“किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए हुनर के साथ साथ मौके पर चौका मारना भी बेहद ज़रूरी होता है”
GIRISH MATHRUBOOTHAM SUCCESS STORY : तमिलनाडु राज्य के त्रिची में गिरीश माथ्रूबूथम का जन्म 29 मार्च 1975 को हुआ था. गिरीश को बचपन से ही एक ऐसा हुनर प्राप्त था की वे हर मौके को भांपने की कला में माहिर थे जो आगे चलकर उनकी सक्सेस का मूलमंत्र साबित हुआ.

GIRISH MATHRUBOOTHAM की EDUCATION –
गिरीश माथ्रूबूथम ने अपनी पढाई इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में “सास्त्रा यूनिवर्सिटी” (Sastra University) से पूर्ण कर फिर चेन्नई से एमबीए भी किया. इसी के साथ उनकी जॉब जोहो (Zoho) कंपनी में वाईस प्रेजिडेंट के रूप लगी जहा पर उन्होंने लगभग 10 वर्षो तक कार्य किया.
जोहो (Zoho) कंपनी में अपनी जॉब करते हुए अचनाक उन्होंने वर्ष 2010 में जेन डेस्क कंपनी का एक आर्टिकल पढ़ा जहा गिरीश को पता लगा की जेन डेस्क अपनी कीमतों में 30% से 600% तक का इजाफा करने जा रही है, इसके साथ ही गिरीश माथ्रूबूथम यह जानते थे की जेन डेस्क का काम क्या है.
गिरीश को इसके साथ में यह भी पता था की वह किस क्षेत्र में काम करती है, साथ ही उन्हें अपनी कंपनी जोहो का भी 10 वर्षो का एक्सपीरियंस था. इसी मौके को भुनाते हुए गिरीश माथ्रूबूथम को एक संभावना नज़र आयी की एक ऐसा कांसेप्ट रेडी किया जा सकता है जहा पर कम कीमत पर अच्छी सुविधा दी जा सकती है.
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FRESHDESK की शुरुआत –
फिर गिरीश ने अपने जोहो कंपनी के साथ और मित्र शान कृष्णासामी के साथ मिलकर अपनी नयी कंपनी “freshdesk” की शुरुआत की जो कस्टमर्स को क्लाउड बेस टेक्निक उपलब्ध करवाती है.
शुरूआती कुछ महीनो तक इन दोनों को बहुत मेहनत करनी पड़ी और हालात ऐसे थे की घर वालो को भी नहीं बता सकते थे, लेकिन धीरे-धीरे लगभग आठ महीनों के कठिन परिश्रम के बाद फ्रेशडेस्क ने 2011 में अपना पहला प्रोडक्ट लांच किया.
गिरीश अपने प्रोडक्ट को वर्ल्ड लेवल पर स्टार्ट करना चाहते थे अतः प्रोडक्ट के शुरुआती दौर में ही अपनी टीम को बता दिया की वह बाज़ार मूल्य के 40% पर काम करे जिस से हमारी प्रोडक्ट कॉस्ट कम आये और हम इसे ग्लोबल लेवल पर लांच कर सके.
टीम और गिरीश की मेहनत रंग लायी और उन्होंने अपना पहला प्रोडक्ट वर्ष 2011 में ग्लोबल स्तर पर लांच कर दिया जिसका रिस्पांस भी बेहद शानदार रहा इसके बाद गिरीश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
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उनकी कंपनी का पहला कस्टमर ऑस्ट्रेलिया से था, इनकी कंपनी ने पहले 100 दिनों में 100 कस्टमर बना डाले. गिरीश ने परंपरा को तोड़ते हुए सिलिकॉन वेल्ली के बजाय अपना सारा सेटअप चेन्नई में स्थापित किया.
आज गिरीश की कंपनी “फ्रेश डेस्क” का कारोबार 150 से ज्यादा देशो में फैला हुआ है और उनके 50000 से अधिक कस्टमर बेस है, इनके ऑफिस इंडिया से बाहर लंदन, सिडनी आदि में भी है इसके साथ ही गिरीश का एक और अचीवमेंट भी है की इनकी कंपनी गूगल से पूंजी लेने वाली पहली भारतीय कंपनी है.
एक वाकया और जो बहुत ज्यादा फेमस है वो यह की गिरीश माथ्रूबूथम साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत के बहुत बड़े फैन है, इसी वजह से गिरीश माथ्रूबूथम ने अपने ऑफिस की एक दीवार पर सिर्फ और सिर्फ रजनीकांत की तस्वीरो से सजाया गया है जब भी स्टाफ को कोई पार्टी या एन्जॉयमेंट करना होता है सभी लोग साथ, में मिलकर उनकी मूवी देखा करते है इनकी इतनी जबरदस्त दीवानगी देख कर अभी हाल ही में रजनीकांत इनसे मुलाक़ात भी कर चुके है.
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GIRISH MATHRUBOOTHAM की कंपनी ने बहुत सारे अवार्ड्स भी जीते है जिनमे से कुछ प्रमुख रूप से है –
गिरीश माथ्रूबूथम का सपना है की उनके सभी एम्प्लोयी के पास खुद की “ऑडी” गाडी हो इसके लिए वे मेहनत और टीम स्प्रीट को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मानते है और शायद यही इनकी सफलता का राज़ भी है.
- Startup Entrepreneur of the Year, 2012 – TiE Chennai
- CII Connect – Emerging Start of the Year, 2013
- Infocom CEO of the Year, 2014 – Most Promising Young Leader in IT
- 40 Under Forty, 2015 – Fortune India
- Audi Ritz Style Awards, 2016
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…