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IAS APARAJITA SINGH : एक एवरेज स्टूडेंट से पहले डॉक्टर फिर आईएएस ऑफिसर का सफर

“अगर साधारण इंसान मन मे ठान ले तो वह हर कार्य कर सकता है”

IAS APARAJITA SINGH SUCCESS STORY : हर साल देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्थान संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) के द्वारा यूपीएससी की परीक्षा ली जाती है. इस एक्जाम को पास करने के लिए लाखों अभ्यर्थी दिन रात कड़ी मेहनत करते है किन्तु सभी को इस एक्जाम मे सफलता नहीं मिल पाती है.

किन्तु कुछ स्टूडेंट इसे अपनी मेहनत ओर लगन के दम पर पास कर के ही मानते है ऐसी ही एक कहानी है आईएएस अपराजिता सिंह (IAS APARAJITA SINGH) की जो एक एवरेज स्टूडेंट थी किन्तु उन्होंने एक सपना देखा ओर वह सपना था आईएएस बनने का. ओर उन्होंने अपने पक्के निश्चय के द्वारा इसे पूरा किया.

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IAS APARAJITA SINGH

माँ-बाप के बिना नाना के यहा बीता बचपन

अपराजिता सिंह का पूरा बचपन अपने माँ-बाप के यहा पर ही बीता है क्योंकि उनके माता पिता ने बहुत छोटी उम्र मे ही उन्हे अपने नाना-नानी का यहा पर छोड़ दिया था. वे बचपन से ही कमजोर थी ओर उन्हे अधिकांश भारी कार्य करने मे समस्या आती थी किन्तु इसके बावजूद वे हार नहीं मानती थी.

उनके हार नहीं मानने के इसी गुण को देखते हुए उनके नाना ने बचपन मे उनका नाम अपराजिता रखा. वे शुरू से ही पढ़ाई मे भी औसत स्टूडेंट की श्रेणी मे ही आती थी. इसी कारण से उनका आधे से अधिक जीवन इन्ही सामान्य समस्याओ से लड़ने मे ही निकाल गया.

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IAS APARAJITA SINGH

हैंडराइटिंग खराब होने के कारण टीचर ने कॉपी चेक करने से किया मना

जो स्टूडेंट यह सोचते है की किसी भी बड़ी परीक्षा को पास करने के लिए आपका मेघावी होना जरूरी है ऐसी स्टूडेंट के लिए अपराजिता प्रेरणास्त्रोत है, वे बचपन से ही औसत बुद्दि की विद्यार्थी रही है ओर उनकी हैंडराइटिंग बहुत ही खराब थी इसी कारण से एक बार उनकी एक टीचर ने उनकी कॉपी चेक की तो उन्हे कुछ समझ मे ही नहीं आया.

इससे क्रोधित होकर उन्होंने अपराजिता की कॉपी चेक करने से मना कर दिया. टीचर की उस बात से अनुराधा को गहरा धक्का लगा ओर उन्होंने यह निश्चय किया की अब उन्हे चाहे कुछ भी करना पड़े किन्तु वे अपनी हैंडराइटिंग को सुधारकर ही दम लेगी. ओर उन्होंने अपने कठिन प्रयासों के दम पर ऐसा कर भी दिखाया. यही घटना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन गई. 

जहां से अपराजिता ने अच्छा करना शुरू कर दिया और एक के बाद एक परीक्षा पास करती  चली गई. उनके द्वारा MBBS पास करना भी इसी कड़ी में उनकी अगली सफलता थी जो किसी एवरेज स्टूडेंट्स के लिये आसान नहीं होती.

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IAS APARAJITA SINGH ने बचपन से देखा आईएएस बनने का सपना

अपराजिता सिंह एक बार अपने नाना के साथ कही जा रही थी तभी उन्होंने अपने पास से एक आईएएस ऑफिसर की गाड़ी को गुजरते हुए देखा और अपने नाना से पूछा कि यह गाड़ी किसकी है. उनके द्वारा पूछे जाने पर उनके नाना ने उन्हें बताया कि ये आईएएस ऑफिसर की गाड़ी है इसके साथ उनके नाना ने उन्हे यह भी बताया की आईएएस ऑफिसर उस पूरे जिले का मालिक था.

बस उस समय से अपराजिता ने अपने मन मे सोच लिया था कि वे भी एक दिन आईएएस ऑफिसर ही बनेंगी. किन्तु हायर स्टडीज में पहुंचने के बाद उनके जीवन में कुछ ऐसी घटनाए घटित हुई जिसके कारण उन्हें पहले एमबीबीएस (MBBS) करना पड़ा पर एमबीबीएस पास करने के बाद उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा दिया.

अपराजिता के लिए यह राह कभी भी आसान नहीं थी उनके द्वारा घर वालों से अपनी इच्छा के बारे मे बात करने पर घरवालों ने कहा था कि यदि वे चाहती हैं तो इसके लिए एक बार ट्राय कर सकती हैं ऐसा इसलिए था क्योंकि परिवार में सबका झुकाव मेडिकल की तरफ ही था.

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IAS APARAJITA SINGH की राह रही मुश्किलों से भरी

अपराजिता को यूपीएससी की तैयारी करने के लिए घर से एक साल की मोहलत मिली थी इस कारण उनके ऊपर इस परीक्षा को पास करने का प्रेशर था. ऊपर से यूपीएससी की परीक्षा कहां इतनी आसानी से पास होती है. उनके साथ भी यही हुआ ओर अपने सारे प्रयासों के बावजूद अपराजिता का पहली बार में सेलेक्शन नहीं हुआ.

पहली बार असफल होने के बावजूद उनका मन देखकर परिवार वालों ने उन्हे सपोर्ट किया और इस तरह से उनकी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी फिर से शुरू हुई. इस दौरान अपराजिता अपनी ड्यूटी के साथ ही परीक्षा की तैयारी भी कर रही थी. ऐसे ही उनके पास दो कामों का दबाव था.

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यूपीएससी की तैयारी के दौरान हुआ चिकनगुनिया

यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान बीच मे उन्हें चिकनगुनिया हो गया. अब आप यह तो जानते ही है की यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिये एक-एक दिन का कितना महत्व है. ऐसी स्थिति मे कोई बीमारी के नाम पर हफ्तों आराम तो नहीं कर सकता. उनकी तैयारी भी किसी प्रकार से चल रही थी की उनके फ्रैक्चर भी हो गया.

नियति ने भी शायद उनकी परीक्षा लेने का मन बना लिया था. लेकिन अपराजित, अपराजिता ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी परिस्थिति मे रुकने वाली नहीं हैं. उन्होंने इसी हाल में यूपीएससी परीक्षा दी ओर इसी के साथ अपराजिता सिंह सिनिसिनवाला ने साल 2018 की यूपीएससी परीक्षा 82वीं रैंक के साथ पास की और परिवार द्वारा उनके ऊपर किए भरोसे और अपने सपने को सच कर दिखाया.

अपराजिता की कहानी से हमे यह सिख मिलती है की व्यक्ति के लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं. अगर कोई व्यक्ति अपने दिल में ठान ले तो कुछ भी पाया जा सकता है. संघर्ष तो हर व्यक्ति के जीवन में होता है बस उनका प्रकार अलग होता है. भगवान ने आपके लिये जो संघर्ष चुना है उससे डरने के बजाय आप उसे अपना बना लीजिए फिर देखिए, जीत आपकी होगी.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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