“अगर सूरज के तरह जलना है तो रोज उगना पड़ेगा I”
Success Story Of IAS Abhilasha Abhinav : हमारे देश मे ज्यादातर यह देखा गया है कि जब भी लड़की युवा हो जाती है तो उसके परिवार वाले उसके ऊपर शादी के लिए दबाव बनाने लगते है. ओर ज्यादातर लड़किया अपने परिवार के दबाव के आगे झुकते हुए अपने सपनों को अपने मन मे ही दबा लेती है.
इसके विपरीत कुछ लड़किया ऐसी भी होती है जो तमाम दबाव के बावजूद हार नहीं मानती ओर अपने सपने को पूरा करके ही दम लेती है ऐसी ही कहानी बिहार की अभिलाषा अभिनव (IAS ABHILASHA ABHINAV) की जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए संघर्ष करने के साथ अपने घरवालों को यह समझाने के लिए भी संघर्ष किया कि वे पहले सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास करेंगी और उसके बाद शादी के बारे में सोचेंगी.
अपने परिवार को कैसे मनाए इस बारे में बात करते हुए अभिलाषा कहती हैं कि इसके लिए आप उन्हें समय-समय पर ऐसे रिजल्ट्स देते रहे ताकि उन्हें यह महसूस हो की आपका निर्णय गलत नहीं है. अभिलाषा को भी यूपीएससी मे सफलता अपने तीसरे अटेम्पट में मिली थी. पहले अटेम्पट में तो अभिलाषा प्री में भी सेलेक्ट नहीं हो पाई थी ओर दूसरे प्रयास में उनका सेलेक्शन 308वीं रैंक के साथ हुआ और ज्यादा रैंक होने के कारण उनका सेलेक्शन आईआरएस सेवा के लिए हुआ लेकिन अभिलाषा को तो आईएएस ऑफिसर बनना था इसलिए वह इस पोस्ट से संतुष्ट नहीं थी. उन्होंने एक बार फिर से प्रयास किया और अपने तीसरे अटेम्पट में 18वीं रैंक प्राप्त करते हुए अपने बचपन के सपने को मूर्त रूप देते हुए अपने यूपीएससी की परीक्षा के फैसले को सही साबित किया ओर आईएएस ऑफिसर बनकर ही दम लिया.
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IAS ABHILASHA ABHINAV की शिक्षा
अभिलाषा बचपन से ही एक होशियार स्टूडेंट थी. उनकी स्कूल की शिक्षा पटना से हुई और उन्होंने सीबीएससी से पढ़ाई करते हुए दसवीं में टॉप किया. इसके बाद बारहवीं में भी उन्होंने 84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. स्कूल की शिक्षा खत्म करने के बाद अभिलाषा ने इंजीनियरिंग एग्जाम्स की तैयारी शुरू की और परीक्षा पास करते हुए ए. एस पाटिल कॉलेज महाराष्ट्र से बीटेक किया.
अभिलाषा पढ़ाई के साथ खेल-कूद में भी हमेशा से आगे रहीं. बीटेक की डिग्री के बाद अभिलाषा ने नौकरी जॉइन कर ली और इसी के साथ उन्होंने यूपीएससी के लिए तैयारी करना भी शुरू कर दिया. अभिलाषा का कहना है की उनके पास तैयारी के लिए समय की कमी थी किन्तु जिन स्टूडेंट के पास तैयारी के लिए भरपूर समय हो उन्हे इसका गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए. अगर किसी स्टूडेंट को समय मिल रहा है तो उसे उसका जमकर इस्तेमाल करना चाहियए और सही दिशा में आगे बढ़ना चाहियए. कुछ लोगों के पास समय तो बहुत होता है किन्तु विजन की बहुत कमी होती है.
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अभिलाषा का यूपीएससी का सफर
अभिलाषा ने यूपीएससी का अपना पहला अटेम्पट साल 2014 में दिया था किन्तु पहले प्रयास मे उनका सिलेक्शन प्री में भी नहीं हुआ था. इसके बाद उन्होंने अच्छे से तैयारी करने के लिए एक साल का गेप लिया ओर अगले साल परीक्षा न देते हुए अच्छे से तैयारी की.
2016 मे अभिलाषा ने अपना दूसरा अटेम्पट दिया ओर इसमे उन्हे सफलता मिली ओर उन्होंने 308 वीं रैंक हासिल की ओर आईआरएस सर्विस के लिए चयनित हुई. हालांकि अभिलाषा अपने दूसरे प्रयास मे यूपीएससी क्लेयर करने मे सफल रही किन्तु उन्हे आईएएस का पद नहीं मिल सका ओर अभिलाषा ने अपनी रैंक बढ़ाने के लिए दोबारा से प्रयास करने का निर्णय लिया और इस बार उन्होंने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए यूपीएससी टॉपर्स की सूची में अपनी जगह बनाई.
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अभिलाषा की यूपीएससी स्टूडेंट को सलाह
सिविल सर्विसेस की तैयारी के विषय में अभिलाषा का यह कहना है कि यह परीक्षा तीन भागों मे होती है किन्तु आप इसे अलग-अलग न देखते हुए शुरू से ही प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एक साथ शुरू करें.
आप तैयारी के लिए रणनीति बनाने के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू देखें ताकि यह समझ पाएं की सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है. अपनी स्ट्रेटजी अपने सभी पक्षों को ध्यान मे रखते हुए उसके अनुसार बनाएं और स्ट्रेटजी बनाने के साथ ही पढ़ाई पर भी पूरा फोकस करें. क्योंकि कई बार बहुत से कैंडिडेट केवल स्ट्रेटजी बनाने पर ही अटके रह जाते हैं.
अभिलाषा ने अपनी तैयारी के दौरान नौकरी भी की इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ी थी. ओर उन्होंने वीकेंड्स का फायदा उठाया ओर जब भी ऑफिस में समय मिला तो उसका सदुपयोग करते हुए पढ़ाई की.
अंत में अभिलाषा यह सलाह देती है कि आप इस परीक्षा के बारे मे लोगों की बात न सुनें ओर अपने आप से ईमानदार रहते हुए तैयारी करते रहें, इस परीक्षा की तैयारी के लिए इतना ही जरूरी है. तैयारी के दौरान खुद से गद्दारी न करे क्योंकि बंद कमरे में आप पढ़ रहे हैं या सो रहे हैं यह देखने के लिए कोई नहीं आ रहा पर इसलिए आपको यह बात सदैव पता होनी चाहिए कि जो सपना आपने देखा है, उसे पूरा करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करना बहुत जरूरी है.
इस परीक्षा के लिए स्वयं पर भरोसा इस परीक्षा को पास करने में सबसे अहम रोल अदा करता है. क्योंकि जब तक आप खुद ही नहीं यकीन करेंगे की आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं तो दूसरे कैसे करेंगे. अंत में आप लोगों से सिर्फ इतना ही कहना है कि कि अपना पूरा जोर लगा दें, ओर आप देखोगे कि सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…