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बादल में कई टन वजन होने के बावजूद ये नीचे क्यों नहीं गिरते? जानिए इसके पीछे का कारण

AMAZING FACTS ABOUT CLOUD : क्या आप जानते हैं बादलों पानी की वजह से कई टन वजन होता है किन्तु इसके बावजूद बादल आसमान से जमीन पर नहीं गिरते हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर बादल के नीचे ना गिरने की वजह क्या है…

आपने देखा होगा की जब भी बारिश का मौसम आता है तो ऐसे जमीन से आकाश की ओर देखने पर हमे बड़े बड़े बादल दिखाई देते हैं. इन बादलों में की टन पानी भरा होता है और यह बारिश के रूप में हमारी जमीन पर नीचे आता है. ये बादल दिखने में तो काफी हल्के और रूई के टुकड़े के जैसे दिखाई देते हैं, लेकिन इनमें काफी ज्यादा मात्रा मे वजन होता है. वजन भी किलो किलो की बजाय की टन के हिसाब से देखा जाए. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि इतने भारी होने के बाद भी बादल नीचे क्यों नहीं गिरते हैं और किस तरह से हवा में तैरते रहते हैं. इसके पीछे भी विज्ञान ही काम करता है, जो कि बादलों को नीचे नहीं आने देता है.

आज हम आपको बताने जा रहे है कि आखिर बादल में कितना वजन होता है और ओर इतना वजन होने के बाद भी ये बादल आखिर नीचे क्यों नहीं गिरते हैं. चलिए बादल बनने से लेकर उनके वजन और उनके बारिश के रूप में नीचे आने तक की कहानी के बारे मे जानते है.

कैसे बनते हैं बादल?

डीडब्ल्यू की एक वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, हमारे वातावरण मे हवा में हर तरफ जलवाष्प है यानी की गैस के रूप में पानी, इसलिए हम आँखों से इसे देख नहीं पाते हैं. लेकिन, जब जलवाष्प वाली गर्म हवा ऊपर भारी गर्मी के कारण ऊठती है तो यह ठंडी होने लगती है. ओर तब इसमें जमा हुआ पानी सघन होने लगता है और जब यह ज्यादा सघन होता है तो ऐसी स्थिति मे पानी की बूंदों का आकार ले लेता है. इसी से आसमान मे बादल बनने लगते हैं.

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बादल में कितना होता है वजन?

जब आप बादलों को धरती से देखते हैं तो आपको यह लगता होगा कि यह काफी हल्के होते हैं और यह बिना किसी सहायता के आराम से हवा के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक चले जाते हैं. लेकिन, आप बादलों को जितना हल्का मानते हैं, बादलों मे उससे कई गुना ज्यादा वजन होता है. रिपोर्ट के माने तो, गर्मी के एक बादल का वजन कई टन हो सकता है और कई बार तो बादल इससे भी कई गुना ज्यादा भारी हो जाता है. यानी एक बादल में कई हजार किलो का वजन होता है.

कैसे पता चलता है वजन?

बादल का वजन किसी वेट लेने वाली मशीन से पता नहीं लगाया जा सकता है. बादलों का वजन सैटेलाइट तकनीक के जरिए पता लगाया जा सकता है. सैटेलाइट के द्वारा रडार उपकरण बादल में कुछ तरंगे भेजकर उनकी सघनता के हिसाब से बादल के वजन का अंदाजा लगाते हैं. इसमें तरंगों को बादल के आर-पार भेजा जाता है और उसके हिसाब से बादल के वजन का अनुमान लगाया जाता है.

क्यों नहीं आता नीचे?

पानी की बूंदें इतनी छोटी होती हैं कि गर्म हवा इन्हें बड़ी ही आसानी से ऊपर उठा देती है. अगर इसे हम उदाहरण से समझें तो जब हम किसी बर्तन में गर्म पानी या कोई पदार्थ डालते हैं तो उससे भाप निकलती है और यह उसका एक छोटा उदाहरण है. जब तक बूंदे बड़ी और भारी नहीं होती है तब तक ये ऊपर ही टिका रहती है, लेकिन जब ये बुँदे ज्यादा मोटी हो जाती है तो नीचे आने लगती है. यानी बादल बारिश, ओले आदि के माध्यम से ही नीचे आते हैं वरना हवा में ही तैरते रहते हैं.

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