“मेहनत का फल कभी भी बेकार नहीं जाता. इस साल सेलेक्शन नहीं होगा अगले साल होगा पर प्रयास करेंगे तो सफल जरूर होंगे.”
Success Story Of IAS Abhishek Saraf : मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल के रहने वाले अभिषेक सराफ (IAS ABHISHEK SARAF) ने वैसे तो अपने जीवन में बहुत सारी सफलताएं हासिल की परंतु उनका यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने का सफर बहुत लंबा और कठिनाई भरा रहा.
अक्सर यूपीएससी एस्पिरेंट्स यह कहते ही हैं कि यह जर्नी हर मायने में दूसरों से अलग ओर खास होती है. अगर आप इसमें चयनित नहीं भी होते तो भी इतना कुछ तो ज़रूर सीख जाते हैं कि आपका जीवन पहले जैसा नहीं रह जाता, इस जर्नी के बाद आप एक इंसान के तौर पर पहले से बहुत ज़्यादा इम्प्रूव कर जाते हैं.
अभिषेक सराफ के जीवन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. अभिषेक सराफ को यूपीएससी के इस सफ़र में अपनी मनचाही रैंक मिलने में चार साल का समय लगा ओर इस सफ़र के दौरान वे इसकी तैयारी के विषय में बहुत ही बारीकी से जान गए. अभिषेक सराफ ने यूपीएससी से जुड़े एक-एक हिस्से को इतने अच्छे से समझा देते हैं कि किसी भी नये एस्पिरेंट को ज्यादा कठिनाई न हो.
अभिषेक ने कानपुर आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया. ग्रेजुएशन के बाद वे रेलवे में एक एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ट्रेनी के पद पर काम करने लगे. यहां पर काम करने के दौरान ही उनके साथ कुछ ऐसा घटित हुआ जिसके कारण से उनका रुझान यूपीएससी की और हुआ. ओर कूच इस प्रकार से शुरू हुआ अभिषेक का यूपीएससी का यह सफर जो शुरू होने के चार साल के बाद अपने लक्ष्य तक पहुंचा.
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यूपीएससी के लिए मोटिवेशन बड़ा होना चाहिए (IAS ABHISHEK SARAF)
दूसरे यूपीएससी कैंडिडेट्स के विपरीत अभिषेक सराफ साफ ओर स्पष्ट बोलने में यकीन करते हैं. एक इंटरव्यू में वे कहते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी करने के लिए सबसे पहले अपना मोटिवेशन पूरी तरह से निर्धारित कर लें कि आप यूपीएससी की परीक्षा क्यों देना चाहते हैं. अगर आपके यूपीएससी की तैयारी के पीछे कोई बड़ा कारण नहीं हुआ तो फिर आपकी तैयारी ज़्यादा दिन नही चलेगी.
अभिषेक सराफ इस बारे में आगे कहते हैं कि यूपीएससी का सफर ऐसा है कि इसमें आपको हर मोड़ पर निराशा होगी ही, इस दौरान आप डिप्रेस्ड भी होंगे, कई बार हार भी मानेंगे, आपको एंजाइटी होगी, गुस्सा भी आएगा और भी बहुत कुछ ऐसा होगा जो अपने कभी सोचा नही होगा. ऐसे में अगर आपका मोटिवेशन बड़ा नहीं है तो उस अवस्था में आप कुछ दिन तो जैसे-तैसे तैयारी कर लेंगे पर उसके बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाएंगे.
अभिषेक सराफ इस बारे में बिल्कुल साफ कहते हैं कि चाहे कोई भी कैंडिडेट हो, हर किसी को कभी न कभी इस दौर से गुजरना ही पड़ता है. यूपीएससी की तैयारी के दौरान कई बार आपको पढ़ा हुआ कुछ समझ नहीं आता है, कई बार आपका दिमाग थककर चूर हो जाता है, ओर पढ़ा हुआ याद नहीं रहता, टेस्ट में आपके अच्छे अंक नहीं आते वगैरह-वगैरह.
ऐसे समय में ब्रेक लेते हुए खुद को फिर से तैयार करना अलग बात है पर इसके विपरीत अपनी तैयारी छोड़ देने का निर्णय लेना अलग. इसलिए बहुत ज़्यादा सोच-समझकर इस जंग के मैदान में कूदें, क्योंकि यहाँ अर आपको बहुत सारी आहुतियां देनी होंगी.
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यूपीएससी की तैयारी के लिए स्टैंडर्ड बुक लिस्ट पर्याप्त है
अभिषेक सराफ यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक किताबों के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि किसी भी विषय की कोई अलग से किताब नहीं होती है बाजार में उपलब्ध स्टैंडर्ड बुक्स ही तैयारी के लिए पर्याप्त है इसलिए कुछ अलग तलाश करने की कोशिश न करें और इन्हीं किताबों से अपनी तैयारी करें.
इंटरनेट पर यूपीएससी टॉपर्स के बहुत से ब्लॉग्स उपलब्ध हैं, इन्हें ब्लोग्स को खोलने पर आपको तैयारी के लिए आवश्यक बुक लिस्ट मिल जाएगी. इसके अलावा कौन सी कोचिंग के कौन से नोट्स कारगर होते हैं, यह भी आपको इनके द्वारा पता चल जाएगा. तैयारी से पूर्व ही इस बारे में ठीक से पता कर लें और उसके बाद ही अपनी तैयारी शुरू करें.
अभिषेक सराफ जोर देते हुए कहते है कि यूपीएससी प्री, मेन्स और इंटरव्यू तीनों अलग-अलग परीक्षाएं हैं और तीनों की तैयारी भी अलग ही होनी चाहिए. हालांकि वे यह भी कहते हैं कि इस बारे में हर एक की अपनी सोच हो सकती है परंतु उन्होंने तैयारी के दौरान तीनों को अलग करके पढ़ा.
अभिषेक सराफ इस बात पर भी अधिक जोर देते हुए कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी के लिए आपको घर से बाहर जाने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. आप चाहे तो हर दो महीने में दिल्ली का एक चक्कर लगाएं और वहां जाकर कोचिंग के नोट्स ले, और वापस आ जाएं. इस प्रकार से आप घर से ही तैयारी कर सकते है.
अभिषेक सराफ कहते है कि वर्तमान समय में इंटरनेट पर सबकुछ बहुत ही आसानी से उपलब्ध है, आप जो चाहें वहां से ले सकते है. सोशल मीडिया के बारे में वे कहते है कि उन्हें इससे बहुत फायदा हुआ. हालांकि इसी के साथ वे उन लोगों को सोशल मीडिया इस्तेमाल न करने की सलाह देते हैं जो अपने दोस्तो को दूसरे अच्छे पदों पर कमाता देख, थोड़ा परेशान हो जाते हैं. उनका मानना है कि अगर यह समस्या आपको मानसिक रूप से परेशान करती है तो सोशल मीडिया से दूर रहें.
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तैयारी के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक है जरुरी
अभिषेक सराफ अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि पाधाइ से ब्रेक लेने के मामले में हर स्टूडेंट की अपनी स्ट्रेटजी होती है पर वे तैयारी के एक बड़े ब्रेक की बजाय बीच में छोटे-छोटे ब्रेक्स लेने में ज़्यादा यकीन करते हैं.
वे ब्रेक्स के साथ-साथ भरपूर नींद को स्टूडेंट के लिए बहुत जरूरी मानते हैं. उनका कहना है कि अगर ठीक से नींद नही लेंगे तो स्टूडेंट का दिमाग काम नहीं करेगा, ओर उसका शरीर तैयारी में उनका साथ नहीं देगा और इससे स्टूडेंट के बीमार होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. इसलिए हर दिन सात से आठ घंटे जरूर सोएं.
अभिषेक यूपीएससी की तैयारी के दौरान पावर नैप लेने पर बिलीव करते थे और दिन में कम से कम तीन बार दस मिनट की पावर नैप जरूर लेते थे. ठीक इसी प्रकार 15 दिन में एक बार या जैसा आपको ठीक लगे वैसे पूरे दिन का ब्रेक लेने के बारे में भी कहते हैं. इस दौरान आप चाहे तो मूवी देखिये, घूमने जाइये या फिर जो आपके मन में आए वह करे.
अभिषेक सराफ कहते हैं कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के पहले अपने लिए एक सपोर्टिंग लोगों का ग्रुप जरूर बनाएं, जिसमें आप अपने परिवार वाले, कुछ खास दोस्त, आपके टीचर और मेंटर को सामिल कर सकते है.
यूपीएससी का सफ़र बहुत लम्बा ओर थकाने वाला होता है इस सफर में जब कभी भी आप बार-बार डगमगाओगे तो ये लोग आपको न सिर्फ संभालेंगे बल्कि दोबारा मोटिवेट भी करेंगे.
अभिषेक सराफ कहते है की आपको कुछ बड़ा करना है तो आपके लिए जीवन में हमेशा पॉजिटिव लोगों का होना बहुत जरूरी होती है, इन लोगों से हर समय आपका हौसला बना रहता है.
इस जर्नी के दौरान सदैव निगेटिव लोगों से दूर रहें और अपने डाउट्स उनसे ही डिस्कस करे जो आपको क्रिएटिव वे में आपकी कमियां बताएं न कि आपको डिमोटिवेट करे.
इंटरव्यू के अंत में अभिषेक सराफ कहते हैं कि यह परीक्षा सिर्फ़ आपके ज्ञान की नहीं, बल्कि आपकी पर्सनेलिटी के साथ-साथ आपकी मेंटल स्टेबिलिटी ओर आपके पेशेंस के साथ आपकी कंसिसटेंसी की होती है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…