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BHARAT DESAI : गुजराती दम्पति के द्वारा खुद की सेविंग्स से शुरुआत कर 26000 करोड़ की वैश्विक कंपनी बनाने की कहानी

SUCCESS STORY OF BHARAT DESAI : जब भी गुजरात के लोगों की बात आती है तो हमेशा ही उनके व्यापारिक दिमाग़ की बात ज़रूर होती है क्योंकि गुजराती व्यापारियों ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी उद्यमशीलता से सबको अपना लोहा मनवाया है. आज भी यदि आप दुनिया के किसी भी कोने में जाएगे तो वहाँ पर आपको कम से कम एक सफल गुजराती व्यापारी हमें अवश्य ही देखने को मिल जाएगा.

आज की इस कहानी में हम ऐसे ही एक सफल गुजराती दंपत्ति की दिलचस्प कहानी लेकर आये हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर कारोबारी जगत में नई ऊंचाइयों को छूते हुए दुनिया के सबसे प्रभावशाली कारोबारियों की सूची में अपनी जगह बनाई है. इस दम्पति ने अपनी कॉलेज लाइफ के दौरान ही अपना बिजनेस करने का फ़ैसला लेते हुए एक आईटी कंसल्टिंग फर्म खोलने का विचार किया और उनके द्वारा स्थापित वही फर्म आज दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंसल्टिंग कंपनी का रूप ले चुकी है.

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BHARAT DESAI का बचपन ओर शिक्षा (Education)

आज हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे अमीर व्यापारी दंपत्ति की सूची में अपना नाम शूमार करने वाली नीरजा सेठी (NIRJA SETHI) और भारत देसाई (BHARAT DESAI) की सफलता के बारे में. भारत देसाई के परिवार ने साठ के दसक में रोजगार की तलाश में गुजरात से पलायन करते हुए केन्या का रुख किया था. वे केन्या में ही जन्में और वही पर पले-बढ़े.

भारत देसाई बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी छात्र थे. शुरुआती स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्होंने भारत की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षा आईआईटी को क्रैक करने के बाद भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, मुंबई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया.

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BHARAT DESAI ओर NIRJA SETHI की लव स्टोरी

भारत देसाई शुरू से ही अपना कारोबार शुरू करने की इच्छा रखते थे ओर उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए मिशिगन यूनिवर्सिटी से वित्त (Finance) में एमबीए करने का फैसला किया. यही पर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान इनकी मुलाकात नीरजा सेठी से हुई, जो कि बाद में उनकी धर्मपत्नी और बिज़नेस पार्टनर भी बनीं. नीरजा और भारत दोनो ही अपने कॉलेज के दिनों से ही आईटी से संबंधित एक कारोबार शुरू करना चाहते थे, लेकिन उनके इस काम में पैसे की कमी इनके लिए सबसे बड़ी बाधा थी.

सफलतापूर्वक अपना एमबीए (MBA) करने के बाद भारत देसाई ने टाटा कंसल्टेंसी के साथ काम करते हुए अपने कैरियर की शुरुआत की और यहाँ पर काम करते हुए उनके मन में एक बार फिर से खुद की कंपनी शुरू करने की तमन्ना मन ही मन सिर उठाने लगी. साल 1980 में उन्होंने 2000 डॉलर की अपनी सेविंग्स से शुरुआत करते हुए अपनी खुद की सिंटेल नाम की एक आईटी फर्म की आधारशिला रखी.

इनके द्वारा स्थापित आईटी फ़र्म ने एक आउटसोर्सिंग फर्म के रूप में काफी अच्छा प्रदर्शन किया. शुरुआत सफलता KE BAAD साल 1992 में भारत देसाई ने मुंबई में अपनी पहली शाखा (Branch) खोली और फिर साल 1997 तक सिंटेल ने दुनिया की आईटी जगत में अपना नाम बना लिया.

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SYNTEL दुनियाँ भर में फैली है

आज भारत देसाई द्वारा स्थापित सिंटेल (SYNTEL) फ़र्म के दुनिया भर में 30 से अधिक कार्यालय है ओर इनके द्वारा 30,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. वर्ष 2009 में भारत देसाई सिंटेल कंपनी के अध्यक्ष बने. जबकि उनकी पत्नी नीरजा जो कि पहले कंपनी की सह-संस्थापिका थी, वह उपाध्यक्ष बनीं.

कम समय में मिली हुई उपलब्धियों को देखते हुए फोर्ब्स ने उन्हें साल 2016 में दुनिया के सबसे कामयाब सेल्‍फ मेड दम्पति की लिस्ट में शामिल किया था. इस बात में कोई शक नहीं है कि इन दम्पति ने इन्वेंशन और इनोवेशन के जरिए बहुत कम समय में नई ऊंचाइयों को छुआ है. साल 2018 में पेरिस स्थित एटोस ने सिंटेल को 3.4 बिलियन डॉलर (26000 करोड़ रुपये) में अधिग्रहण किया.

भारत देसाई जिन्होंने किसी समय चंद पैसों के साथ अमेरिका में कदम रखा था, फिर अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए खुद की सेविंग्स से शुरुआत करते हुए दुनिया की एक अग्रणी कंपनी की स्थापना की. यदि भारत देसाई की सफलता पर गौर करें तो हमें यह बात सीखने को मिलती है कि अगर किसी व्यक्ति के दिल में कुछ कर गुजरने की चाह और मजबूत इरादा हो तो उसके लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके. 

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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