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IAS DILIP KUMAR : अंग्रेजी के डर को हराकर हिंदी में इंटरव्यू देकर बने IAS ऑफ़िसर

“अगर आप खुद में मजबूत हैं तो असफलता आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती ।”

Success Story Of IAS Dilip Kumar: यूपीएससी (UPSC) जैसी परीक्षा में पास होना ही अपने आप में बड़ी बात है किंतु अगर कोई आपसे कहे की कोई कैंडिडेट्स बार-बार यूपीएससी परीक्षा को पास करते हुए इंटरव्यू तक पहुंच जाता है किंतु उसके बावजूद भी अंतिम सूची में उसका नाम नही आता है तो यह सुनते हुए ही आपको काफ़ी निराशा होगी तो यह सोचो की जिस व्यक्ति के साथ यह घटनाक्रम हक़ीक़त में घटित हुआ होगा उसका क्या हुआ होगा.

जी हाँ आज हम आपको एक ऐसे ही IAS ऑफ़िसर दिलीप कुमार (IAS DILIP KUMAR) की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे है जो दो बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे परंतु इंटरव्यू में उनके नंबर बहुत कम आने की वजह से उन्हें अंतिम सिलेक्शन में जगह नही मिल पाई.

दिलीप कुमार हर बार अंतिम तक पहचने के बावजूद सिलेक्शन न होने का कारण समझ ही नहीं पा रहे थे, उन्हें यह पता नही चल रहा था कि आख़िर कमी कहां रह रही है.

अपने यूपीएससी के तीसरे प्रयास में दिलीप ने एक नया काम करने की योजना बनाते हुए यह तय किया कि इस बार यानी की यूपीएससी के तीसरे प्रयास में वे इंटरव्यू अंग्रेजी की जगह हिंदी भाषा में देंगे.

हालांकि दिलीप कुमार यूपीएससी मेन्स की परीक्षा इंग्लिश में ही दे रहे थे. साल 2018 में उनका चयन हुआ परंतु रैंक कम आने के कारण उन्हें आईपीएस सर्विस मिली. उन्होंने अपना तीसरा प्रयास आईपीएस ऑफ़िसर की ट्रेनिंग लेने के साथ में दिया.

अंततः दिलीप का हिंदी माध्यम से इंटरव्यू देने का आइडिया सफल रहा और साल 2019 में उन्हें यूपीएससी परीक्षा में 73वीं रैंक मिली. ओर इसी के साथ उनका आईएएस ऑफ़िसर बनने का सपना भी पूरा हुआ. आज जानते हैं दिलीप कुमार से उनकी सफलता के बारे में.

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हिंदी में भी दे सकते है इंटरव्यू

दिलीप कुमार अपना इंटरव्यू का अनुभव शेयर करते हुए कहते हैं कि इंटरव्यू के दौरान आप किस भाषा का इस्तेमाल करते हैं, इससे आपको प्राप्त होने वाले अंकों में किसी प्रकार का फर्क नहीं पड़ता.

आप इंटरव्यू के बारे में एक बात का ध्यान रखे की जिस भी भाषा में खुद को सहज पाएं और बेहतर तरीके से स्वयं को एक्सप्रेस कर पाएं, आप इंटरव्यू के लिए उसी भाषा का चुनाव करें. यूपीएससी के इंटरव्यू में यह बात मायने रखती है कि आप पूछे गए प्रश्न का कितना सधा हुआ और सटीक उत्तर दे रहे हैं न कि ये कि आप किस भाषा में उत्तर दे रहे हैं.

दिलीप कुमार खुद भी यूपीएससी के पहले दो प्रयासों के दौरान इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति में थे परंतु तीसरी बार में उन्होंने इंटरव्यू के लिए हिंदी भाषा का चयन किया ओर इसी कारण से उन्हें सफलता प्राप्त हुई.

दिलीप कुमार इस बारे में कहते हैं कि कैंडिडेट्स के मन में अक्सर एक सवाल यह भी उठता है कि क्या हिंदी में इंटरव्यू देने का मतलब यह होता है कि आपको शुद्ध हिंदी बोलनी पड़ती है, जो कि आज के समय में अधिकतर लोगों को नहीं आती तो इस प्रश्न का जवाब है नहीं.

दिलीप कहते है की आप बीच-बीच में अंग्रेजी के एकाध शब्द जो इंग्लिश में ही ज़्यादातर इस्तेमाल किए जाते है उनका इस्तेमाल कर सकते हैं. इंटरव्यू लेने वाला बोर्ड इतना पारखी होता है कि वह इस बात को आसानी से समझ जाता है कि आपमें काबलियत है या नहीं.

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दिलीप कुमार अंग्रेज़ी में नही थे सहज

दिलीप कुमार की स्कूल की पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से हुई थी ओर उनकी आम बोलचाल की भाषा भी हिंदी ही है. ऐसी स्थिति में दिलीप मानते हैं कि हिंदी माध्यम से आने के कारण हम जितनी अच्छी तरह खुद की हिंदी भाषा में जाहिर कर लेते हैं, उतनी अच्छे से दूसरी भाषा में नहीं कर पाते.

दिलीप कुमार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए ही यह तय किया कि अगली बार वे इंटरव्यू के लिए हिंदी भाषा का चयन करेंगे. दिलीप कहते हैं कि उन्होंने पिछले दो इंटरव्यू की जिनमें उनके नंबर कम आए थे, उसके लिए बहुत सी तैयारियां की थी.

जैसे हर दिन अच्छे से न्यूज पेपर पढ़ना. जो मुद्दे वर्तमान में चल रहे हैं, उनके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करना ओर उन्हें अच्छे से बोलने की प्रेक्टिस करना.

इस दौरान उन्होंने डीएएफ में भरे एक-एक शब्द के ऊपर रिसर्च किया ओर यह देखा की उनमे से क्या-क्या ओर किस तरह के प्रश्न बन सकते हैं.

इस तरह से कुल मिलाकर देखा जाए तो दिलीप कुमार ज्ञान के स्तर पर तो इंटरव्यू की अच्छे से तैयारी करके जाते थे पर संवाद के स्तर पर वे हर बार मात खा जाते थे.

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इंटरव्यू में झूठ न बोले

दिलीप कुमार यूपीएससी की तैयारी कर रहे दूसरे कैंडिडेट्स को एक महत्वपूर्ण सलाह यह देते हैं कि डीटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय और यूपीएससी बोर्ड के सामने कहीं भी ब्लफ न करें. क्योंकि वहाँ पर बैठे हुए लोग बहुत अनुभवी होते है ओर वे लोग तुरंत जान जाते हैं कि आप झूठ बोल रहे हैं.

आप अपनी हॉबीज आदि के विषय में बहुत सोच समझकर ओर संभालकर बिल्कुल सच लिखें क्योंकि इंटरव्यू के दौरान अक्सर इनसे सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. जैसे कि दिलीप को रीडिंग का शौक है तो उनसे इंटरव्यू के दौरान कुछ फेमस किताबों के बीच के अंश के बारे में चर्चा की गई थी.

कुल मिलाकर दिलीप का कहने का मतलब केवल इतना है अगर आप इंटरव्यू के दौरान झूठ बोलेंगे तो बड़ी ही आसानी से पकड़े जाएंगे इसलिए आपको जो कुछ भी आता है या जो आप हैं या जिस मुद्दे पर आप जो सोचते हैं वहीं सबकुछ सीधे-सीधे बोल दे.

दिलीप कमरा कहते है कि इंटेरवयु के दौरान जवाब देते समय हमेशा बैलेंस्ड एटीट्यूड अपनाएं तो आपके लिए अधिक बेहतर है. कभी अपनी हिंदी को लेकर मन में हीन भावना न लाएं, हिंदी हमारी मातृ भाषा है और इसे चुनते समय यह मत सोचिए की इससे कभी आपके नंबर कम आएँगे.

आपको इंटरव्यू से सम्बंधित अन्य पहलुओं पर अधिक  काम करने की ज़रूरत है. ओर यह बात सदैव याद रखें कि यूपीएससी के इंटरव्यू के दौरान आपके ज्ञान की नहीं बल्कि आपके व्यक्तित्व की परख की जाती है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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