HomeAMAZING FACTSक्या है विदुर नीति और चाणक्य नीति, जिनमें लिखी बातें लोगों को...

क्या है विदुर नीति और चाणक्य नीति, जिनमें लिखी बातें लोगों को क्यों पसंद आती है | Know About Chanakya Neeti And Vidur Neeti which give lesson for life read Chankya niti quotes in hindi

क्या है विदुर नीति और चाणक्य नीति : आपने देखा होगा कि लोग चाणक्य और विदुर नीति के कथन अक्सर ही शेयर करते रहते हैं. लेकिन क्या आओ जानते हैं कि आखिर ये चाणक्य और विदुर की नीति क्या है, जिसके बारे में लोग पढ़ना चाहते हैं.

क्या है विदुर नीति और चाणक्य नीति

चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के आचार्य ओर महामंत्री थे.

आपने अक्सर सोशल मीडिया पर या वॉट्सऐप स्टेट्स पर देखा होगा कि लोग चाणक्य नीति या विदुर नीति के कुछ कथन काफी शेयर करते हैं. वही दूसरी ओर कई वेबसाइट्स पर भी चाणक्य और विदुर नीति से जुड़ी अहम बातें शेयर की जाती है, इन्हे लोग काफी पसंद करते हैं. हा यह बात अलग है कि लोग इसे अपने जीवन में उतारते हैं या नहीं, लेकिन इसे पढ़ना लोगों को अच्छा लगता है. दरअसल, ये दोनों नीति लोगों को उनके जीवन जीने के तरीके के बारे में बताती है.

जानते हैं कि आखिर दोनों नीतियां क्या है और जानते हैं विदुर और चाणक्य से जुड़ी बातें, जिसके बाद आप पूर्ण रूप से समझ जाएंगे कि आखिर विदुर और चाणक्य की बातों को लोग क्यों इतना ज्यादा पसंद करते हैं.

यह भी पढे : सर्दी में गोंद के लड्डू तो आपने खूब खाए होंगे, क्या आप जानते हैं आखिर ये ‘गोंद’ बनता कैसे है?

कौन थे विदुर?

विदुर महाभारत के समय के एक महान दार्शनिक और महत्वपूर्ण पात्र थे. विदुर हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री होने के साथ कौरवों व पांडवों के काका और धृतराष्ट्र और पाण्डु के भाई थे. परंतु विदुर का जन्म एक दासी के गर्भ से हुआ था, इस कारण से योग्य होते हुए भी उन्हें सिंहासन नहीं मिला. हालांकि, वे पांडु और धृतराष्ट्र दोनों से काफी ज्यादा समझदार और अच्छे शासक भी थे.

विदुर हस्तिनापुर के राजा के सलाहकार के तौर पर थे, ये राजा को शासन चलाने में धर्म नीति के बारे में बताते थे. उन्हे उस वक्त के महापुरुषों में गिना जाता था, ये विधिवत नीति की व्याख्या करने के लिए लोकप्रिय थे. विदुर ने महाभारत के युद्ध से पहले इसे रोकने का काफी प्रयास किया था, क्योंकि उन्हें इसके अंत का पता था.

विदुर नीति में क्या है?

विदुर ने अपनी इस नीति में राजा और प्रजा के दायित्वों की विधिवत नीति की व्याख्या है. ऐसा कहा जाता है कि विदुर-नीति वास्तव में महाभारत युद्ध से पूर्व युद्ध के परिणाम के प्रति शंकित हस्तिनापुर के महाराज धृतराष्ट्र के साथ किया गया उनका संवाद है.

विदुर नीति सिर्फ जीवन-युद्ध की नीति ही नहीं, बल्कि जीवन-प्रेम, जीवन-व्यवहार की नीति के रूप में भी अपना विशेष स्थान रखती है. इस नीति मे राज्य-व्यवस्था, व्यवहार और दिशा निर्देशक सिद्धांत आदि का सार है. अगर सीधे शब्दों में कहे तो इसमें जीवन जीने के तरीकों के बारे में बताया गया है.

कौन थे चाणक्य?

आचार्य चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु होने के साथ उनके महामंत्री भी थे. उन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त या वात्सायन भी कहा जाता है. पिता श्री चणक के पुत्र होने के कारण ही वे चाणक्य कहे गए. विष्णुगुप्त चाणक्य कूटनीति, अर्थनीति, राजनीति के महाविद्वान और अपने महाज्ञान का ‘कुटिल’ ‘सदुपयोग ,जनकल्याण और अखंड भारत के निर्माण जैसे अनेक सृजनात्मक कार्यो मे अपना योगदान करने के कारण उन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है. उनकी गिनती उस समय के प्रखंड विद्वानों में की जाती है, इसलिए उनकी बताई गई नीति या जीवन जीने के तरीके को लोग पसंद करते हैं और उस हिसाब से जीवन जीने की कोशिश करते हैं.

क्या है चाणक्य नीति?

चाणक्य नीति एक नीतिशास्त्र है, जिसे की नीति ग्रन्थ माना जाता है. इस नीतिशास्त्र मे सूत्रात्मक शैली में जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने से संबंधित उपयोगी सुझाव दिए गए हैं. इस नीतिशशास्त्र का मुख्य विषय मानव मात्र को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है.

इसमें मुख्य रूप से धर्म, संस्कृति, न्याय, शांति, सुशिक्षा, मानव जीवन की प्रगति के को लेकर बातें कही गई हैं. इस ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन-व्यवहार तथा आदर्श और यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है. आज के समय मे भी इसके कथन काफी लोकप्रिय होते हैं और सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते हैं.

ये भी पढ़ें- कहीं रंगबिरंगी अंडरवियर पहनकर तो कहीं खिड़की से फर्नीचर बाहर फेंककर करते हैं नए साल का स्‍वागत, पढ़‍िए अजीबोगरीब परंपराएं

Explore more articles