“हर सफलता के पीछे बड़ी मेहनत छुपी होती है.”
Success Story Of IAS Yashni Nagrajan : आज तक आपने जितनी भी सिविल सर्वेंट की सक्सेस स्टोरी पढ़ी होगी उनमे सभी में एक बात कॉमन देखने को मिलती है ओर वह है की सभी इस परीक्षा को दुनियाँ की सबसे कठिन परीक्षा मानते है ओर इसके लिए सबकछ छोड़कर सिर्फ़ यूपीएससी परीक्षा की ही तैयारी करते है.
यूपीएससी परीक्षा को लेकर ज़्यादातर कैंडिडेट्स को यह लगता है कि यह परीक्षा इतनी कठिन है कि इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए अलग से और फुल टाइम निकालकर पढ़ाईं करना बहुत ज़रूरी है. किंतु कई बार तो फुल टाइम तैयारी करने के बावजूद भी कई कैंडिडेट ऐसे होते है जो इस परीक्षा में सेलेक्ट नहीं हो पाते.
यशिनी नागराजन (IAS YASHINI NAGRAJAN) की स्टोरी अन्य सभी स्टोरी से बिल्कुल अलग है क्योंकि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए कभी भी अपनी नौकरी नहीं छोड़ी. हालांकि ऐसे हालात में उनके लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना मुश्किल था किंतु नामुमकिन नहीं. आज जानते हैं यशिनी नागराजन से उनकी यूपीएससी तैयारी से संबंधित कुछ टिप्स.
नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी के लिए टाइम मेनेजमेंट है जरुरी (IAS YASHINI NAGRAJAN)
यशिनी नागराजन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में बात करते हुए एक इंटरव्यू में कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी नौकरी करने के साथ नहीं की जा सकती है लेकिन उस स्थिति में टाइम मैनेजमेंट का सबसे बड़ा महत्व है.
अपना उदाहरण देते हुए वे कहती हैं कि वे भी नौकरी करती थी किंतु इसके बावजूद वे दिन के चार से पांच घंटे तो पढ़ाई के लिए निकाल ही लेती थी.
अगर एक इंसान चाहें तो वह पढ़ाईं के लिए किसी भी तरह से अपना समय निकाल सकता है. यशिनी अपना हर चीज का शेड्यूल पहले से ही बना लेती थी और अपने शेड्यूल को स्ट्रिक्ट्ली फ़ॉलो भी करती थी. वे हर विकेंड्स यानी शनिवार, रविवार को पूरे-पूरे दिन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी ही करती थी.
इस प्रकार पहले से टाइम-टेबल बनाकर और अपने लिए एडवांस टारगेट सेट करके यशिनी नागराजन ने यूपीएससी परीक्षा की अपनी तीययारी की और उनसे जहां तक संभव हुआ उन्होंने अपने समय को वेस्ट होने से बचाया.
यशिनी नागराजन ने यूपीएससी प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों के पहले तैयारी के लिए छुट्टी भी ली लेकिन इसके अलावा उन्होंने अपनी अधिकांश तैयारी नौकरी करने के साथ ही की.
यह भी पढ़े : IAS SAURABH PANDEY : 6 अटेम्पट में पांच में असफल होने के बाद कैसे बने IAS ऑफिसर

चौथे प्रयास में मिली यूपीएससी परीक्षा में सफलता
यशिनी नागराजन को यूपीएससी परीक्षा में सफलता उनके चौथे प्रयास में मिली है. इसके पहले वाले प्रयास में भी वे यूपीएससी के लिए चयनित हुईं थी पर उस समय उनकी रैंक 834 आई थी. वे उस समय अपनी इस रैंक से संतुष्ट नहीं थी ओर इसलिए उन्होंने एक बार फिर से प्रयास करने का निश्चय किया.
इसके पहले के दो प्रयासों में यशिनी नागराजन का यूपीएससी प्री में भी सिलेक्शन नहीं हुआ था. हालांकि यशिनी ने हर प्रयास के दौरान की गई गलतियों से सीखा और अगले अटेम्पट्स में उन्हें फिर से नहीं दोहराया. सफलता पाने में इतनी देर लगने के मुद्दे पर यशिनी कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में कई बार सफलता प्राप्त करने में अधिक समय लग जाता है इसलिए यह सबसे जरूरी है कि कैंडिडेट हिम्मत न हारे.
यूपीएससी परीक्षा में सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती पर ऐसे समय में खुद को मोटिवेटेड रखना जरूरी है. यशिनी अपने बारे में बताते हुए कहती हैं कि वे हमेशा से एकेडमिक्स में बहुत अच्छी थी और उनके नंबर भी बहुत अच्छे आते थे. यहां तक कि उन्होंने सीबीएसई बोर्ड में बारहवीं कक्षा में तो मेरिट लिस्ट में भी जगह बनाई थी.
यशिनी नागराजन को खुद पर पूरा भरोसा था किंतु जब यूपीएससी में उनका प्री में भी सेलेक्शन नहीं हुआ तो वे इस असफलता से बेहद हताश हो गईं थी और उन्हें इस बात को समझने में समय लगा कि दूसरी परीक्षाओं में और यूपीएससी परीक्षा में फर्क होता है. ओर इस प्रकार उन्होंने सच्चाई को स्वीकार करते हुए कुछ समय में खुद को इसके लिए तैयार कर लिया.
यूपीएससी परीक्षा में असफलता का कारण
यशिनी नागराजन इस बारे में कहती हैं कि किसी भी कैंडिडेट को परीक्षा में असफल होने के बाद विश्लेषण करते हुए सबसे पहले अपने वीक प्वॉइंट्स आइडेंटिफाई करने चाहिए और उसके बाद जल्द से जल्द उन्हें दूर करना चाहिए. इंटरव्यू में उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात करते हुए कहा हैं कि जैसे उनकी स्वयं की बहुत बड़ी कमी थी ऑप्शनल सब्जेक्ट की.
यशिनी नागराजन ने पहले गलत ऑप्शनल सब्जेक्ट चुन लिया था क्योंकि उनके सभी दोस्तों ने भी वही सब्जेक्ट चुना था. तीन बार उन्होंने उसी ऑप्शनल सब्जेक्ट के साथ परीक्षा दी किंतु चौथी बार में उन्होंने उसे बदलते हुए दूसरा सब्जेक्ट चुना. वे कहती हैं किसी भी कैंडिडेट के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव बहुत ज्यादा जरूरी है इसलिए आप बहुत सोच-समझकर ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव करे.
अगर आपको सब्जेक्ट का चुनाव करने में कंफ्यूजन हो तो जीएस की मदद लें सकते है. आप सबसे पहले सभी विषय की कीबाबो को पढ़कर देखें कि किस विषय में आपको सबसे अधिक रुचि आ रही है. अगर आपको इसके बाद भी कुछ समझ न आए तो पिछले सालों के प्रश्न-पत्र देख लें.
इनकी सहायता से आप बड़ी ही आसानी से तय कर सकते हैं कि कौन सा विषय आपके लिए ठीक रहेगा. किसी दूसरे स्टूडेंट को देखकर ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनने का निर्णय न लें. इसके साथ ही आप चाहे तो टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर उनसे भी इस बारे में मार्गदर्शन ले सकते है.
यह भी पढ़े : IAS GUNJAN SINGH : IIT से लेकर IAS तक, ऐसे तय किया अपना सफर

फ्री में उपलब्ध है ऑनलाइन मेटेरियल
यशिनी नागराजन यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में कहती हैं इस परीक्षा की तैयारी के लिए करेंट अफेयर्स की बुकलेट और मॉक टेस्ट. इन दोनों का बहुत ज़्यादा ध्यान रखें. इसके अलावा यशिनी नागराजन कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी नहीं की ऑनलाइन मैटीरियल पाने के लिए पैसे खर्च किए जाएं.
यूपीएससी की तीययारी से संबंधित न जाने कितनी साइट्स हैं जो फ्री में और बहुत अच्छा मैटीरियल आपको उपलब्ध कराती हैं. दूसरी सबसे जरूरी बात यह है कि केवल मॉक टेस्ट देने से ही आपकी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी पूरी नही हो जाती.
स्टूडेंट्स को अपने उत्तर को एनालाइज भी करना चाहिए ओर अपनी ग़लतियों को सुधारना चाहिए. अपने आंसर्स को सुधारते हुए उसे टॉप लेवल का बनाएं. इस दौरान संभव हो तो डायग्राम्स और फ्लोचार्ट की मदद ज़रूर लें.
इंटरव्यू के अंत में यशिनी नागराजन यह कहते हुए अपनी बात खत्म करती हैं कि अगर सही दिशा में उचित मार्गदर्शन के साथ अगर आप आगे बढ़ेंगे और जितना पढ़ेंगे उसे मन लगाकर पढ़ेंगे तो आपके लिए वह दिन दूर नहीं होगा जब आपकी मंजिल आप के कदमों में होगी.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…