम पूंजी और अन्य रिसोर्सेज के अभाव में अपने घर के गैरेज से ही लैब का काम शुरू किया और अपने घर की रसोई को ही छोटे से क्लिनिक के तौर पर इस्तेमाल करने लगे.

डॉक्टर सुशील शाह उस जमाने के पहले ऐसे डॉक्टर थे जिन्होंने स्वास्थ्य जगत में लेबोरेटरी की तकनीक को हमारे देश में पेश किया था. डॉ शाह अपने कारोबार के साथ-साथ ही बेटी अमीरा को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति भी हमेशा से जागरूक रहे. अमीरा ने भी अपने पिता की तरह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका का रुख किया और वहाँ की टेक्सस यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की ओर उसके बाद मल्टीनेशनल फर्म गोल्डमन सँच से अपने करियर की शुरुआत की.

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AMEERA SHAH ने 2001 में भारत लौटने का निर्णय लिया  

कुछ सालों तक अमेरिका में काम करने के बाद अमीरा ने साल 2001 में फिर से भारत लौटने का निर्णय लिया. हालांकि जब अमीरा ने यह निर्णय लिया उस समय में देश के भीतर सूचना प्रोद्योगिकी और तकनीक आदि की बहुत ही सीमित मात्रा में उपस्थिति थी. डॉ शाह भले उस समय कुछ नया कर रहे थे किंतु उसके बावजूद भी उनके तौर-तरीके पुराने ही थे. उनके द्वारा दक्षिण मुंबई में 1500 वर्ग फीट क्षेत्रफल में यह लेबोरेटरी बिल्कुल अस्थायी तरीके से चल रही थी. हालांकि उस समय में वहाँ के इलाके में यह एकमात्र लेबोरेटरी थी और इस कारण से वह लोगों के बीच अपना विश्वास स्थापित कर चुकी थी.

डॉ सुशील शाह मन ही मन यह चाहते थे कि एक दिन वे पूरे भारत में अपनी लैबोरेटरी की एक श्रृंखला बनाएं लेकिन जमीनी स्तर पर इसका विस्तार कैसे करे यह बात उन्हें समझ में नहीं आ रही थी. अमीरा ने अपने पिता के इस सपने को समझते हुए उसे पूरा करने का बीड़ा अपने कंधो पर उठाया और डिजीटल संचार के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल करते हुए ‘डॉ. सुशील शाह लैबोरेटरी’ को मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर (Metropolis Healthcare Ltd) नाम से नए अवतार में पेश किया.

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आज मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर का बिजनेस 25 से ज्यादा देशों में फैला है

अमीरा ने धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने प्रयोगशालाओं का विस्तार करते हुए एक बड़ी ओर विशाल श्रृंखला बना डाली. कुछ ही वर्षों में उनकी कंपनी अपने काम के द्वारा लोगों का विश्वास जीतने में सफल रही. आज अमीरा द्वारा शुरू की गई मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर का बिजनेस 25 से ज्यादा देशों में फैल गया है.

सिर्फ़ इतना ही नहीं है आज मेट्रोपोलिस हेल्थ केयर 4 हजार से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मुहैया कराने के साथ में दुनिया की सबसे बड़ी पैथोलोजी लैब में से एक बन चुकी है. पिता डॉ सुशील शाह द्वारा शुरू की गई सिंगल लैब को 3000 करोड़ के बड़े एम्पायर में तब्दील करने वाली अमीरा शाह की गिनती आज दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिला बिजनेसवुमेन की सूची में प्रमुख रूप से होती है.

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Honours and awards of Ameera Shah

  • CNBC-AWAAZ CEO Awards 2019[22]
  • Business Today’s Most Powerful Women list, 2018,[23] 2019[21]
  • Tycoons of Tomorrow by Forbes India, 2018[24][25]
  • India’s Most Powerful Women in Business (ranked at no. 28) by Fortune India Magazine, 2019[7]
  • India’s Most Powerful Women in Business (ranked at no. 36) by Fortune India Magazine, 2018[6]
  • India’s Most Powerful Women in Business (ranked at no. 46) by Fortune India Magazine, 2017[5]
  • Asia’s Power Business Women 2015, Forbes[26]
  • Young Global Leader, World Economic Forum, 2015[27]
  • Women Leadership Award at the CMO Asia Awards, 2015[28]
  • Exemplary Women Leadership Award, World Women Leadership Congress & Awards, 2014[29]
  • 40 Under 40 Business Leaders by The Economic Times[30]
  • Young Achiever of the Year, CMO Asia Awards, 2011
  • Young Entrepreneur of the Year Award, 2011 by Entrepreneur India & Bloomberg[31]

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तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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