“किसी के द्वारा कही गई एक बात भी कभी-कभी आपका जीवन बदल सकती है”
IPS SHALINI AGNIHOTRI SUCCESS STORY : हमारे जीवन मे कई बार कुछ ऐसी घटनाए घटित होती है जो हमारे जीवन को पूर्ण रूप से बदल कर रख देती है. ऐसी ही एक घटना हिमाचल प्रदेश के छोटे से गाँव ऊना शहर के छोटे से गाँव ठठ्ल की रहने वाली एक छोटी सी लड़की के साथ घटित हुई जिसने उनके सम्पूर्ण जीवन को बदल कर रख दिया.
शालिनी अग्निहोत्री (IPS SHALINI AGNIHOTRI) अपनी माँ के साथ बस से जा रही थी तब एक व्यक्ति ने उनकी माँ को लेकर ऐसी बात कह दी की शालिनी ने उस बात को सच साबित करने की ठान ली.
शालिनी अग्निहोत्री, साहस और हौंसले की ऐसी शख्सियत हैं, जिनके बारे मे जितनी बात की जाए वह कम पड़ जाएगी. वे एक बार अपने मन मे जो ठान लेती हैं उसे वह किसी भी स्थिति मे पूरा करके ही दिखाती हैं. अपने बचपन मे देखे हुए एक सपने को शालिनी अग्निहोत्री ने अपने जीवन को जीने का मकसद बना लिया.
शालिनी बचपन से ही पढ़ाई में हमेशा होशियार रही है उन्होंने न सिर्फ अपने बचपन मे देखे हुए सपने को पूरा किया बल्कि वे निम्न वर्ग से आने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बन गई. शालिनी अग्निहोत्री वर्तमान मे एक तेज तरार ओर कड़क पुलिस ऑफिसर के रूप मे कार्यरत है. अपने काम करने के तरीके से शालिनी ने अपनी ऐसी पहचान बनाई है कि अपराधी उनके नाम को सुनकर थर्र-थर्र कांपते हैं.
IPS SHALINI की EDUCATION
शालिनी का जन्म हिमाचल प्रदेश के छोटे से गाँव मे एक बस कंडेडक्टर के घर पर हुआ था उनकी स्कूली शिक्षा धर्मशाला के डीएवी स्कूल से हुई, अपनी स्कूली शिक्षा के बाद अपनी आगे की पढ़ाई करते हुए उन्होंने हिमाचल यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में स्नातक की डिग्री ली. उसके बाद उन्होंने MSC की ओर अपनी MSC के दौरान उन्होंने यूपीएएससी की तैयारी भी शुरू कर दी.
शालिनी की बड़ी बहन डॉक्टर हैं और उनका भाई भी एनडीए पास करके आर्मी में कार्यरत हैं. तीनों भाई-बहनों ने मां-बाप का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया.
IPS SHALINI AGNIHOTRI के नाम है ये रिकार्ड
शालिनी अग्निहोत्री को उनकी काबलियत के कारण प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठित बेटन और गृहमंत्री की रिवॉल्वर भी दी गई है. इसके साथ-साथ उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान बेस्ट ट्रेनी का अवॉर्ड भी जीता और इस कारण से वे राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत भी हुईं.
कुल्लू में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने नशे के कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए उनके द्वारा चलाई गई मुहिम के कारण वे रातों-रात मीडिया की चर्चा में आ गईं. यह उनके कार्य के प्रति समर्पण का ही परिणाम है की आज अपराधी उनके नाम से ही घबराते हैं.
IPS SHALINI AGNIHOTRI की यूपीएससी की प्रेरणा
शालिनी अपने बचपन में एक बार अपनी मां के साथ उसी बस में सफर कर रही थी, जिसमें उनके पिता कंडक्टर थे. सफर के दौरान एक व्यक्ति ने उनकी मां की सीट के पीछे हाथ लगाया हुआ था, इस कारण से वह अपनी सीट पर ठीक से नहीं बेठ पा रही थी.
असहज होने के कारण उन्होंने उस व्यक्ति से कई बार कहा की वे अपना हाथ वहा से हटा ली किन्तु उस व्यक्ति ने अपना हाथ नहीं हटाया बल्कि पलटकर बोला तुम कहां कि डीसी हो जो मे तुम्हारी बात मानु? उस व्यक्ति का यह जवाब शालिनी के मन में बेठ गया ओर उस समय उनके दिमाग मे आया कि डीसी क्या होता है.
साथ ही मन मे यह ख्याल भी आया की अगर वे डीसी होती तो क्या वह व्यक्ति उनकी बात मान लेता. इस घटना ने उनके बाल मन को इतना प्रभावित किया की उन्होंने उस सफर से वापस आने के बाद इस बारे मे सब कुछ पता किया कि पुलिस में डीसी क्या होता है, ओर उसके क्या अधिकार होते हैं, साथ ही उन्होंने पता किया की वह क्या-क्या कर सकता है. जब शालिनी को डीसी के अधिकार के बारे मे पता चला तो यहीं से उन्होंने अपने बाल मन मे ही तय कर लिया कि वह भी बड़ी होकर पुलिस की बड़ी अफसर बनेंगी.
अपनी सफलता मे मानती है माँ-बाप का सहयोग
एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी सफलता मे योगदान के सवाल पर पूछे हुए जवाब मे कहा की उनकी सफलता में उनके मां-बाप का बहुत बड़ा सहयोग है. उनके अनुसार उन्होंने, कभी किसी चीज के लिए शालिनी को रोक नहीं. ओर उन्हे अपने मन के अनुसार हर कार्य करने की सम्पूर्ण आजादी दी.
बचपन मे लड़कों के साथ खेलती थी कंचे
शालिनी अपने बचपन से ही बिंदास ओर टॉम ब्वॉय टाइप की लड़की थी. वे लड़कों के साथ मे कंचे खेलती थी, क्रिकेट खेलती थी और लड़कों की टीम में अकेली लड़की हुआ करती थी. उनके इस तरह से लड़कों के साथ खेलने पर उनकी मां से लोगों ने कहा भी कि आपकी बेटी तो लड़कों जैसी है पर उन्होंने कभी शालिनी को अपने मन का करने से नहीं रोका.
शालिनी के पिता ने उन्हे कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी. अगर उन्होंने उनके सामने दस रुपये की मांग रखी तो उन्होंने बदले मे उन्हे पन्द्रह रुपये दिए. मां-बाप के इस प्यार, विश्वास और छूट का शालिनी ने कभी भी गलत फायदा नहीं उठाया.
यूपीएससी की तैयारी के बारे मे घर पर किसी को नहीं बताया
शालिनी ने दूसरे अभ्यर्थियों से विपरीत अपनी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के विषय में अपने घर पर किसी को नहीं बताया. शालिनी को लगता था कि यह परीक्षा इतनी कठिन है कि अगर वह पास नहीं हुई तो इससे कहीं उसके घरवाले निराश न हों.
कॉलेज के बाद शालिनी ने अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की इसके लिए उन्होंने न कोचिंग ली न ही किसी बड़े शहर की ओर अपना रुख किया. उनके यूनिवर्सिटी हॉस्टल में एक सुकून और शांति रहती थी. ओर यही माहौल शालिनी को पढ़ायी के लिये श्रेष्ठ लगता था, जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया.
शालिनी ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी और 2012 में उनके इंटरव्यू का रिजल्ट भी आ गया. शालिनी ने इस परीक्षा मे 285वीं रैंक के साथ इस यूपीएससी की परीक्षा का पास किया था. इसके बाद उन्होंने अपनी चाहत के अनुसार इंडियन पुलिस सर्विस चुनी और आगे चलकर यह एक सख्त पुलिस ऑफिसर साबित हुई. आईपीएस शालिनी अग्निहोत्री ने दुनिया के सामने साबित किया कि अगर आपके इरादों में दम हो तो कोई मंजिल मुश्किल नहीं. उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प से न सिर्फ अपने सपने को पूरा किया बल्कि अपने पसंद के क्षेत्र पर भी टॉप पर पहुंचकर ही दम लिया.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…