Ayodhya Ram Mandir Security : आपने अभी तक सोशल मीडिया पर अयोध्या में रामलला की मूर्ति जरूर जरूर देखी होगी. रामलला की यह मूर्ति काले पत्थर से बनाई गई है जिसे इस समय गर्भगृह में रखा गया है. इस रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जाएगी.
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े नेताओं के भी शामिल होने की खबर है. प्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में कई VVIP मेहमान भी पहुंचेंगे. इसी के साथ हजारों की संख्या में इस कार्यक्रम में भागीदारी के लिए राम भक्त भी आ रहे है. इनकी सुरक्षा के लिए सरकार ने कई कड़े इतंजाम भी किए हैं.
राम मंदिर और अयोध्या की सुरक्षा के लिए हाई टेक गैजेट्स और AI का इस्तेमाल किया गया है. यही नहीं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बिना किसी बाधा के सफल आयोजन के लिए जगह-जगह पर सैनिकों और NSG कमांडो को भी मुस्तैद किया गया है.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण हमारे देश के साथ-साथ न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर में भी किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्यता को देखते हुए लोगों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम के लिए DOT और सरकार ने लोगो की सुरक्षा के लिए कई हाई टेक गैजेट्स भी ग्राउंड पर तैनात किए हैं.
राम मंदिर प्रतिष्ठा की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किन गैजेट्स का इस्तेमाल किया गया है, आइये जानते हैं इन गैजेट्स के बारे में.
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क्रैश-रेटेड बोलार्ड्स (Crash Rated bollard)
बोलार्ड्स का प्रमुख कार्य बिल्डिंग को बड़ी गाड़ियों के अटैक से बचाना हैं. इन बोलार्ड्स के इस्तेमाल मंदिर परिसर के चारो और किया गया है ताकि कोई भी गाडी मंदिर परिसर से न टकराए.
बोलार्ड्स इमरजेंसी सिचुएशन में भी प्रमुख रूप से काम आते हैं. बोलार्ड्स राम जन्मभूमि पथ और उसके लिए बनाये गए बूम बैरियर से गुजरने वाले किसी भी वाहन को स्कैन करने के साथ जरूरत पड़ने पर उन वाहनों को रोक भी सकते हैं.
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टायर किलर्स
अयोध्या में संवेदनशील जगह पर टायर किलर्स को रोड पर लगाया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अनऑथोराइज़्ड गाडी को मंदिर परिसर से दूर ही रोक लिया जाए और वे किसी भी स्थिति में मंदिर परिसर के आस-पास न पहुंच पाएं.
AI CCTVs का इस्तेमाल
अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 10,000 से भी ज्यादा CCTVs लगाएं गए हैं. इनमें से कुछ प्रमुख जगहों पर लगाए गए कैमरो को AI से कनेक्ट किया गया है ताकि संदिग्ध लोगों की आसानी से पहचान की जा सके. राम मंदिर परिसर में लगे हुए कैमरे 90 दिनों तक की रिकॉर्डिंग को सेव कर सकते हैं.
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एंटी- ड्रोन टेक्नोलॉजी (Anti Drone Technology) का उपयोग
राम मंदिर परिसर की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर परिसर और आस-पास का पूरा एरिया नो ड्रोन जोन बना दिया गया है. इसके लिए एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी के द्वारा मंदिर की सुरक्षा की जाएगी और यदि किसी प्रकार की अनऑथोराइज़्ड ड्रोन या फ्लाइंग दिखाई देती है तो उसे रेडियो फ्रीक्वेंसी के प्रयोग द्वारा उसी जगह पर ध्वस्त किया जाएगा.
एंटी- ड्रोन टेक्नोलॉजी टेक्नोलॉजी कमांड प्रोटोकॉल के आधार पर कार्य करती है और व्यक्तिगत ड्रोन मॉडल की पहचान और उन पर कार्रवाई करने में पूर्ण रूप से सक्षम है.
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इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (intelligent traffic management system)
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या के आस-पास 20 जगह पर इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा. इसी ट्रैफिक मैनेजमेंट के द्वारा ही अयोध्या में हर मूवमेंट होगा और VVIPs की सुरक्षा का भी खास तौर पर ध्यान रखा जाएगा.
इस सिस्टम के सही मैनेजमेंट के लिए सभी जगह पर एक बूथ बनाया गया है जो कंट्रोल रूम से सीधे कनेक्टेड होगा, कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की गलत एक्टिविटी नजर आने पर उसपर तुरंत ही कार्रवाई की जाएगी.
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AI (Artificial Intelligence)और ML (machine learning) का इस्तेमाल किया जाएगा
इस समारोह के सफल संचालन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के इस्तेमाल से अधिकारी क्राउड मूवमेंट के अनुसार आवश्यकता अनुरूप उसमे जरूरी बदलाव कर सकेंगे ताकि सुरक्षा व्यस्था में किसी प्रकार से व्यवधान न आये और कार्यक्रम बिना किसी परेशानी के सफल हो सके.
मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में CCTVs एक अहम भूमिका निभाने वाले हैं.