“जिस काम में काम करने की हद पार ना फिर वो काम किसी काम का नहीं”
RADHE SHYAM AGARWAL SUCCESS STORY : हमारे समाज में ज़्यादातर मामलों में पैसे की बर्बादी या फिर किसी के बहकने के लिए दोस्ती को ही जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. लेकिन यह दूसरी कहानियो के अलग एक ऐसी दोस्ती की कहानी है, जो अन्य लोगों के लिए मिसाल बन चुकी है. यह दो पहली पीढ़ी के ऐसे उद्यामियों की कहानी है, जिन्होंने अपनी दोस्ती को बहुत अच्छे से निभाते हुए एक अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है.
इन्होंने अपने बचपन से दोस्ती में जो एक-दूसरे का हाथ थामा था, वही साथ 25000 करोड़ का साम्राज्य खड़ा होने के बाद भी एक दूसरे के साथ क़ायम है. यह कहानी है एक जैसे ही नाम के दो ऐसे लड़को की जो पहले तो स्कूल में जिगरी दोस्त बने, ओर साथ-साथ पढ़ाई की, इस दौरन उन्होंने खेल में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और उसके बाद जब बात कैरीयर की आइ तो बिज़नेस में भी एक साथ ऊँची छलांग लगाई.
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RADHE SHYAM AGARWAL ने कॉसमेटिक मार्किट को अपना पहला बिज़नेस बनाया
जिस प्रकार इनके नाम एक जैसे थे ठीक उसी प्रकार के साथ-साथ इनकी सोच और सपने भी एक से ही थे. राधे श्याम अग्रवाल (RADHE SHYAM AGARWAL) और राधे श्याम गोयनका (RADHE SHYAM GOYANKA) ने एक साथ मिलकर कॉसमेटिक मार्किट को अपना पहला बिज़नेस बनाया. दोनों कॉलेज अटेंड करने के समय ही साथ-साथ में अपना बहुत अधिक समय कास्मेटिक के केमिकल फार्मूला जानने के लिए एक सेकंड हैण्ड बुक की शॉप में गुजारा करते थे. इसके साथ वे दोनों ही सस्ते गोंद और कार्डबोर्ड से बोर्ड गेम भी बनाते, उस समय वे दोनो ईसबगोल और टूथब्रश की रिपैकेजिंग करते और कोलकाता के बड़ा-बाजार में दुकान-दुकान जाकर उन्हें बेचा करते थे.
उस दौरान उन्होंने तीन सालों तक लगातार अपनी कोशिशें की किंतु इसके बावजूद भी इन्हें कास्मेटिक बिज़नेस में किसी भी प्रकार की सफलता नहीं मिल पा रही थी. इन दोनों के इस संघर्ष को देखकर एक दिन गोयनका के पिता ने इन्हें 20,000 रुपये हाथ में दिए ओर बिजनेस करने के लिए कहा ओर इसके बाद दोनों दोस्तों ने यह तय किया कि वे अपने इस बिज़नेस में 50-50 की भागीदारी के साथ काम करेंगे. इस प्रकार उस समय उन्होंने केमको केमिकल्स की शुरुआत की पर उन्हें यहाँ भी निराशा ही हाथ लगी ओर सफलता नहीं मिली.
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जब शादी के बाद करनी पड़ी नौकरी
इसके बाद उनके अपने निजी जीवन में भी एक बड़ा बदलाव आया. कुछ समय बाद अग्रवाल और गोयनका दोनो की शादी हो गई. शादी होने के बाद अब उनके ऊपर आर्थिक दबाव और जिम्मेदारी और भी पहले के मुक़ाबले बढ़ गई थी ऐसी स्थिति में दोनों दोस्त बिज़नेस के नए अवसर तलाशने लगे. आख़िर उनकी कोशिशें रंग लाई ओर इसी बीच उन्हें बिरला ग्रुप में अच्छी आमदनी पर नौकरी मिल गई. इस दौरान उन्होंने पांच सालों तक वहाँ पर नौकरी की और बिज़नेस के गुर सीखे. कुछ समय कार्य करने के बाद जब उन्हें कुछ अनुभव प्राप्त हुआ उसके बाद इन्होंने नौकरी छोड़ते हुए अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का निश्चय किया.
इस प्रकार पड़ी EMAMI की नींव
इन्होंने इस बार भारतीय मध्यम वर्ग को टार्गेट किया ओर उन्हें ध्यान में रखकर इन्होंने इमामी (EMAMI) नाम की वैनिशिंग क्रीम को बाजार में उतारा. इमामी नाम का वैसे तो कोई मतलब नहीं था परंतु यह नाम सुनने में इटालियन साउंड करता था. दोनो दोस्तों ने सोचा की इस नाम से भारतीय ग्राहक प्रभावित होंगे और ऐसा हुआ भी. उन्होंने वक्त के साथ-साथ बाजार की बहुत जानकारी ली और यह जाना कि जो टेलकम पाउडर टिन के बॉक्स में मिलता है वह लोगो को देखने में बहुत ही साधारण लगता है इस प्रकार इन्होंने उस समय एक बहुत बड़ा दांव खेलते हुए टेलकम पाउडर को एक प्लास्टिक के कंटेनर में बहुत ही खूबसूरती से पैक किया और उसमें गोल्डन लेबलिंग कर उसे एक पॉश और विदेशी लुक दिया.
उनके द्वारा इस प्रकार पैकिजिंग करने के बाद इस उत्पाद ने भारतीय बाज़ार में उड़ान भरना शुरू कर दिया. इसकी मांग बाज़ार में दिनों-दिन बढ़ती चली गई और इनके द्वारा बनाए गए पाउडर ने पाउडर इंडस्ट्री के शहंशाह पोंड्स को भी पीछे छोड़ दिया. अपने इतने समय के कैरीयर में सफलता का यह पहला स्वाद अग्रवाल और गोयनका ने चखा था. उनके बाद तो नए-नए प्रयोग और ग्राहकों के साथ सीधे संपर्क उन दोनो की ताकत बन गई थी.
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ऐसे बनाया मार्केट में एकाधिकार
अपने अगले कदम में इन्होंने एक मल्टीपर्पस एंटीसेप्टिक ब्यूटी क्रीम बोरोप्लस को 1984 के वक्त में बाजार में उतारा और इसने इन्हें उस समय में बाजार का लीडर बना दिया और यह लगभग 500 करोड़ का ब्रांड बन गया. उस समय इमामी, अपनी ब्रांडिंग में बहुत ज़्यादा मात्रा के साथ खर्च कर रहा था. 1983 में राजेश खन्ना द्वारा अभिनीत फिल्म “अगर तुम न होते” में राजेश खन्ना को इमामी के मैनेजिंग डाइरेक्टर की भूमिका में दिखाया गया था. और उस दौर में इसके लिए रेखा ने मॉडलिंग भी की थी. इन दोनो दोस्तों की इस रणनीति ने भारतीयों के मन में इमामी को एक नए मक़ाम पर ला कर रख दिया. इसके बाद इन्होंने नए प्रयोग किए ओर उसी के तहत ये ठंडा और आयुर्वेदिक नवरत्न तेल मार्केट में लेकर आये ओर नवरत्न तेल ने तीन साल के भीतर ही उन्हें 600 करोड़ का प्रॉफिट दिला दिया. फिर उनका अगला कदम पुरुषों के लिए था ओर इस बार वे पहली बार पुरुषों के लिए अलग से फेयरनेस क्रीम लेकर आए ओर यह आयडिया भी बहुत ही सफल रहा.
इनके द्वारा बनाए गए ब्रांड के लिए बहुत से अभिनेता जैसे अमिताभ बच्चन, श्रीदेवी, शाहरुख खान, ज़ीनत अमान, करीना कपूर, कंगना रनौत के अलावा बहुत से खिलाड़ी – जैसे सानिया मिर्जा, सुशील कुमार, मिल्खा सिंह, मैरी कॉम और सौरभ गांगुली ने भी इनके उत्पाद का प्रचार किया है. अग्रवाल और गोयनका को यह बात पता चल गई थी कि सेलिब्रटी के द्वारा प्रचार करवाने से वे पूरे देश भर में एक घरेलू नाम बन जाएंगे.
यह इन दोनो दोस्तों की लगन और सफलता की प्यास ही है जिसने आज इमामी का टर्न-ओवर 25000 करोड़ से भी ज्यादा का कर दिया है. अग्रवाल और गोयनका की दोस्ती आज के युग के लिए एक मिसाल की तरह है. उनकी दोस्ती गुजरते हुए वक्त के साथ भरोसे, हिम्मत और बुलंद हौसलों की आंच में तप कर इमामी के रूप में कुंदन हो गई है. यह दोस्ताना दोनों परिवारों की दूसरी पीढ़ी के मध्य भी क़ायम है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…