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IPS SATYA SAI KARTHIK : कैसा रहा क्रिकेट के मैदान से IPS ऑफ़िसर बनने तक का इनका सफ़र

“कभी कभी किसी की जुनून को देख कर अपने आप में भी जुनून आ जाता है I”

Success Story Of IPS Topper Satya Sai Karthik : UPSC की परीक्षा को पास करते हुए IAS या IPS बनने का सपना तो हमारे देश के हर एक स्टूडेंट का होता है किंतु कई स्टूडेंट की कहानी ऐसी होती है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाते है.

हमारे समाज में ज़्यादातर लोग किसी न किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होते है ओर ज़्यादातर मामलों में जो बच्चे खेलकूद में आगे होते हैं उन्हें समाज द्वारा पढ़ाई में खुद-ब-खुद पीछे मान लिया जाता है. लेकिन हैदराबाद के रहने वाले सत्य साईं कार्तिक (IPS SATYA SAI KARTHIK) इस मामले में अपवाद हैं. सत्य साई कार्तिक को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था और उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल तक अपने कॉलेज को इस गेम में रिप्रेजेंट किया लेकिन इसके बावजूद वे कभी भीपढ़ाई में पीछे नहीं रहे.

उन्होंने अंडर -19 टीम में अपने स्टेट के लिए क्रिकेट खेला. पेशे से एक इंजीनियर रहे कार्तिक को अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद नौकरी मिल गई किंतु कुछ समय नौकरी करने के बाद उनके मन में यूपीएससी की परीक्षा देते हुए सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का ख्याल आया.

हालाँकि उन्होंने काफी पहले से ही इसके लिए अपने प्रयास भी शुरू कर दिए लेकिन उन्हें सफलता मिलने में काफी अधिक समय लग गया. कार्तिक ने सिविल सेवक बनने के लिए चार अटेम्पट्स दिए और चौथे अटेम्पट में उनका सेलेक्शन हुआ. इसके पहले के तीन प्रयासों में वे UPSC प्री तक क्लियर नहीं कर पा रहे थे. आज की कहानी में जानते हैं उनसे उनकी तैयारी के टिप्स.

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IPS SATYA SAI KARTHIK

IPS SATYA SAI KARTHIK का जन्म ओर शिक्षा (Education)

कार्तिक का जन्म तेलांगना, हैदराबाद में हुआ. उनकी स्कूल की एजुकेशन भी हैदराबाद में ही पूरी हुई और इसके बाद उन्होंने वहीं के एक लोकल कॉलेज से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के तुरंत बाद ही कार्तिक ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में करीब 6 महीने काम किया. किंतु मल्टीनेशनल कंपनी में इनका मन नही लगा ओर इसी दौरान उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने का ख्याल आया और यूपीएससी क्लीयर करने के इरादे से वे तैयारी करने में जुट गए.

कार्तिक के घर में उनके माता-पिता के अलावा उनकी एक छोटी बहन है जो कि बिजनेस संभालती है. कार्तिक को यूपीएससी की तैयारी के दौरान हर कदम पर हमेशा परिवार का सहयोग मिला लेकिन इसके बावजूद अपने द्वारा किए गए सभी प्रयासों के बाद भी उन्हें इस परीक्षा में बार-बार असफलता मिली. किंतु इन सबसे दुखी होने की बजाय कार्तिक ने कभी भी अपनी हिम्मत नहीं हारी और लगातार तैयारी करने में ही लगे रहे. अंततः अपने चौथे प्रयास में कार्तिक को साल 2019 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 103वीं रैंक हासिल हुई ओर उन्होंने इसी के साथ-साथ टॉप भी किया. 103वीं रैंक आने के कारण उन्हें आईपीएस सेवा एलॉट हुई.

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UPSC की तैयारी की शुरुआत कैसे की

IPS कार्तिक ने दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में यह बताया कि इस परीक्षा की तैयारी की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें से शुरुआत की. एनसीईआरटी की किताबें पढ़ने से न केवल उनका बेस मजबूत हुआ बल्कि वे अलग-अलग विषयों से भी वाकिफ हुए ओर उन्हें यह भी पता चला कि यूपीएससी के लिए आखिर उन्हें किस प्रकार की पढ़ाई करनी है.

इसके बाद में इन्होंने परीक्षा के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया ओर जब इन्होने सारी जानकारी इकट्ठा कर ली उसके बाद उन्होंने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट सोशियोलॉजी तय किया, इसके पीछे यह कारण था कि यह सब्जेक्ट इस परीक्षा में सफलता हासिल करने में अहम भूमिका निभाता है. सबसे पहले इन्होंने अपना बेस मजबूत किया उसके बाद कार्तिक ने कोचिंग ज्वॉइन की और वहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपने पूर्ण समर्पण भाव के साथ तैयारी करने लगे.

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आंसर राइटिंग और प्रैक्टिस टेस्ट्स हैं तैयारी के लिए जरूरी

कार्तिक का यह मानना है कि दिल्ली में कोचिंग करने के दौरान एक स्टेज पर आने के बाद जब उन्हें लगने लगा कि उनकी तैयारी एक लेवल पर पहुंच गई है तो उन्होंने इस परीक्षा को पास करने के उद्देश्य से आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी. दूसरे अन्य सफल कैंडिडेट्स की तरह कार्तिक का भी यही मानना है कि इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आंसर राइटिंग बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण है. आपने परीक्षा से पहले तक जो पढ़ा है जब तक उसे ठीक से लिख ही नहीं पाएंगे तो पढ़ने का कोई लाभ नहीं होगा.

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यूपीएससी प्री को हल्के में न ले

सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा की ही तरह प्री के लिए भी कार्तिक प्रैक्टिस को बहुत अचिक महत्व देते हैं. उनका कहना हैं कि जब एनसीईआरटी की किताबें आप ठीक ढंग से पढ़ ले तो उसके बाद स्टैंडर्ड बुक्स पर आ जाएं. जब इनसे भी आपकी तैयारी पूरी हो जाए तो उसके बाद आप अभ्यास शुरू कर दें. जितने अधिक से अधिक हो सके उतने अधिक टेस्ट दें क्योंकि यही आपको मुख्य परीक्षा में सफल बनाएंगे. यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट अपनी कमियों पर काम करें और उन्हें अभ्यास के दौरान ही समझकर दूर करें.

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फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी है ज़रूरी

पढ़ाई कैसे ओर कितनी करे इस बारे में जब कार्तिक से बाद की तो कार्तिक ने एक बात पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा और वह है स्टूडेंट द्वारा तैयारी के दौरान अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर फोकस करना. उनका यह मानना है कि जब तक स्टूडेंट फिजिकली और मेंटली एकदम फ़िट नहीं होगे तब तक वे अपना 100 परसेंट नहीं दे पाएगे. इसलिए इसके लिए अलग से समय निकालें और दिन में कम से कम आधा घंटा वर्कआउट जरूर करें.

मेंटल फ़िट रखने के लिए कार्तिक दिन में 15 से 20 मिनट तक मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइजेस करने पर भी ज़ोर देते थे. कार्तिक का परीक्षा को लेकर होने वाली टेंशन के बारे में कहना है कि परीक्षा के दिन या परीक्षा के पहले स्टूडेंट बिलकुल भी स्ट्रेस न लें वरना आपका प्रदर्शन खराब हो सकता है. अंत में वे इतना ही कहते है कि स्टूडेंट अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस को खुद फाइंडआउट करें और उन पर काम करें ओर लगातार सुधार करते रहे. स्टूडेंट खुद से ईमानदार रहें और अपनी और से तैयारी में किसी प्रकार की कमी न रखें. यूपीएससी की तैयारी के दौरान हो सकता है कि आपको सफलता मिलने में समय लगे परंतु इस दौरान अपनी मेहनत और समर्पण में किसी प्रकार की कमी न आने दें.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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