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REWAZ CHETTRI : 300 रुपये की पॉकेटमनी से एक बेहतरीन आइडिया द्वारा खड़ा किया करोड़ों का कारोबार

“अगर आप हार नहीं मानते, तो आपको कोई नहीं हरा सकता.”

SUCCESS STORY OF REWAZ CHETTRI : हमारे देश की युवा पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से ज्यादा मेहनती है. आज की युवा पीढ़ी कठिन परिश्रम करने की बजाय स्मार्ट तरीके से काम करने में अधिक विश्वास करती हैं. इसी का परिणाम है की बहुत सारे स्टार्ट-अप बाज़ार में सफलता पूर्वक चल रहे है और उसी के साथ हर रोज नए-नए स्टार्ट-अप भी उभरकर सामने आ रहे है.

परंतु इसी बात के साथ एक सच्चाई यह भी है की हर स्टार्टअप में बाजार को समझने की शक्ति नहीं होती है और इसी कारण वह थोड़े समय बाद स्वयं को बाज़ार के अनुसार नही ढालने के कारण खत्म हो जाती. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी मेहनत और होशियारी के दम पर एक नया मक़ाम हासिल करते हैं.

REWAZ CHETTRI का जीवन परिचय

आज की सक्सेस स्टोरी भी ऐसे ही एक स्टार्टअप NE-टैक्सी (ne.cab) के फाउंडर और सीईओ रिवाज छेत्री (REWAZ CHETTRI) की है जिन्होंने अपने कॉलेज के दूसरे वर्ष में ही अपना बिज़नेस शुरू किया. रिवाज छेत्री का जन्म 1994 में सिक्किम के गंगटोक में हुआ था. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के नार्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से फॉरेस्ट्री में अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया. उनके स्वर्गीय पिता एक पोल्ट्री किसान थे और उनकी माँ एक साधारण गृहणी हैं.

“मैंने NE-टैक्सी की शुरूआत अपने कॉलेज के दूसरे वर्ष में की थी. इसकी शुरूआत में मुझे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मैंने अपनी पॉकेटमानी के 300 रुपये में डोमेन नाम खरीदकर यह बिज़नेस शुरू किया था. इसकी शुरुआत के पहले ही दिन मैं यह बात अच्छे से समझ गया कि जिस जगह पर मैं अपनी कंपनी को देखना चाहता हूँ वहाँ तक पहुचने के लिए मुझे वैसी ही मेहनत भी करनी पड़ेगी. मैंने इसे साल 2013 में शुरू किया और 2017 में इसके एप्लीकेशन को डेवलप करने के साथ लांच किया.”

रिवाज

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REWAZ CHETTRI

REWAZ CHETRI की चुनौतियाँ ओर संघर्ष

रिवाज़ का आने वाले समय को देखने का दृष्टिकोण और उनकी दृढ़ता दोनों ही बहुत ही ज़्यादा प्रबल थी. उन्होंने अपनी इस यात्रा में अनगिनत चुनौतियों का सामना किया. कई बार तो उनके सामने ऐसी भी विपरीत परिस्थितियाँ आइ जब उन्होंने इसे छोड़ने का भी मन बना लिया था.

शुरुआत में नार्थ ईस्ट के लोगों को एक कार रेंटल कंपनी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था. बहुत सारे ट्रेवल एजेंट्स ने भी उन्हें भ्रमित करने की कोशिश की परन्तु इसके बावजूद उन्होंने कभी भी अपना निर्णय नहीं बदला.

उनके बिजनेस ने उस समय सफलता की और अपने कदम बढ़ाने शुरू किए जब रिवाज़ छेत्री ने गीत गेरा को अपने बोर्ड में शामिल किया. उसके बाद से ही उनका बिज़नेस दिन-प्रतिदिन परवान चढ़ता गया. उन्हें उनके बिज़नेस प्लान के लिए YLC के द्वारा 5 लाख का कैश प्राइज भी मिल चुका है. उन्होंने प्राइज़ में मिला सारा पैसा अपने बिजनेस की एप्लीकेशन को डेवलप करने में लगा दिया. और उसके बाद फिर कभी भी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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ne.cab

300 रुपए से हुई बिजनेस की शुरुआत

“मैं गंगटोक में पला-बढ़ा था. मेरी सोच शुरू से ही यह थी कि मैं किसी भी तरह से सिक्किम के लोजिस्टिक्स की समस्या का समाधान करूँ. यहाँ के लोग सफर के दौरान बहुत सी समस्याओं से रूबरू होते हैं. जब मैं अरुणाचल प्रदेश में अपनी पढ़ाई कर रहा था, तब हमारे लिए सिर्फ़ बस ही सफर का एकमात्र साधन थी जो की उस समय गुवाहाटी से आती थी.

एक दिन मुझे एक आइडिया मिला मेरे इस आयडिया के द्वारा हमारे क्षेत्र में पहली बार यातायात के लिए लक्ज़री गाड़ियों का प्रयोग शुरू हुआ. और इसी के साथ मेरी यात्रा भी शुरू हुई. मैं अभी भी इस क्षेत्र की यातायात की व्यवस्था को सुधारने में लगा हुआ हूँ.”

मेने पहले दिन से ही बिज़नेस मॉडल को कमीशन के आधार पर शुरू किया था. रिवाज ने सिर्फ़ 300 रुपये से अपने इस बिज़नेस की शुरूआत की थी. इस बिज़नेस से जो भी कमाई हुई उन्होंने उसी में लगा दी. आज उनके कोर टीम में पांच सदस्य हैं और लगभग 50 कर्मचारी पांच से अधिक ब्रांच में काम करते हैं.

आज NE-टैक्सी का वार्षिक टर्न-ओवर करोड़ों रुपये में है. इनकी पांच प्रमुख ब्रांच गंगटोक, दार्जीलिंग, तवांग, गुवाहाटी और शिलांग में है. जब रिवाज़ छेत्री ने यह प्रोजेक्ट शुरू किया तब वे अपने लक्ष्य को लेकर आशावादी ओर जोश में थे और उन्हें इस बात का विश्वास था कि एक दिन वे सफल जरूर होंगे.

यद्यपि उनका यह रास्ता उनके लिए इतना आसान भी नहीं था. उनके पास अपने इस बिज़नेस को छोड़ने के अनेकों कारण थे परन्तु उन्होंने अपने लंबे समय दृष्टिकोण के बल पर अपने निर्णय को कायम रखा.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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