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IAS SAURABH PANDEY : 6 अटेम्पट में पांच में असफल होने के बाद कैसे बने IAS ऑफिसर

“खुद की पहचान चाहिए तो अकेले चलना पड़ेगा ।”

Success Story Of IAS Saurabh Pandey: हम हर दिन आपको यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफल कैंडिडेट्स की सक्सेस स्टोरी के बारे में बताते हैं. हर कहानी में कोई न कोई सफल व्यक्तित्व ओर उसकी यूपीएससी की जर्नी के बारे में बताते है किंतु उनमे से किसी-किसी का सफर इतना कठिन होता है कि उन सफल प्रत्याशियों के साहस की दाद देने का दिल करता है.

आज हम जिस कैंडिडेट की सफलता का जिक्र कर रहे हैं, उनके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. साल 2019 में अपने अंतिम और छटवें प्रयास में सफल होने वाले सौरभ पांडे (IAS SAURABH PANDEY) को उनकी सफलता से पहले पांच बार असफलता का मुंह देखना पड़ा.

कोई स्टूडेंट एक, दो या तीन बार तक अगर कोई सफल नहीं होता तो वह अपनी उस असफलता को किसी भी प्रकार से बर्दाश्त कर लेता है लेकिन पांच अटेम्पट और पांचों में असफलता प्राप्त करने के बाद में भी अपने हौंसले को न टूटने देना आसान नहीं होता.

ऐसे कैंडिडेट्स के जीवन में एक बार तो ऐसा समय आ जाता है जब उसे लगने लगता है कि शायद उसने जोश में आकर कही गलत क्षेत्र तो नही चुन लिया है. सौरभ पांडे के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ और पांचवें अटेम्पट के बाद उन्हें भी उस समय लगने लगा कि शायद वे गलत जगह पर प्रयास कर रहे हैं किंतु इसके बावजूद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. आखिरकार उनके द्वारा आख़िरी क्षण में की गई यह हिम्मत उनका जीवन बदलने वाली साबित हुई. आज की सक्सेस स्टोरी में जानते हैं सौरभ पांडे के यूपीएससी के सफर के बारे में.

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IAS SAURABH PANDEY

IAS SAURABH PANDEY का जन्म ओर शिक्षा (Education)

सौरभ पांडे मुख्यतः उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस के रहने वाले हैं. उन्होंने स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद बिट्स पिलानी से अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया और उसके बाद जॉब करने लगे. इससे पहले भी उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने का ख्याल आया था लेकिन नौकरी और नई जिंदगी की भागदौड़ में वे व्यस्त हो गए ओर इस विचार को कुछ समय के लिए भूल गए थे.

नौकरी करने के कुछ समय बाद ही उन्होंने एक बार फिर से अपने लक्ष्य की ओर जाने की सोची और मन ही मन पूर्ण निश्चय के साथ यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. 2014 में उन्होंने तैयारी करते हुए यूपीएससी का अपना पहला अटेम्पट दिया था. पहले प्रयास के समय उनकी तैयारी केवल तीन महीने की ही थी और इस कारण से स्वाभाविक था कि उनका सेलेक्शन नहीं होना था.

इसके बाद के दूसरे दो अटेम्पट्स में भी सौरभ पांडे का प्री में भी सिलेक्शन नहीं हुआ. इस तरह कुल मिलाकर उनके तीन अटेम्पट्स पूरे हो चुके थे और इस दौरान सौरभ को मेन्स में लिखने का भी मौका नहीं मिला था. चोथे प्रयास के लिए तैयारी करते हुए उन्होंने अपनी स्ट्रेटजी बदली ओर अपनी पिछली गलतियों से सीखा लेकिन इस बार भी उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था सिवाय इसके कि उनकी गाड़ी एक स्टेप आगे बढ़ी.

2017 के चौथे अटेम्पट में सौरभ ने प्री, ओर मेन्स दोनों क्लियर किए और इंटरव्यू तक पहुंचे पर फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. पांचवें अटेम्पट में उन्होंने और अधिक मेहनत की और इस बार भी इंटरव्यू तक पहुँचने के बावजूद भी वे सेलेक्ट नहीं हुए. यही वह समय था जब सौरभ को मन ही मन यह लगने लगा था कि वह किसी गलत फील्ड में आ गए हैं.

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IAS SAURABH PANDEY

जब ले लिया यूपीएससी छोड़ने का फैसला

जब सौरभ का यूपीएससी के पांचवें अटेम्पट में इंटरव्यू तक पहुंचने के बाद भी चयन नहीं हुआ तो उन्होंने मन ही मन तय कर लिया था कि अब वे इसके लिए और अधिक कोशिश नहीं करेंगे. हालांकि उनका रिजल्ट आने के बाद और अगला प्री का पेपर होने में बहुत कम समय बचा था.

अंत में उन्होंने इस बारे में अपने दोस्तों और परिवार की सलाह ली ओर अंत में तय हुआ की वे प्री परीक्षा तो देंगे उसके बाद फिर आगे का देखेंगे. ऐसे में सौरभ ने किसी प्रकार से यूपीएससी प्री की परीक्षा दी. ओर इस बार एक के बाद एक कर उनका सेलेक्शन होता चला गया. कुल मिलाकर देखा जाए तो जिस अटेम्पट में सौरभ ने पीछे हटने का पक्का निर्णय ले लिया था उसी में उन्हें उनकी सालों की तपस्या का फल मिला था.

सौरभ का यह सफलता का सफ़र हमें यह सिख देता है कि जब लगे बस अब और नहीं होगा बस उसी समय आपको थोड़ा सा और साहस दिखाना है ओर उस प्रयास से आपकी ज़िंदगी पूरी तरह से पलट सकती है. सौरभ ने अपने आखिरी अटेम्पट में सफलता का मुंह देखते हुए अंततः 66वीं रैंक के यूपीएससी क्लीयर की.

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IAS SAURABH PANDEY

UPSC ऐस्पिरंट्स को IAS SAURABH PANDEY की सलाह

सौरभ पांडे एक इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए कहते हैं कि उनका सफर दूसरे कैंडिडेट्स को यही शिक्षा देता है कि आपके लक्ष्य के मार्ग में आने वाली बार-बार की असफलताओं से घबराएं नहीं और निरंतर प्रयास करते रहें. एक बात का ध्यान रखें कि इस परीक्षा में आपके द्वारा दिए गए पिछले अटेम्प्ट्स का कोई महत्व नहीं होता.

अगर आपका पिछला अटेम्पट बहुत अच्छा गया था तो भी इस बात की कोई गारंटी नहीं कि आपका अगला अटेम्पट भी अच्छा ही जाएगा और अगर पिछला बहुत बुरा था तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको अपना अगला अटेम्पट नहीं देना है. इस परीक्षा के दौरान दिया गया हर अटेम्पट एकदम नया प्रयास होता है.

सौरभ पांडे एक सलाह और देते हैं कि जैसे उन्होंने चौथे अटेम्पट में यह गलती की थी कि उनके जो एरिया स्ट्रांग थे उन्होंने उन पर कम ध्यान दिया था, आप भी उनकी तरह से ऐसा न करें वरना आप भी मात खा सकते हैं. सौरभ के साथ भी यही हुआ था. इसलिए आपके जो भी एरिया स्ट्रांग हैं उन पर भी आप बराबर ध्यान दें.

यूपीएससी की तैयारी करने के दौरान निगेटिव लोगों से जहां तक हो सके वहाँ तक दूर रहें. हालांकी आप परिवार और कुछ खास दोस्तों के संपर्क में ज़रूर रहें ताकि जब कभी भी आपकी हिम्मत टूटने लगे तो वे आपका साथ ज़रूर दें.

आप जब कभी भी बहुत परेशान हों तो अपनी परेशानी को अपने खास लोगों के साथ शेयर ज़रूर करें, उसे कभी भी अपने मन में न रखें. आप अगर उन्हें बताएँगे तो वे आपको कोई न कोई सॉल्यूशन जरूर देंगे नही तो कम से कम हिम्मत ज़रूर बंधाएंगे. बहुत अधिक लोगों के संपर्क में न रहें क्योंकि वे आपका ध्यान भंग कर सकते है.

सौरभ तो तैयारी के दौरान पूर्ण रूप से सोशल मीडिया से भी दूर थे. अपने लिए हमेशा एक बैकअप प्लान्स तैयार रखें, इससे आपका स्ट्रेस कम होता है. अंत में बस इतना ही कि जब भी आपको लगने लगे कि अब आपसे नहीं संभल रहा है, उसी पल खुद को बस थोड़ा सा और थाम लें, क्या पता सौरभ की तरह आपकी भी जिंदगी बदल जाए.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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