AMAZING FACTS ABOUT KALACHI VILLAGE : कजाकिस्तान में एक गांव जिसका नाम कलाची है. इस गांव की खास बात यह है कि वहां रहने वाले लोग कभी भी सो जाते हैं, यहां तक की अगर वे बाजार में गए हैं तो वहां भी सो सकते हैं.
![इस गांव की अजीब है कहानी... लोग बैठे-बैठे, बात करते, चलते वक्त ही सो जाते हैं! यहां ऐसा क्यों होता है?](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2022/01/sleeping.jpg)
एक ओर जहा लोगों को अक्सर नींद ना आने की शिकायत रहती है और वे नींद के लिए कई तरह की पिल्स (नींद की गोलियां) का सहारा लेते हैं. लेकिन, कजाकिस्तान (कजाखस्तान) में एक ऐसा गांव है, जहां के इसके बिल्कुल विपरीत हालात है. इस गांव में जब लोग बैठे रहते हैं तो बैठे बैठे ही सो जाते (सोने मे परेशानी) हैं. वही अगर कोई बात कर रहा है तो वह कभी भी सो सकता है, यहां तक कि कोई आदमी पैदल चल रहा है तो उसे कभी भी नींद आ सकती है और वो सड़क के किनारे भी सो जाता है. अब जरा सोचिए, अगर आपके गांव या शहर में भी ऐसा हो जाए तो क्या होगा और शहर की तस्वीर कैसी होगी.
सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर इस गांव में ऐसा क्या खास है कि लोगों को इतनी अधिक नींद आती है कि वो चलते वक्त भी सो जाते हैं. दरअसल, इसके पीछे एक खास तरह का डिसऑर्डर है, जिसकी वजह से यह पूरा गांव ही परेशान है. ऐसे में जानते हैं कि ज्यादा नींद आने वाले डिसऑर्डर के पीछे आखिर क्या है और सिर्फ इसी गांव के लोग ही इस बीमारी से क्यों परेशान है. इससे आप भी समझ पाएंगे कि यहां के लोगों को आखिर इतनी नींद क्यों आती है और किस तरह से यह उनके लिए भी मुश्किल का काम है..
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क्या है इस गांव की स्थिति?
यह कहानी कजाकिस्तान के कलाची गांव की है. गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के लोगों की की स्थिति ऐसी है कि घर, दफ्तर या फिर कोई दुकान, हर किसी व्यक्ति को कभी भी नींद आ सकती है. यहां पर हालात इतने ज्यादा खराब है कि किसी व्यक्ति को रास्ते में चलते वक्त भी नींद आ सकती है और वो सड़क के किनारे भी सो जाते हैं. इतना ही नहीं, ऐसा भी नहीं है कि एक बार सोने के बाद उनकी नींद कुछ देर बार खुल जाती है. बल्कि कई बार तो ऐसा होता है कि वो कई दिन तक सोते ही रह जाते हैं और अगर कोई उन्हें ना उठाए तो ऐसे मे वो लंबे समय तक सोते रहते हैं.
ऐसा होने के पीछे क्या कारण है?
यह जानते हैं कि आखिर इस गांव में ऐसा क्यों होता है. रिपोर्ट्स की बात माने तो, इस बीमारी को लेकर जब वैज्ञानिकों ने इस गांव का अध्ययन किया तो पता चला कि वहां के वातावरण मे कार्बन मोनो ऑक्साइड और हाईड्रो कार्बन की मात्रा की वजह से ऐसा है. इससे वह के लोगों को उतनी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जितनी की उनके शरीर को जरूरत होती है और इस तरह से वो धीरे-धीरे बेसुध हो जाते हैं. इसके अलावा इस गाँव के बारे मे यह भी कहा जाता है कि गांव में यूरेनियम से बनी जहरीली गैस का असर बहुत ज्यादा होता है, जिससे यहां के लोग सामान्य लोगों से ज्यादा सोते हैं.
जानकार लोगों का इस बारे मे यह भी कहना है कि गांव के पानी में यूरेनियम की जहरीली गैस का भी असर होता है, जिससे यहा का पानी भी जहरीला और दूषित हो गया है. शोध से यह भी पता चला है कि पानी में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे यहा के लोग महीनों तक सोते हैं.
अब नहीं है यहा पर यह शिकायत
गार्जियन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब यहा के लोगों को यह शिकायत नहीं है. एक रिपोर्ट में सरकार के द्वारा कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने इस गांव के लोगों के स्लीपिंग डिसऑर्डर का असल कारण पता कर लिया है, इसके बाद से अब यहा के लोगों को यह दिक्कत नहीं है. इसी के साथ कई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ सालों से लोगों में यह दिक्कत नहीं है और अब लोग आम जिंदगी जी रहे हैं.
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