“या तो प्रोफेशन में अपने जूनून को डाल दो।
या तो जूनून को प्रोफेशन में बदल दो।।”
AASIFE AHMED SUCCESS STORY : कुछ ऐसे ही अपने शौक और जूनून को अपने प्रोफेशन में बदल कर आसिफ अहमद (AASIFE AHMED) ने अपनी किस्मत के सारे दरवाजे खोल डाले और लिख डाली सफलता की ऐसी कहानी जो हर किसी के जुबान पर है.
आसिफ अहमद को बचपन से ही खाना बनाने का शौक था जिसमे भी वे बिरयानी बड़ी ही टेस्टी बनाते थे इसी काम को बिज़नेस के रूप में बदल कर “आसिफ बिरयानी” नाम की फ़ूड आउटलेट की पूरी चैन खोल डाली जिसका सालाना टर्न ओवर 50 करोड़ से ऊपर का है.
लेकिन आसिफ का यह सफर इतना भी आसान नहीं था जितना आपको लग रहा होगा. तो आइये जाने कैसे उन्होंने जीवन में संघर्ष करते हुए यह मुकाम हासिल किया.
AASIFE AHMED का जन्म ओर बचपन
आसिफ अहमद का जन्म चेन्नई के पल्ल्वरराम में एक गरीब परिवार में हुआ था, परिवार के आर्थिक हालात इतने खराब थे की पैसो की तंगी और रोटी के जुगाड़ की सोच में ही सब लगे रहते थे. इस पर भी उनके पिता को किसी कारण से नौकरी से सस्पैंड कर दिया गया.
पिता के नौकरी से ससपेंड होने के बाद तो हालात बद से बदतर हो गए इसी कारण से आसिफ को छोटी सी उम्र में ही अपनी पढाई को छोड़कर मात्र 12 वर्ष की आयु में अखबार बेचना पड़ा . लेकिन इससे घर खर्च नहीं चलने से वे (OLD Books) पुराणी किताबे बेच कर परिवार का गुजारा चलाते थे.
AASIF AHMED द्वारा अनेक बिज़नेस में हाथ आज़माना
इसी के साथ-साथ आसिफ बचपन से ही एक्सपेरिमेंट करते रहते थे इसी वजह से उन्होंने मात्र 14 वर्ष की आयु में ही लेदर शूज का बिज़नेस स्टार्ट किया. लेकिन वहा पर भी उन्हें शुरूआती मुनाफा कमाने के बाद सरकार की पालिसी चेंज होने की वजह से अपने बिज़नेस बंद करना पड़ा.
बिज़नेस बंद होने के बाद उन्होंने काम की तलाश की किन्तु वे सफल नहीं हुए. आखिरकार थक हारकर उन्होंने बिरयानी बनाने का काम शुरू किया. वे बिरयानी बनाना जानते थे इसलिए उन्हें शादी विवाह में टेंडर मिलना शुरू हो गए लेकिन किसी अनजान व्यक्ति ने उन्हें मुंबई में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 35000 लूट लिए.
धोखा खाने क़े बाद बदली ज़िंदगी
आसिफ ने अपनी जिंदगी में इतना बड़ा धोखा खाने के बाद पुनः चेन्नई लौटने का विचार किया और आ गए चेन्नई लेकिन यहाँ पर उनकी हालात इतनी खराब हो गयी थी की 4000 किराए ठेला लेकर घर से बिरयानी बना कर ठेले पर बेचा करते थे लेकिन कहते है की मेहनत रंग जरूर लाती है चाहे देरी से ही सही.
यही सब कुछ हुआ आसिफ अहमद के साथ, उनके हाथ की बनी बिरयानी लोगो को काफी पसंद आने लगी और थोड़े ही दिनों में उनकी ग्राहकी का आलम यह हो गया की लगभग 15-20 किलो बिरयानी की बिक्री हर रोज होना शुरू हो गयी. इसी शुरूआती सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने वर्ष 2002 में एक छोटी शॉप को किराए पर लेकर “आसिफ बिरयानी” को स्टार्ट किया.
आज है कई शहरों में बिज़नेस
बस इसके बाद उन्होंने अपनी जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा और मात्र तीन सालो में ही उन्होंने अपने काम और ब्रांड का विस्तार करते हुए अपने ब्रांड ‘आसिफ बिरयानी’ और रेसिपी को पेटेंट करवाते हुए कई सारे आउटलेट ओपन कर दिए इसके साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ो लोगो को रोजगार दे रहे है.
आसिफ अहमद की कहानी जो व्यक्ति,युवा अपने पैशन को प्रोफेशन में बदलना चाहते है उनके लिए काफी लाभप्रद और प्रेरित करने वाली है.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…….