“वक्त और हालत को तुम्हारे आगे झुकना पड़े, कुछ ऐसा कर गुज़रो।”
Success Story Of IAS Ashish Kumar : यूपीएससी (UPSC) परीक्षा की तैयारी करने के दौरान स्टूडेंट को कई बार तैयारी के साथ अपने धैर्य की परीक्षा भी देनी होती है क्योंकि अधिकतर स्टूडेंट को इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में कई साल लग जाते है.
ऐसे में यह भी जाहिर है कि इस लंबे सफर में स्टूडेंट से कई बार अनेक गलतियां भी हो जाती हैं किंतु अंत में सफल वही बनता है जो अपनी पिछली गलतियों से सीखता है. ओर सीखने से भी अधिक ज़रूरी यह है की वह अपनी पुरानी गलतियों को फिर से दोहराता नहीं है.
कुछ ऐसी ही स्टोरी हैं दार्जलिंग के रहने वाले आशीष कुमार (IAS ASHISH KUMAR) की. वे इस बात को स्वीकार करने में जरा भी नहीं हिचकिचाते कि पहले अटेम्पट में वे अपनी गलतियों के कारण ही सफल नहीं हुए और जब उन्होंने उन गलतियों पर काम किया तो उन्होंने उ सिर्फ़ इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की बल्कि इस परीक्षा के टॉपर भी बने. आज की सक्सेस स्टोरी में जानते हैं आशीष के यूपीएससी में सफलता के सफर की कहानी.
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पहले प्रयास में की कई ग़लतियाँ
अपने एक इंटरव्यू में आशीष कुमार यह बताते हैं कि पहले यूपीएससी के पहले अटेम्पट में वे प्री परीक्षा भी क्लियर नहीं कर पाए थे. इसके पीछे वे तीन कारण को ज़िम्मेदार मानते हैं. एक तो उन्होंने इस दौरान बहुत सारी किताबें पढ़ी, जिनकी वजह से वे रिवीजन नहीं कर पाए, दूसरा पिछले साल के प्रश्न-पत्र को न देखना और तीसरा यूपीएससी की तैयारी के लिए सही स्ट्रेटजी का न होना.
आशीष कुमार इस बारे में बताते हैं कि पहले प्रयास में उन्होंने हर विषय की दो से तीन किताबें इकट्ठा की और उनसे तैयारी की इस कारण से उनसे सिर्फ़ पढ़ाई ही हो पाई ओर वे रिवीजन नहीं कर सके. रिवीजन न होने से उनके द्वारा की गई सारी मेहनत बेकार हो गई.
दूसरा, पहले अटेम्पट के दौरान में उन्होंने सिर्फ़ मॉक टेस्ट दिए थे जो की इस परीक्षा को पास करने के लिए नाकाफी थे. वे कहते हैं की यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए पिछले साल के प्रश्न-पत्र देखना बहुत जरूरी है, कई बार तो पिछले साल के पेपर में से प्रश्न रिपीट तक हो जाते हैं और मॉक टेस्ट से कभी भी असली पेपर का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, यूपीएससी परीक्षा में आने वाला पेपर मॉक टेस्ट से काफी अलग होता है.
तीसरा सही स्ट्रेटजी इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत जरूरी है वो यह है कि अगर आपने ठीक से प्लानिंग नहीं की और सही टारगेट सेट नहीं किए तो आपका इस परीक्षा में सफल होना मुश्किल है क्योंकि इस परीक्षा की तैयारी करते समय बेसिक चीजें ही तय समय के अंदर खत्म नहीं हो पाती. इस प्रकार आशीष के अनुभव से बाकी यूपीएससी कैंडिडेट्स शिक्षा ले सकते हैं और इन गलतियों को दोहराने से बच सकते हैं.
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यूपीएससी परीक्षा से सम्बंधित ग़लत भ्रांतिया
आशीष उमर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के बारे में आगे कहते हैं कि उनसे अक्सर कैंडिडेट्स पूछते हैं कि क्या इस परीक्षा की तैयारी के लिए दिन में 12 से 13 घंटे तक पढ़ना जरुरी है अगर नही तो कितने घंटे पढ़ना जरूरी होता है? इसके जवाब में आशीष कहते हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के बारे में कोई सेट फॉर्मूला नहीं है, हर कैंडिडेट अपनी जरूरत के हिसाब से तैयारी के घंटे तय करे.
यूपीएससी की तैयारी की स्ट्रेटजी को लेकर कोई सेट रूल नहीं है. अपनी जरूरत और क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए उसके आधार पर अपनी स्ट्रेटजी बनाएं और पढ़ाई के घंटे भी तय करें. अपने केस के बारे में आशीष कुमार बताते हैं कि वे टारगेट सेट करके पढ़ते थे और दिन में 7 से 8 घंटे पढ़ने पर उनके द्वारा तय किए गए सभी टारगेट पूरे भी हो जाते थे.
इसके साथ ही आशीष कुमार यूपीएससी की तैयारी के साथ-साथ अपनी हॉबीज को भी समय देने पर जोर देते हैं. वे कहते है कि ऐसा करने से आपका दिमाग फ्रेश रहता है और आप पढ़ाई से कभी भी बोर नहीं होते. समय-समय पर अपने दोस्तों ओर घर के मेंबरों से भी बात करते रहें.
कई बार स्टूडेंट इस बात को लेकर कन्फ़्यूज़ रहते है की वे यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग का चुनाव करे या फिर घर पर सेल्फ़ स्टडी करे. इसे भी आशीष स्टूडेंट का पर्सनल सेलेक्शन मानते हैं. वे कहते हैं कोचिंग का प्रमुख कार्य है आपको सही गाइडेंस देना और परीक्षा से संबंधित हर पहलू से आपको अवगत कराना.
साथ ही अगर आप ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए कोचिंग लेना चाहते हैं तो जरूर लें, इससे आपको वह विषय अच्छे से समझ आ जाता है. इन बिंदुओं के अलावा आशीष कोचिंग के नुकसानों में सबसे अहम मानते हैं वह है आपके समय की बर्बादी.
उनका कहना है बहुत समय चला जाता है और अंत में सेल्फ स्टडी ही इस परीक्षा कि तैयारी में सबसे ज्यादा काम आती है. कोई भी स्टूडेंट कोचिंग के बावजूद भी बिना सेल्फ स्टडी के इस परीक्षा को पास नहीं कर सकता.
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आशीष का यूपीएससी परीक्षा का अनुभव
आशीष कुमार इस परीक्षा की तैयारी के दौरान हुए अनुभव के बारे में कहते हैं कि अगर आपके पास सही गाइडेंस है तो आपके पास इंटरनेट पर तैयारी के लिए बहुतायत मात्रा में साम्रगी उपलब्ध है.
आशीष कुमार ने भी अपनी तैयारी में इंटरनेट से सामग्री इकट्ठी करने में बहुत मदद ली. हालांकि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान बड़ा सवाल आता है सोशल मीडिया का. आशीष कहते हैं कि इंटरनेट से पढ़ने में कई तरह से डिस्ट्रैक्शंस आपके सामने आते हैं, जिनसे आपको हर हाल में बचना होगा.
उन्होंने खुद लगभग ढ़ाई साल तक सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी और तैयारी से संबंधित वीडियो देखते समय नीचे आने वाले फिल्मी गानों ओर दूसरे विज्ञापनों पर ध्यान नहीं दिया. इतना सेल्फ कंट्रोल इस परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी है.
हालांकि वे यह भी कहते हैं कि माइंड फ्रेश करने के लिए आपको जो कुछ भी करना है करिए पर पढ़ाई के समय सिर्फ़ ओर सिर्फ़ पढ़ाई करिए. यूपीएससी की तैयारी के लिए आपके समक्ष सही मोटिवेशन का होना भी बहुत जरूरी है. आशीष कुमार कहते हैं अगर परीक्षा की तैयारी के लिए सही मोटिवेशन नहीं होगा तो आपकी तैयारी अधिक दिनो तक नही चल पाएगी.
अंत में आते हैं आंसर राइटिंग पर जिसे आशीष सफलता के लिए जरूरी मानते हैं लेकिन उन्होंने अपने केस में बहुत अधिक आंसर राइटिंग नहीं की क्योंकि उनका यह एरिया पहले से काफी स्ट्रांग था.
यहां भी आशीष कुमार कहते है की आप अपनी स्ट्रेंथ के अनुसार आंसर राइटिंग का जरूरत के अनुसार चुनाव करें. इसके अलावा आशीष ने स्टैंडडर्ड किताबों से यूपीएससी परीक्षा तैयारी की और तैयारी के दौरान न्यूज पेपर पढ़ना हमेशा जारी रखा.
वे कहते हैं यूपीएससी की तैयारी के अंत तक अखबार ज़रूर पढ़ें. अंत में आशीष कुमार यही कहते है की हर स्टूडेंट अगर अपने अनुरूप सही स्ट्रेटजी बनाकर अपने समर्पण के साथ इस परीक्षा की तैयारी करेंगे और कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटेंगे तो इस परीक्षा में सफल जरूर होंगे.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…