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IAS CHANDRIMA ATTRI : तीन बार असफल होने के बावजूद नही मानी हार, चौथी बार में बनी IAS OFFICER

“अवसर की प्रतीक्षा में मत बैठो. आज का अवसर ही सर्वोत्तम है.”

Success Story Of IAS Chandrima Attri : पानीपत, हरियाणा की रहने वाली चंद्रिमा (IAS CHANDRIMA ATTRI) ने साल 2019 में अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी-सीएसई परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. उन्होंने यह सफलता अपने चौथा प्रयास में प्राप्त की.

इससे पहले के अपने प्रयासों में वे इंटरव्यू राउंड तक नहीं पहुंची थी. आज की सक्सेस स्टोरी में चंद्रिमा बता रही हैं कि कैसे आप यूपीएससी सीएसई के ऐस्से के पेपर में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं.

चंद्रिमा यह भी इस बारे में भी बात करेगी की क्या होता है यूपीएससी परीक्षा में निबंध लिखने का सही तरीका और किन प्वॉइंट्स पर एग्जामिनर अधिक अट्रैक्ट होते हैं. चंद्रिमा ने निबंध में 143 अंक प्राप्त किए हैं उनके द्वारा प्राप्त अंक 2109 के टॉप स्कोर्स में से एक हैं. चंद्रिमा ने एक इंटरव्यू के दौरान निबंध पेपर के लिए जरूरी सलाह दी.

समय का सही प्रबंधन करना है ज़रूरी

चंद्रिमा कहती हैं कि निबंध के पेपर को सॉल्व करने के लिए यूपीएससी की परीक्षा में तीन घंटे मिलते हैं इस दौरान परीक्षार्थी को दो निबंध लिखने होते हैं. वे कहती है कि ऐसे में परीक्षार्थी पूरे समय को दोनों निबंध के हिसाब से डेढ़ घंटे एक निबंध के अनुसार बांट लेती थी.

चंद्रिमा इस बारे में कहती है की सबसे जरूरी यह हैं कि निबंध लिखने में कभी भी किसी प्रकार की ल्दबाजी न करें. डेढ़ घंटे के पहले के 15 से 20 मिनट में आप रफ पेज पर जाकर निबंध का पूरा स्ट्रक्चर पहले से ही फ्रेम कर लें.

निबंध के विषय को लेकर जो भी बिंदु आपके दिमाग में आ रहे हों, उन्हें सबसे पहले कहीं पर लिख लें. इसी के साथ यह भी तय कर ले कि पहले आप सबसे पहले क्या लिखेंगे और बाद में क्या, आप निबंध की शुरुआत कैसे करेंगे और उसको ख़त्म कैसे करेंगे.

निबंध के विषय से संबंधित कहानी, केस स्टडी, डेटा, फैक्ट्स, एनिकडोट्स आदि जो कुछ भी आँको उस समय याद आ रहा हो सभी को एक-एक लाइन में लिख लें. चंद्रिमा इस बारे में यह मानती हैं कि शुरू के ये 15 मिनट आपको आगे बहुत मदद करते हैं इसलिए निबंध की रूप-रेखा पहले से ही अपने दिमाग में बनाकर ही निबंध को लिखना आरंभ करें.

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अलग टॉपिक चुनने के चक्कर में न पड़ें

निबंध का विषय कैसे चुने इस विषय के बारे में चंद्रिमा कहती हैं कि जो भी विकल्प आपको पेपर में दिए गए हैं, उनमें से आप सबसे अलग टॉपिक चुनने के चक्कर में कभी भी न पड़ें. यह कभी भी न सोचें कि आप उसरे स्टूडेंट से अलग या यूनिक विषय चुनेगे तो आपको दूसरों से अधिक अंक मिलेंगे.

दरअसल इस परीक्षा में अंक अलग विषय चुनने पर नहीं बल्कि आपके द्वारा चुने गए विषय पर आपके द्वारा कितनी गहराई और साफगोई से अपनी बात कही गई है, इस बात के आधार पर मिलते हैं.

विषय चाहे कॉमन हो, परंतु उस विषय पर आपकी पकड़ बहुत मजबूत होनी चाहिए. निबंध लिखते वक्त गहराई में उतरने की जगह अगर आप मल्टी डायमेंशनल होने की कोशिश करें तो आपके लिए अच्छा होगा. पेपर में दिए गए विषय से संबंधित सभी एरियाज को सबसे पहले कवर करने की कोशिश करें.

निबंध लिखते वक्त फ्लो मेंटेन ज़रूर करें

चंद्रिमा निबंध लिखने के तरीक़े के बारे में और अधिक बताते हुए कहती है कि निबंध लिखते वक्त हमेशा एक फ्लो मेंटेन करें. कभी भी ऐसा न हो कि आपके द्वारा लिखे गए निबंध का पहला पैरा कुछ और कह रहा है और दूसरा कुछ और.

हर पैरा दूसरे से जुड़ा हुआ होना चाहिए. एक बात को जोड़ते हुए आप दूसरी बात करें, आपके द्वारा लिखे हुए निबंध में बिखराव नहीं होना चाहिए. इसे और प्रभावशाली बनाने के लिए जहां पर भी आपको जरूरत हो वहाँ पर, फैक्ट्स, कोट्स, डेटा, एग्जाम्पल्स आदि डालते चलें.

आप पैरा में लिखना चाहते हैं या प्वॉइंट्स में, यह पूरी तरह से आपकी मर्जी पर निर्भर है, किंतु आप कोशिश करें कि आपके द्वारा लिखे गए निबंध के पैरा अधिक बड़े न हों. जो स्ट्रक्चर आपने निबंध के शुरुआत में बनाया था उसी के अनुसार आप आगे बढ़ें.

आपको निबंध लिखते वक्त सबसे पहले कौन सा बिंदु उठाना है, उसके बाद कौन सा यह योजना बनाते हुए उसी के अनुसार करें. आप चाहें तो निबंध के सबहेडिंग्स को भी आपस में बांट सकते हैं परंतु यह आपकी व्यक्तिगत च्वॉइस के आधार पर निर्भर करता है.

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IAS CHANDRIMA ATTRI

मुद्दे से कभी भी न भटके

कई बार निबंध लिखते वक्त स्टूडेंट के साथ ऐसा होता है कि वह निबंध लिखते वक्त उसके विषय से भटक जाते हैं, पेपर में दिए गए प्रश्न में पूछा कुछ और जाता है और वे कहने कुछ और लगते हैं.

निबंध लिखने के दौरान उससे जुड़ी हुई इंफॉर्मेशन डालना अच्छा है परंतु यह बात सदैव याद रहे कि आपके द्वारा निबंध में दी गई इंफॉर्मेशन आपके विषय से जुड़ी हुई हो यानी की रेलिवेंट हो. आप निबंध में ऐसे ही कुछ भी न लिख दें.

अंत में चंद्रिमा यह कहती हैं कि आपके द्वारा लिखा हुआ पढ़कर पढ़कर ऐसा लगना चाहिए कि आपको उस विषय की बहुत अच्छी जानकारी है. इसके लिए आप सबसे पहले आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस ज़रूर करें. चंद्रिमा खुद भी हर वीकेंड में दो निबंध, मेन्स एग्जाम के पहले ज़रूर लिखती थी.

वे कहती हैं अन्य पेपरों की तरह निबंध राइटिंग का भी खूब अभ्यास करें. चूंकि यह यूपीएससी परीक्षा में आपकी रैंक लाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है, इसलिए इस बात पर स्टूडेंट अपना पूरा ध्यान ज़रूर दें.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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