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SAMEER GEHLAUT : एक छोटे कमरे में शुरुआत कर 34 की उम्र में ही बन गए अरबपति

बदल जाओ वक्त के साथ
या फिर वक्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो,
हर हाल में चलना सीखो।

SAMEER GEHLAUT SUCCESS STORY : हमारे देश की युवा प्रतिभाओ ने समय-समय पर अपने कौशल से पूरी दुनिया मे अपना लौहा मनवाते हुए अपनी अलग ही छाप छोड़ी है. आज हमारे देश के युवाओ ने कई बिजनेस ओर फ़र्मों के द्वारा ग्लोबल मंच पर अपना नाम शामिल करवाने मे सफल हुए है.  

आज की कहानी भी एक ऐसे ही युवा बिजनेसमेन समीर गहलोत (SAMEER GEHLAUT) की है जिसने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पहले विदेश मे नौकरी की ओर फिर अपने पैशन को पूरा करने के लिए अपनी उसी अच्छी खासी विदेशी नौकरी को छोड़ने का निर्णय किया ओर अपने बुलंद हौंसलों ओर मेहनत के दम पर मात्र 34 वर्ष की कम उम्र मे ही अपनी कामयाबी की अनोखी इबारत लिख डाली.

समीर एक आर्थिक रूप से मजबूत एक कारोबारी घराने से ताल्लुक रखते है ओर इन्हे अपने बचपन से ही किसी चीज की कमी नहीं थी किन्तु इन सबके बावजूद भी इन्होंने दिन-रात एक करते हुए कठिन मेहनत की ओर इसी मेहनत के बदौलत अपनी अरबों डॉलर की एक नामचीन कंपनी भी स्थापित की.

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SAMEER GEHLAUT

SAMEER GEHLAUT का बचपन ओर EDUCATION

हमारे देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन और रिटेल ब्रोकरेज फर्म इंडियाबुल्स की आधारशिला रखने वाले समीर गहलोत का जन्म हरियाणा के रोहतक में एक कारोबारी परिवार में हुआ है. समीर के पिता बलवान सिंह गहलोत पैशे से एक खनन कारोबारी हैं. समीर ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वर्ष 1995 में आईआईटी दिल्ली से मेकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.

अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद समीर कुछ नया करने की उम्मीद ओर जज्बे के साथ अमेरिकन तेल कंपनी में काम करने के लिए विदेश चले गए. समीर ने यहा पर दो साल तक काम किया किन्तु एक दिन अचानक से समीर ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया ओर फिर से भारत लौट आए ओर अपने पिता के कारोबार में हाथ बँटाना शुरू कर दिया.

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इंडियाबुल्स (INDIABULLS) की शुरुआत

विदेश से आने के बाद समीर ने कुछ दिनों तक अपने पिता के साथ काम किया किन्तु इस दौरान समीर के मन मे अपना अलग बिजनेस करने का विचार चलता रहा. आखिर एक दिन समीर ने अपनी खुद की अलग राह बनाने का फैसला किया ओर अपने इसी इरादे को मूर्त रूप देने के लिए दिल्ली के हौजखास बस टर्मिनल के पास एक छोटे से कमरे में शेयर ब्रोकरेज का काम करना शुरू किया.

अपने बिजनेस की शुरुआत करते हुए समीर ने वर्ष 1999 में अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर ऑर्बिट सिक्याेरिटीज नाम की एक बहुत ही खराब हालत की खस्ताहाल ब्रोकरिंग फर्म को सस्ते दामों में खरीद लिया ओर इस तरह से समीर ने इंडियाबुल्स (INDIABULLS) की आधारशिला रखी.

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SAMEER GEHLAUT

वर्ष 2000 से शुरू हुआ तरक्की का सफर

वर्ष 2000 भारत मे इंटरनेट क्रांति का वर्ष था इस वर्ष जब हमारे देश मे इंटरनेट युग की शुरुआत हुई तो समीर ने भी इस मौके का फायदा उठाते हुए अपने ब्रोकिंग फर्म को ऑनलाइन करने की दिशा में संभावनाएं तलाशने की ओर अपने प्रयास करने शुरू कर दिए ओर मात्र 26 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने इसमे सफलता हासिल करते हुए रिटेल इन्वेस्टर्स के रूप मे इंडिया बुल्स ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की स्थापित की और भारत के स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल जैसे वैश्विक कारोबारी को प्रभावित करते हुए अपनी सफलता की एक ऊँची छलांग लगाई.

समीर ने शुरू से ही अपने बिजनेस को ऊंचाइयों तक पहुचाने के लिए दिन रात एक करते हुए मेहनत करने मे किसी प्रकार की कमी नहीं रखी. यह समीर की ऊँची सोच और शानदार लीडरशिप का ही कारनामा है की महज 10 वर्षों में ही उनके द्वारा स्थापित इंडिया बुल्स देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन और रिटेल ब्रोकरेज फर्म बन गई है.

वर्तमान समय मे समीर की कंपनी इंडियाबुल्स के पास भारत में स्वयं के कई हजार एकड़ के चुनिंदा भूखंड होने के साथ मे हजारों करोड़ रुपए का मार्केट कैपिटल भी है. समीर ने अपनी मेहनत के दम पर मात्र 34 वर्ष की बहुत छोटी उम्र मे ही भारत के सबसे युवा अरबपति तक का सफर तय कर लिया. आज समीर का नाम भारत के साथ दुनियाभर के अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल है. आपको यह जानकर भी बहुत आश्चर्य होगा कि इंडियाबुल्स कंपनी में निवेश करने वाले लक्ष्मी नारायण मित्तल ने भी अपने निवेश की राशि से 300 प्रतिशत से ज्यादा का मुनाफा कमाया है.

यह है समीर गहलोत के टीन की छत के नीचे एक छोटे से कमरे से शुरुआत करते हुए कठिन मेहनत ओर बुलंद हौंसले के दम पर एक लाजवाब बहुमंजिला फाइव स्टार ऑफिस तक का शानदार सफ़र. समीर हमारे देश के उन युवाओ के लिए प्रेरणा स्त्रोत है जिन्होंने भी अपनी जिंदगी मे कुछ बड़ा करने का मन बना रखा है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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