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IAS ANNA RAJAM MALHOTRA – देश की पहली महिला आईएएस ऑफिसर | संघर्ष से सफलता की कहानी

IAS ANNA RAJAM MALHOTRA SUCCESS STORY – अन्ना राजम मल्होत्रा (IAS ANNA RAJAM MALHOTRA) को भारत की प्रथम महिला आईएएस होने का गौरव प्राप्त है. इनके आईएएस बनने का सफर संघर्ष से भरा हुआ था. जिसका उन्होंने अपने दम, सोच और मजबूत इरादों से सामना किया.

अन्ना राजम मल्होत्रा ने जब आईएएस बनने का सपना देखा तो सबसे पहले उन्हें अपने परिवार में ही विरोध का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने परिवार के विरोध के बावजूद अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा करने के लिए मजबूती के साथ में तयारी में लग गई. और अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम क्लियर करते हुए आईएएस बनने का गौरव प्राप्त किया. इसी के साथ इन्होने देश को यह बताया की एक महिला भी आईएएस अफसर बन सकती है.

IAS अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन परिचय –

‘अन्ना राजम मल्होत्रा’ का जन्म 17 जुलाई 1927 को निरानम एर्नाकुलम (केरल) में एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ. इनके पिता का नाम ओटवली O A जॉर्ज था. एवं माता का नाम अन्ना पॉल जो की अपने समय की कुछ चुनिंदा स्नात्तक महिलाओ में से एक थी. अन्ना राजम मल्होत्रा के दादा श्री ‘पायलो पॉल’ एक प्रख्यात मलयाली लेखक थे. उनकी एक बहन ‘ग्रेस’ जो कि अभी U.S. में रहती है.


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IAS अन्ना राजम मल्होत्रा की शिक्षा –


निरानम से उन्होंने प्रस्थान कर कालीकर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा ‘प्रोविडेंस विमेंस कॉलेज’ कालीकट से प्राप्त की उसके पश्चात उन्होंने कला संकाय में अपनी स्नातक ‘मालाबार क्रिश्चियन कॉलेज’ कालीकट से प्राप्त की आगे की पढाई हेतु मद्रास यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य (1949) में स्नातकोत्तर किया.

अंग्रेजी स्नातकोत्तर की पढाई करते समय ही उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा के बारे में सुना और अपने सहपाठियों और अध्यापको की प्रेरणा से उन्होंने भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने का मानस बनाया. और परिवार की राय के विपरीत आईएएस की पढाई जारी रखी. एवं सन 1950 में उन्होंने परीक्षा पास की एवं साक्षात्कार के लिए प्रथम चरण के लिए उपस्थित हुई तत्पश्चात सन 1951 में साक्षात्कार के द्वितीय चरण एवं स्थान चयन किया गया.


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IAS अन्ना राजम मल्होत्रा द्वारा पुरुष प्रधान सोच का प्रतिरोध –

सन 1951 में आईएएस में चयन होने के पश्चात उन्हें जॉब पोस्टिंग और सिलेक्शन हेतु एक कठिनाई का सामना करना पड़ा. चेयरमेन आर. एन. बनर्जी के नेत्रत्व मे गठित बोर्ड जिसमे 4 ICS अधिकारी शामिल थे उनके द्वारा उन्हें महिला होने के नाते प्रशासनिक सेवा के स्थान पर विदेश सेवा एवं सचिवालय सेवा को चुनने का विकल्प दिया गया.

उन्होंने इसका घोर विरोध किया और अपने निर्णय पर डटी रहने के कारण उन्हें मद्रास के मुख्यमंत्री श्री C. रामगोपालचारी के पास भेजा गया, वहा भी पुरुष प्रधान सोच एवं महिला होने का हवाला देते हुए उन्हें हतोत्साहित किया गया. परन्तु यह उनका दृढ निश्चय ही था की सबको इनके सामने नतमस्तक होना पड़ा.


सेवाकाल के शुरुआती दौर में उनके सामने यह शर्त भी रखी गई की सेवा के दौरान विवाह करने पर उन्हें सेवा से हटा दिया जायेगा, परन्तु बाद में कानून में बदलाव होने से वह शर्त से मुक्त हो गयी.

IAS अन्ना राजम मल्होत्रा का सेवाकाल –

मुख्यमंत्री श्री C. रामगोपालचारी ने उन्हें प्रथम पोस्टिंग मैसूर और मद्रास राज्य की सीमा पर स्थित ‘होसुर’ का उप-जिलाधीश बनाया. उनकी जोइनिंग के समय ‘होसुर ‘ की कानून एवं राज-व्यवस्था बड़ी अच्छी नहीं थी. परन्तु उन्होंने अपने आईएएस प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त की शिक्षा एवं घुड़सवारी, बंदूक सञ्चालन आदि का सूझबूझ से प्रयोग कर कुछ ही समय में लॉ एंड आर्डर को अच्छे से संभाला.

उनकी इसी कार्यप्रणाली से C. रामगोपालचारी बहुत खुश हुए, जिसकी चर्चा उन्होंने अपने कई सेमिनारों, प्रशासनिक एवं राजकीय मीटिंगों में की.

अन्ना ने अपने सेवा काल में C. रामगोपालचारी के अलावा अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया जिनमे प्रमुख है – कामराज, भक्तवत्सल्म एवं अन्नादुरई इन सभी के साथ-साथ प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गाँधी एवं उनके पुत्र प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के साथ भी कार्य किया.


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khabarapkeliye.com/anna rajam

जब वे कृषि विभाग मे कार्यरत थी तब उन्होंने प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ 8 राज्यों का दौरा किया जिसमे उन्होंने कृषि की उन्नत तकनीकों के बारे मे चर्चा की एवं राजीव गांधी के साथ ‘एशियाड प्रोजेक्ट’ के तहत 1982 मे दिल्ली खेल आयोजन में भी अपनी भूमिका निभाई साथ ही ‘भारत निर्माण योजना’ के तहत देश का प्रथम कंप्यूटराइज्ड बंदरगाह (जिसकी स्थापना 26 मई 1989 मे हुई) – नवांसेवा, मुंबई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वर्तमान में इस बंदरगाह को ‘जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट’ JNPT के नाम से जाना जाता है.


IAS अन्ना राजम मल्होत्रा का वैवाहिक जीवन –

अपनी उम्र के महत्वपूर्ण पड़ाव एवं बड़ी आयु में उन्होंने अपने आईएएस बैचमेट श्री रामनारायण मल्होत्रा (R.N. मल्होत्रा) के साथ विवाह रचाया. उनसे उन्हें दो पुत्र दिनेश एवं विवेक हुए.

R.N. मल्होत्रा शादी से पूर्व वाशिंगटन में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड में कार्यरत थे. तत्पश्चात इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में फाइनेंस सेक्रेटरी के पद पर कार्य किया. बाद में सन 1985 से 1990 तक भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह के अधीन उन्हें RBI का गवर्नर बनाया गया. R.N. मल्होत्रा मुलत: पंजाबी हिन्दू थे.


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IAS अन्ना राजम मल्होत्रा के पुरस्कार एवं रूचि –

नवांसेवा बंदरगाह के कार्य की सफलता को देखते हुए सन 1989 में उन्हें पद्म-भूषण सम्मान राष्ट्रपति श्री ‘रामास्वामी वेंकटरमन’ द्वारा प्रधान किया गया. अन्ना राजम मल्होत्रा के पति श्री R.N. मल्होत्रा को भी उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 1990 में पद्म-भूषण सम्मान दिया गया. अन्ना राजम को बचपन से ही पियानो बजाने का शोक था.


IAS अन्ना राजम मल्होत्रा की उपलब्धिया –

  • प्रथम भारतीय महिला प्रशासनिक अधिकारी.
  • प्रथम भारतीय मलयाली महिला प्रशासनिक अधिकारी.
  • प्रथम मलयाली महिला जिन्हे सेंट्रल गवर्नमेंट में सचिव (सेक्रेटरल) पोस्ट मिली. 
  • पद्म-भूषण सम्मान प्राप्त सेवा निवृति के पश्चात उन्होंने ‘लीला वेंचर्स होटल्स’ में भी महत्वपूर्ण पद पर कार्य किया.

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