“तब तक अपने काम पर काम करें जब तक की आप सफल नहीं हो जाते I”
RAHUL YADAV SUCCESS STORY : यह कहानी राजस्थान के रहने वाले एक ऐसे नौजवान राहुल यादव (RAHUL YADAV) की है जिन्होंने एक ऐसे आइडीया को लेकर 1500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की कंपनी खड़ी कर दी जिससे हर आम नागरिक जुड़ा हुआ है. राहुल यादव बेहद ही कर्मठ, तेज-तर्रार और सामने आने वाली हर मुश्किल का डटकर सामना करने वाले आकर्षक व्यक्तित्व के धनी है.
ये एक छोटे से शहर के मध्यम-वर्गीय परिवार में पले-बढ़े है ओर अपनी काबिलियत के दम पर ही इन्होंने भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (IIT) में दाखिला लिया किन्तु इन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ते हुए बिजनेस क्षेत्र में कदम रखा ओर एक सफल कंपनी खड़ी कर दी.
इसके बाद मे भारतीय स्टार्टअप के फील्ड मे ‘बैड बॉय’ नाम से अपनी अलग पहचान बनाने वाले राहुल ने अपने द्वारा ही बनाई गई कंपनी से इस्तीफा दे दिया, इसके अलावा ये अपने स्टाफ के बीच मे स्वयं की होल्डिंग के 200 करोड़ रुपए के शेयर बांटने को लेकर भी कई बार सुर्ख़ियों में रहे है.
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RAHUL YADAV का बचपन ओर एजुकेशन (EDUCATION)
देश की प्रसिद्ध प्रॉपर्टी वेबसाइट हाउसिंग डॉटकॉम (housing.com) के भूतपूर्व सीईओ राहुल यादव का जन्म राजस्थान राज्य के अलवर जिले में एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ है राहुल बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे. इन्होंने अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा अपने गृह नगर से ही पूरी की ओर इसके बाद इन्होंने 2007 में धातु विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई में एडमिशन ले लिया ओर यहा पर इन्होंने कॉलेज मे नेतृत्व करते हुए विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव के रूप में भी कार्य किया.
कॉलेज मे पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने इक्जामबाबा डॉट कॉम (exambaba.com) नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की थी, इनके द्वारा इस पोर्टल पर ऑनलाइन प्रश्न बैंक उपलब्ध कराए जाते थे. बाद मे इनके इक्जामबाबा को आईआईटी मुंबई का ऑफिशियल आर्काइव भी बनाया गया, किन्तु कुछ समय बाद ही उसे बंद करने के लिए राहुल को नोटिस मिला इस नोटिस से खफा होकर राहुल ने कॉलेज छोड़ने का निर्णय ही ले लिया.
इस तरह से हुई हाउसिंग डॉट कॉम (housing.com) की शुरुआत
इन्होंने कॉलेज छोड़ने के बाद मे अपने दोस्त के साथ मिलकर एक नए ओर अनोखे आइडिया पर काम करना शुरू किया, कॉलेज छोड़ने के बाद जब ये अपने नए बिजनेस पर काम करने के लिए मुंबई में घर ढूंढ रहे थे तो उस वक्त इन्हे घर ढूँढने के लिए बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी.
घर की समस्या समाप्त होने के बाद जब ये बिजनेस आइडीया के बारे मे सोच रहे थे तभी एक दिन राहुल के दिमाग में एक आइडिया आया. इन्होंने अपने दोस्त अद्वितीय शर्मा को अपने साथ मिलाते हुए अपने इस आइडिया पर काम शुरू कर दिया और वर्ष 2012 में उन्होंने हाउसिंग डॉट कॉम (housing.com) की स्थापना कर दी.
राहुल का यह आइडिया इनके लिए बहुत अच्छा साबित हुआ और शुरुआत के कुछ ही समय बाद ये हर महीने एक से दो लाख रुपए की कमाई भी करने लगे. अपनी हाउसिंग डॉट कॉम की शुरूआती सफलता से उत्साहित हो राहुल ने इसे पूरे देश भर में फैलाने का निर्णय लिया. जिस समय राहुल के द्वारा अपने बिजनेस का विस्तार किया जा रहा था तो बाजार मे दूसरे कई पोर्टल पहले से उपलब्ध थे किन्तु राहुल द्वारा तैयार की गई हाउसिंग डॉट कॉम के फीचर्स इन सबसे ज्यादा आकर्षित थे.
अपने युनीक फीचर्स के कारण ही इनकी वेबसाईट दो साल के भीतर ही अपनी अन्य प्रतिद्वंद्वी वेबसाइटों को कई पीछे छोड़ते हुए नंबर एक बन गई ओर बहुत ही कम समय मे जल्दी ही इनकी कंपनी ने निवेशकों और ग्राहकों को लुभाते हुए एक अलग जगह बना ली ओर इनकी कंपनी की वैल्यूएशन 1500 करोड़ रुपए से भी ज्यादा हो गई.
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2015 मे राहुल यादव ने अचानक से दे दिया इस्तीफा
इनके युनीक आइडीया ओर अच्छी सर्विस के चलते कंपनी की बढ़ती हुई सफलता ने राहुल यादव को उस समय भारत के कॉर्पोरेट वर्ल्ड का एक उभरता हुआ जगमगाता सितारा बना दिया किन्तु वर्ष 2015 में राहुल ने अचानक से ही कंपनी के डायरेक्टर, चेयरमैन और सीईओ तीनों पदों से एक साथ अपना इस्तीफा दे दिया.
राहुल द्वारा दो साल के अंदर कंपनी को 130 मिलियन डॉलर का निवेश दिलवाने ओर लगातार सफलता के बावजूद इस तरह से एकाएक बिना किसी कारण के इस्तीफा देने से निवेशकों के साथ बाजार मे कंपनी के भविष्य के बारे में तरह-तरह की अटकलों का दौर शुरू हो गया.
राहुल द्वारा अचानक से उठाए गए इस कदम के बाद निवेशकों ने उन्हे समझाया ओर कंपनी के बोर्ड और निवेशकों के इस आग्रह के बाद इन्होंने अपना इस्तीफा वापस भी ले लिया.
RAHUL YADAV की BAD BOY की इमेज
राहुल का तरक्की के साथ-साथ विवादों से भी खूब नाता रहा है इन्होंने एक बार सैक्योरिया फर्म द्वारा अपनी कंपनी के कर्मचारियों को खरीदने से आहत होकर सैक्योरिया कैपिटल को चेतावनी देते हुए मेल भी कर दी जो की बाद मे लीक हो गई इस मेल मे उन्होंने सैक्योरिया कंपनी को धमकी देते हुए कहा था कि अगर उनके द्वारा हाउसिंग डॉट कॉम के स्टाफ को तोड़ा गया तो वे उस वेंचर कंपनी के सारे कर्मचारियों को तोड़कर उसे खाली कर देंगे.
राहुल ने निवेशकों के समझाने के बाद अपना इस्तीफा तो वापस ले लिया किन्तु इसके बाद निवेशकों और राहुल के बीच खिचाव बढ़ गया और इसी बीच राहुल ने कंपनी के स्टाफ के बीच 200 करोड़ रुपए के शेयर बांटते हुए अपने साथी ओलाकैब्स (OLA CABS) और जोमैटो (ZOMATO) जैसे स्टार्टअप्स के मुखिया को चुनौती दे दी ओर उनसे कहा की वे भी उनकी तरह अपने कर्मचारियों को अपने आधे शेयर बाँट कर दिखाएं.
राहुल यादव के द्वारा दी गई इस चुनौती पर जोमैटो के दीपेंदर गोयल ने प्रतिक्रिया देते हुए रिप्लाइ किया कि आज अरविंद केजरीवाल को यह देखकर बहुत खुशी हुई होगी कि उन्हें अब टेक स्टार्टअप्स की दुनिया में भी अपना एक साथी मिल गया है.
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इंटेलिजेंट इंटरफेस (intelligent interfaces) की शुरुआत
राहुल यादव ने हाउसिंग डॉट कॉम के बाद इंटेलीजेंट इंटरफ़ेस नाम से एक दूसरी कंपनी की शुरुआत की है. राहुल की इस नई कंपनी मे क्रिकेटर युवराज सिंह समेत टेक जगत के कई बड़े बिजनेसमेन के द्वारा निवेश किया गया है.
वर्तमान समय मे राहुल यादव की इमेज आगे बढ़कर काम करनेवाले एक बहुत ही मेहनती इंसान के रूप में है. इन्होंने अपने हौंसले ओर अनोखी सोच के दम पर हर मुश्किल का डटकर सामना करते हुए अपनी एक अलग पहचान बनाते हुए शून्य से शिखर तक का सफ़र तय किया है. राहुल यादव की यह सफलता देश की आने वाली नई पीढ़ी के नौजवानों के लिए बेहद प्रेरणादायक है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…