“जिनके सफर खूबसूरत होते है वो मंजिल के मोहताज नहीं होते I”
AMBUR AYYAPPA SUCCESS STORY : आज से करीब 17 साल पहले एक डिलीवरी बॉय का काम करने वाले किसी व्यक्ति के बारे मे अगर आपसे कहे कि उसका भविष्य क्या हो सकता है तो आप उसके बारे मे यही सोचोगे की हो सकता है आज भी वह व्यक्ति या तो डिलीवरी बॉय होगा या फिर किसी दूसरी कंपनी मे कोई छोटी-बड़ी नौकरी करते हुए किसी तरह से अपना गुजारा चला रहा होगा.
किन्तु इसके बिल्कुल विपरीत यह महज़ एक संयोग हो सकता है या फिर भाग्य का ऐसा साथ जिसने एक गली-गली घूमने वाले एक डिलीवरी बॉय को करोड़पति बना दिया. एक लड़का जिसकी किसी समय मे तनख्वाह सिर्फ चार अंकों में थी, वही लड़का आज भारत के सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट का बेशकीमती हिस्सेदार है.
यह कहानी आप लोगों के लिए एक उदाहरण होने के साथ चमत्कार का और इस बात का परिचायक भी है कि जो व्यक्ति लगन और मेहनत के साथ चलता है चमत्कार उन्हीं के साथ होता है।
AMBUR AYYAPPA का बचपन ओर शिक्षा (Education)
अंबर अय्यप्पा (AMBUR AYYAPPA) का जन्म तमिल नाडु के वेल्लोर जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था. इन्होंने अपनी स्कूल की शिक्षा यही से प्राप्त की ओर उसके बाद डिप्लोमा कोर्स के लिए उन्होंने होसूर में ऐडमिशन लिया, जो कि उनके घर से 125 किलोमीटर दूर था. इसके साथ उन्होंने एक साल तक अशोक लीलैंड की अप्रेंटिस के रूप में भी काम किया. अप्रेंटिस के रूप में काम करने के बाद वे बेंगलुरु आ गए.
बेंगलुरू आने के बाद उन्होंने फर्स्ट फ्लाइट कुरियर्स में डिलीवरी बॉय की नौकरी कर ली. यहाँ रहते हुए उन्होंने डिलीवरी बॉय की अपनी नौकरी के साथ अपने स्किल से लोजिस्टिक्स बिज़नेस को विकसित किया और उसका परिमार्जन कर दिया. इनकी मेंनत को देखते हुए चार साल के छोटे अंतराल में ही कंपनी ने उन्हें मैनेजर बना दिया गया.
अम्बर अय्यप्पा को नौकरी करने के दौरान ही यह लगने लगा था कि यही वह सही समय है जब स्वयं के द्वारा अपनी स्किल को विकसित किया जाए. इसके लिए उन्होंने तीन महीने का एक कोर्स पूरा किया. इसके लिए उन्होंने अपनी कंपनी से कुछ दिनों की छुट्टी भी ली परंतु जब वे छुट्टी से वापिस आए तो उन्हें पता चला कि उनके लिए कंपनी में अब कोई जगह नहीं बची थी.
इस घटना से अम्बर अयप्पा को बड़ा झटका लगा किन्तु यह उनकी किस्मत का नया अध्याय था कि उस समय फ्लिपकार्ट को एक डिलीवरी बॉय की जरुरत थी जो उनके लिए घर-घर जाकर डिलीवरी कर सके. आपमे से बहुत कम लोग ही इस बारे मे जानते होंगे कि उस समय फ्लिप कार्ट एक छोटा ऑनलाइन बुक-सेलर था जिसे बहुत कम लोग ही जानते थे.
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जब फ्लिपकार्ट के मालिक से मिले
अम्बर अयप्पा इस नौकरी के लिए फ्लिपकार्ट के ऑफिस जाकर सचिन बंसल और बिन्नी बंसल से मिले. वे दोनों उस समय डिलीवरी सिस्टम में होने वाली समस्या को लेकर पहले से ही बहुत परेशान थे. ऐसे समय मे अम्बर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वे इस समस्या का समाधान जरूर ढूंढ निकालएगे. वे फ्लिपकार्ट के पहले कर्मचारी थे जिन्हे महीने की 8000 रुपये तनख्वाह के रूप मे मिलते थे.
अम्बर अयप्पा इस बारे मे पुरानी बातों को याद करते हुए बताते हैं कि उन्हें फ्लिपकार्ट की तरफ से लगभग एक साल तक जॉइनिंग लेटर नहीं मिला था क्योकि उस समय वहां पर एचआर ऑफिस ही नहीं था. उनके नौकरी के शुरुआती कुछ दिन बहुत ही आसमंजस में बीते.
उन्हें इस नौकरी के लिए हर दिन 10-12 पब्लिशर्स के पास जाना होता था और उन्हें इस दौरान लगभग 100 डिलीवरी करनी पड़ती थी. परन्तु इन सब बातों के बावजूद भी उन्होंने इस काम को एक बड़ी चुनौती मान कर अपनी पूरी मेहनत के साथ किया.
नौकरी के प्रति समर्पण भाव
वे नौकरी के दौरान जरूरी सभी सूचनाएं याद रखते थे और अपने ग्राहकों को भी सभी आवश्यक सूचनाएं कंप्यूटर को देखे बिना ही बता देते. इस दौरान अम्बर अयप्पा फ्लिपकार्ट के कस्टमर केयर के नंबर की लिस्ट को भी बड़े सलीके से व्यवस्थित रखते थे. उन्होंने नौकरी के दौरान अपने काम की पूरी जिम्मेदारी ली और ज़रुरत पड़ने पर काम के लिए अपने तौर-तरीकों में बदलाव भी लाते रहे.
उदाहरण के लिए पहले डिलीवरी बॉय प्रिंट आउट लेने के लिए ऑफिस मे लौटते थे, किन्तु उन्होंने उन्हें उसी इलाक़े के पास के साइबर कैफे से प्रिंट ले लेने की हिदायत दी. उनकी इस हिदायत से कंपनी का काम पहले से काफी आसान हो गया.
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जब फ्लिपकार्ट मे शेयर का ऑफर मिला
फ्लिपकार्ट के मालिक सचिन बंसल उनके काम से बहुत खुश हुए और इस प्रकार से फ्लिपकार्ट के बोर्ड ने उन्हें अपने बढ़ते हुए संगठन में शेयर का ऑफर दिया. यह मौका अम्बर अयप्पा के लिए एक सुनहरा मौका था क्योंकि उस समय फ्लिपकार्ट भारत मे बड़ी ही तेजी से आगे बढ़ रहा था. इस ऑफर के कारण एक साल में ही अम्बर अयप्पा की तनख्वाह 10 गुना बढ़ गई.
अम्बर ने अपने हिस्से के शेयर्स दो बार बेचे, पहली बार 2009-10 में अपनी शादी के खर्चे के लिए और दूसरी बार 2013 में. आज के समय मे भी उनके हिस्से के शेयर की कीमत लाखों डॉलर में है और हर बीतने वाले दिन के साथ उनका मूल्य ओर भी अधिक बढ़ रहा है.
अम्बर अयप्पा के काम से संतुष्ट बिन्नी बंसल ने उनके बारे मे कहा है – “फ्लिपकार्ट के इतिहास में, समय के विभिन्न पड़ाव पर लोग हमसे जुड़ते चले गए जिसके चलते फ्लिपकार्ट का प्रोग्रेस चार्ट स्पष्ट रूप से उर्ध्वगामी होता चला गया; अम्बर उन लोगों में पहले थे।” — बिन्नी बंसल.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…