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IAS TRUPTI ANKUSH : तीन बार असफलता के बावजूद नहीं टूटने दी हिम्मत, ऐसा रहा आईएएस का सफर

“तब तक अपने काम पर काम करें जब तक की आप सफल नहीं हो जाते I”

IAS TRUPTI ANKUSH SUCCESS STORY : महाराष्ट्र की रहने वाली तृप्ति अंकुश धोड़मिसे (IAS TRUPTI ANKUSH) ऐसे अभ्यर्थियों के लिए अच्छा उदाहरण है जो की अपनी असफलताओ के लिए अपनी कमियों के बारे मे न बात करते हुए बहाने बनाते हुए उसे जायज ठहराते है.

तृप्ति ने अपने वैवाहिक जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए नौकरी ओर महानगर की भागदौड़ वाली जिंदगी के बावजूद समय निकालते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास करते हुए अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया.

हालांकि यह सफर उनके लिए इतना आसान भी नहीं था. यूपीएससी के लिए दिए पहले तीन अटेम्पट्स में जब उनका सलेक्शन नहीं हुआ तो एक बार तो वे डिप्रेसन मे चली गई ओर सिविल सर्विस का एक्जाम देने की बात तक अपने दिमाग से निकाल दी. किन्तु इन असफलताओ के बावजूद जब इनके पति ने आगे बढ़ते हुए इनका सपोर्ट किया और साथ ही इन्हे यह विश्वास भी दिलाया की वे इस परीक्षा को जरूर पास कर सकती हैं उनके पास अपने सपने को पूरा करने के लिए अभी भी बहुत मौके हैं.

उन्होंने अपने पति की बातों से प्रेरित होकर एक बार फिर से पूरे मन के साथ तैयारी शुरू कर दी ओर और आखिर अपने चौथे प्रयास मे आईएएस बनने के अपने सपने को हकीकत में बदल दिया.

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नौकरी के दौरान IAS TRUPTI ANKUSH को आया UPSC का ख्याल

तृप्ति ने अपनी ग्रेजुएशन पुणे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से प्रोडक्शन इंजीनियर के तौर पर 2010 में पूरी की. इनके इंजीनियरिंग के तुरंत बाद ही इन्हे लार्सन एंड टर्बो कंपनी में अच्छे पद पर प्लेसमेंट भी मिल गया. कंपनी मे काम करते हुए इन्होंने चार साल 2010 से 2014 तक स्वयं को एक बेस्ट इंप्लॉई के तौर पर प्रमाणित किया.

कंपनी मे काम करने के दौरान ही इन्हे एक दिन ख्याल आया कि इनकी वर्तमान समय की नौकरी उनकी क्षमताओं के अनुरूप नहीं है और वे इस नौकरी से कहीं ज्यादा हासिल करने का हौंसला ओर काबिलियत रखती है. इसी सोच के साथ उन्होंने उस समय महाराष्ट्र सर्विस कमीशन की तैयारी शुरू की.

महाराष्ट्र सर्विस कमीशन के लिए दिए दूसरे अटेम्पट में इनका चयन स्टेट सिविल सर्वेन्ट के रूप मे हो गया और इन्हे महाराष्ट्र जीएसटी डिपार्टमेंट में असिस्टेंट सेल्स कमीशनर के पद पर जॉब भी मिल गयी. इस परीक्षा को पास करने से तृप्ति का हौंसला कई गुना बढ़ गया और उन्होंने इसके बाद अपनी सोच को विकसित करते हुए एक बार यूपीएससी परीक्षा देने  की सोची ओर इसके लिए अपनी तैयारी भी शुरू कर दी.

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IAS TRUPTI ANKUSH को UPSC मे मिली तीन बार असफलता

तृप्ति ने असिस्टेंट सेल्स कमीशनर के पद पर नौकरी के साथ अन्य कामों के साथ सामंजस्य बिठाते हुए किसी प्रकार से यूपीएससी की तैयारी शुरू तो कर दी किन्तु उनके प्रयास मे हर बार कुछ न कुछ कमी रह ही जाती थी. इस तरह से यूपीएससी के सफर मे इन्हे एक के बाद एक लगातार तीन बार असफलता का मुंह देखना पड़ा ओर अपने तीसरे प्रयास मे असफलता के बाद तो एक बार तृप्ति के हौंसले ने भी जवाब दे दिया.

अपनी तीसरी असफलता के हतोत्साहित तृप्ति यह सोचने लगी कि उनके पास पहले से ही एक अच्छी नौकरी है, साथ ही उनका वैवाहिक जीवन भी ठीक ही चल रहा है तो ऐसे मे आखिर वे एक ऐसी चीज के पीछे क्यों भाग रही हैं जो की उनके बार-बार प्रयास करने के बावजूद भी उन्हें हासिल नहीं हो रही.

तृप्ति ने बहुत सोच विचार करने के बाद यूपीएससी की तैयारी का अपना आईडीया ड्रॉप करने का पूरा मन बना लिया. शुरुआत मे तो उनके पति ने उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए उन्हे कुछ नहीं कहा किन्तु कुछ वक्त निकलने के बाद उनके पति ने उनका हौंसला बढ़ाया और उनका खोया हुआ विश्वास फिर से हासिल करने में उनकी मदद की.

उन्होंने तृप्ति को समझाते हुए कहा कि वे इस दुनियाँ मे कोई भी मुकाम भी हासिल कर सकती हैं और अभी तो उनके पास यूपीएससी के लिए कई अटेम्पट्स बाकी हैं. अपने पति के समझाने से तृप्ति भी एक बार फिर से हिम्मत जुटाते हुए यूपीएससी की तैयारी मे लग गई ओर चौथी बार मे आखिरकार उन्होंने सफलता हासिल करके ही दम लिया.

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IAS TRUPTI ANKUSH द्वारा UPSC ASPIRANTS के लिए टिप्स

  • तृप्ति अपने यूपीएससी के सफर के अनुभव के आधार पर कहती हैं की किसी भी अभ्यर्थी के लिए यूपीएससी का सफर आसान नहीं होता पर ऐसा भी नहीं है की आप इसे हासिल भी नहीं कर सके.
  • अगर UPSC ASPIRANTS के द्वारा सही प्लानिंग और अपनी कमियों को ध्यान मे रखते हुए सही स्ट्रैटिजी के साथ प्रयास किया जाये तो उसे सफलता जरूर मिलती है.
  • तृप्ति का कहा है की परीक्षा की तैयारी के दौरान कैंडिडेट की साइकोलॉजी उसकी सफलता मे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने बारे मे बताया कि 2016 में मेन्स तक पहुंच जाने के बाद उनका इंटरव्यू मे सिलेक्शन न होने के सदमे ने उन्हें इस हद तक झकझोर दिया था कि 2017 के पेपर देते समय उनका माइन्ड बिलकुल भी अपनी जगह पर केंद्रित नहीं था. ओर इसी चीज का 2017 मे इन्हे दोहरा नुकसान भी हुआ जब यूपीएससी प्री में भी इनका चयन नहीं हो पाया.

तृप्ति यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट को सिख देते हुए कहती है कि तैयारी के दौरान आपको हमेशा अपने दिमाग को स्ट्रांग बनाए रखना चाहिये. अगर आपको मन से लगता है कि आप यह कर सकते हैं तो आप सच में उस कार्य को कर ही लेंगे. ओर अगर आप इसके विपरीत सोचते है तो वह बात भी उतनी ही सही साबित होगी. इसी सकारात्मक सोच के साथ ही तृप्ति अंकुश धोड़मिसे ने साल 2018 में ऑल इंडिया 16वीं रैंक के साथ न सिर्फ यूपीएससी की परीक्षा पास की बल्कि वे टॉपर्स में भी शामिल हुई.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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