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IAS PRERNA SINGH : स्मार्ट ओर कड़ी मेहनत से तय किया इंजीनियर से UPSC टॉपर तक का सफ़र

“अभी से करना शुरू कीजिये जो आप भविष्य में करना चाहते हैं ।”

Success Story Of IAS Prerna Singh : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इस परीक्षा में हर वर्ष आईएएस ऑफ़िसर बनने के सपने के साथ लाखों की संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही अभ्यर्थियों इसमें चयन होता है.

ऐसे में कुछ अभ्यर्थी न सिर्फ को परीक्षा पास करते हैं, बल्कि वे उसमें टॉप भी करते हैं. इन्हीं अभ्यर्थियों में से एक नाम शामिल हैं प्रेरणा सिंह (IAS PRERNA SINGH) का. अपनी सटीक रणनीति और कड़ी मेहनत की बदौलत प्रेरणा सिंह 2017 की यूपीएससी टॉपर बनीं.

साल 2017 बैच की आईएएस अधिकारी प्रेरणा सिंह का यूपीएससी की परीक्षा को लेकर नजरिया अन्य अभ्यर्थियों से थोड़ा अलग है. वे यह मानती हैं कि यह परीक्षा बहुत कठिन है और इसे पास करने के लिए आपको जमकर मेहनत करनी पड़ती है. परंतु इसी के साथ प्रेरणा यह भी मानती हैं कि स्मार्ट वर्क के द्वारा परीक्षा के प्रेशर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.

प्रेरणा सिंह भी यूपीएससी की तैयारी के लिए लिमिटेड रिर्सोस और मल्टीपल रिवीजन्स की थ्योरी पर ही विश्वास करती हैं. आज की स्टोरी में जानते हैं प्रेरणा सिंह से उनकी सफलता का राज.

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IAS PRERNA SINGH

प्री की तैयारी गंभीरता से करे

दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए एक इंटरव्यू में प्रेरणा सिंह ने प्री परीक्षा के बारे में कहा कि इस परीक्षा का पहला पड़ाव यानी प्री परीक्षा को यूपीएससी अभ्यर्थी पूरी गंभीरता से लें क्योंकि आपकी चूक की वजह से अगर यह ही पास नहीं होगा तो उस स्थिति में आप आगे के स्टेज पर पहुंचेंगे ही नहीं. और अगर आप आगे के स्टेज पर पहुंचे ही नहीं तो वहां की तैयारी करके भी क्या कर लेंगे.

प्री परीक्षा कि गंभीरता को समझाने के लिए प्रेरणा सिंह कहती हैं कि कई बार कुछ कैंडिडेट मेन्स और इंटरव्यू तक पहुंच जाते हैं परंतु आख़िरी सेलेक्शन न होने पर जब वे अगले साल का पेपर देते हैं तो तैयारी के अभाव में प्री भी पास नहीं होता. इसलिए प्री परीक्षा का महत्व पहली बार या दूसरी-तीसरी बार परीक्षा देने वाले हर कैंडिडेट के लिए बराबर ही होता है. इसलिए प्री परीक्षा को हर अभ्यर्थी पूरी गंभीरता से लें.

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एनसीईआरटी (NCERT) की किताब ज़रूर पढ़े

प्रेरणा सिंह यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में कहती हैं कि प्री की तैयारी में एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों का सबसे अहम रोल है, ऐसे में तैयारी के लिए इन्हें अच्छे से पढ़ें. हालांकि प्रेरणा यहां पर एक बात और जोड़ते हुए कहती है कि अगर आपके पास समय है तो उस स्थिति में आप क्लास 6 से 12 तक की एनसीईआरटी पढ़ें.

प्रेरणा सिंह आगे कहती है की अगर आप कम समय में ही यूपीएससी की परीक्षा को पास करना चाहते हैं तो आपके लिए क्लास दस से बारह की एनसीईआरटी काफी हैं. वे इस बारे में कहती हैं कि इनमें ही पिछला सब कवर हो जाता है. यह अनुभव स्वयं उनका है क्योंकि उन्होंने यूपीएससी की अपनी तैयारी के दौरान 6 से 12 तक की किताबें पढ़ी हैं.

NCERT की किताबों के अलावा प्रेरणा नोट्स बनाने को भी महत्वपूर्ण मानती हैं. उनकी यूपीएससी की स्ट्रेटजी यह थी कि वे हर सब्जेक्ट के एकदम छोटे ओर आसानी से समझने लायक़ नोट्स बनाती थीं जिन्हें की वे रिवीजन के समय आसानी से कवर कर सके.

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आंसर राइटिंग में डायग्राम्स है जरुरी

प्रेरणा सिंह प्री के बाद मेन्स की तैयारी के विषय में कहती है कि यूपीएससी की तैयारी स्टैंडर्ड बुक्स से ही करें, आप तैयारी के लिए बहुत ज्यादा किताबें इकट्ठा न करें बस समय से कोर्स खत्म करे ओर उसके बाद रिवीजन और आंसर राइटिंग पर अपना पूरा फोकस सेट करें.

क्योंकि आपने जो कुछ भी पढ़ा है अगर उसे आप परीक्षा में अच्छे से लिख नहीं पाएंगे तब तक आपकी उस तैयारी का कोई फायदा नहीं होगा.

आंसर लिखते समय अधिक से अधिक लिखे और अपने उत्तर में जहां तक संभव हो डायग्राम्स, फ्लो चार्ट्स, टेबल्स, मैप्स बनाएं. आंसर्स को इंट्रोडक्शन, बॉडी, कॉन्क्लूजन में बांटकर लिखें और उत्तर में जहां तक संभव हो वहाँ तक एग्जाम्पल्स डालें. आपके उत्तर में अगर रियल लाइफ एग्जाम्पल हों तो आपके अच्छे नम्बर आने के चांस ओर भी बढ़ जाएँगे.

प्रेरणा सिंह इस बारे में आगे कहती हैं कि बाकी सभी विषय तो हर कैंडिडेट्स के बीच में कॉमन होते हैं पर एथिक्स, ऐस्से और ऑप्शनल वे विषय हैं जिनमें अगर आपने अच्छा कर लिया तो आप अपने स्कोर को बढ़ा सकते हैं, इससे आपकी रैंक भी सुधर जाएगी.

इसलिए इन तीनों पेपरों पर अपना अतिरिक्त ध्यान दें इन्हें इग्नोर न करें. आप इनकी प्रैक्टिस अधिक से अधिक लिखते हुए भी कर सकते है.

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यूपीएससी में सफलता के लिए रिवीजन है जरुरी  

प्रेरणा सिंह यह मानती हैं कि इस परीक्षा में सफलता का एकमात्र मंत्र है अपनके द्वारा पढ़े हुए को बार-बार रिवीजन करना. वे इस बारे में कहती हैं कि पढ़ाई तो सभी लोग करते हैं परंतु उसमें सफल वही होते हैं जो अपने द्वारा पढ़े हुए लिमिटेड रिसोर्सेस को दो या तीन नहीं बल्कि कम से कम दस बार रिवाइज करते हैं. इतना कि उन्हें सब कुछ लिखे हुए के समान याद हो जाए.

प्रेरणा सिंह कहती हैं कि अगर आप लिमिटेड बुक्स रखते हुए मैटीरियल को कॉम्प्रीहेंड कर लेंगे तो वह आपके लिए आसान हो जाएगा ओर उस स्थिति में आप उसे बार-बार पढ़ सकते है. पढ़ाई के बाद सबसे जरुरी बिंदु यह है कि आपके द्वारा पढ़े हुए को याद रखना, इसका एक ही तरीका है ओर वह यह कि जब आप बार-बार पढ़ेंगे तो उस स्थिति में वह आपको याद हो ही जाएगा.

तीसरा जरूरी बिंदु यह है कि अपने द्वारा पढ़े और याद किए हुए को प्रभावशाली ओर सरल तरीक़े से कॉपी में लिखना. इसके लिए भी आपको अधिक अभ्यास की आवश्यकता होती है. अगर आप इन छोटी-चोटी मगर जरूरी बातों का अच्छे से ख्याल रखेंगे तो सफल जरूर होंगे.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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