“ज़िंदा वही है जिसके हौशलों के तरकस में कोशिशों की तीर बची है I”
SUCCESS STORY OF IAS SWATI SHARMA : यूपीएससी की परीक्षा दे रहे स्टूडेंट मे से बहुत कम ही ऐसे होते है जो लगातार मिल असफलताओ से घबराते नहीं है बल्कि उसका मुकाबला करते हुए आईएएस पद पर पहुच कर ही दम लेते है. उन्ही मे से एक है स्वाति शर्मा (IAS SWATI SHARMA) जिन्होंने तब तक प्रयास करना बंद नहीं किया तब तक की उन्हे उनका मन पसंद आईएएस ऑफिसर का पद नहीं मिला.
स्वाति शर्मा के लिए यूपीएससी (UPSC) का यह सफर काफी लंबा ओर हताशा से भरा रहा परंतु इस दौरान उन्होंने कभी भी अपनी हिम्मत नहीं हारी. बल्कि इसके बजाय बार-बार अपना प्रयास जारी रखा और पिछली गलतियों से सिख लेती रही ओर देखा की उनसे कहां कमी रह गई है और अगली बार उस गलती को दूर करने का प्रयास किया.
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IAS SWATI SHARMA का जन्म ओर शिक्षा (EDUCATION)
स्वाति शर्मा दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली से ही पूरी की स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में करते हुए बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया.
स्वाति का यह मानना है कि यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए स्टूडेंट को सही प्लानिंग और प्रॉपर स्ट्रेटजी की जरूरत होती है. यूपीएससी का सफर कई बार बहुत लंबा होता है ऐसे मे आपको स्वयं को मोटिवेटड रखने की भी आवश्यकता होती है.
एक इंटरव्यू में बात करते हुए स्वाति कहती हैं कि कई बार स्टूडेंट को एक, दो या तीन अटेम्पट देने के बावजूद भी सफलता नहीं मिलती है या सफलता मिल जाए तो उन्हे उनके मन पसंद की रैंक नहीं मिलती.
इस अवस्था मे स्टूडेंट के मन मे नीराशा घर करने लग जाती है ओर ऐसे मे स्टूडेंट अगर खुद से मोटिवेटेड नहीं रहेगा तो वह कभी भी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता. यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने से से पहले स्टूडेंट स्वयं को यह बात अच्छी तरह समझा लें कि यूपीएससी को पास करने मे समय भी लगेगा और उसे जी-तोड़ मेहनत भी करनी होगी.
अगर कोई स्टूडेंट इन दोनों ही परिस्थितियों के लिए तैयार हों और उसके मन मे किसी भी परिस्थिति में गिवअप करने का ख्याल न आए तभी वह यूपीएससी के विकल्प को चुनें.
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यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कैसे शुरू करे
स्वाति शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की शुरुआत ही उसका सबसे अहम भाग है. तैयारी कररने से पहले स्टूडेंट को इसके लिए सही गाइडेंस, उपयुक्त रिसोर्स और सही स्ट्रेटजी के बारे मे पता होना बहुत जरूरी है. स्वाति का मानना है कि तैयारी के शुरुआती चरण मे कभी भी जल्दबाजी न करें.
सबसे पहले स्टूडेंट यह पता करे की उसे परीक्षा की तैयारी कैसे करनी है, उसे कौन सी किताबें पद्धनी है या नोट्स कहा से लेने हैं.
इस बारे मे ऑनलाइन बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है अगर स्टूडेंट चाहे तो वहां से भी आसानी से चीजें पता कर सकते हैं. अगर आपको इस परीक्षा से संबंधित सभी जानकारी पता होगी तो इससे आपको स्ट्रेटजी बनाने में भी आसानी होगी.
एक बार जब स्टूडेंट सब कुछ पता कर लें, उसके बाद अगला चरण आता है यूपीएससी के सिलेबस के हिसाब से किताबें भी इकट्ठा कर लें, उसके बाद ही पढ़ाई शुरू करें.
चाहे तो इस काम में उसे एक महिना भी लग जाए परंतु किसी भी चीज की तैयारी करते समय उसकी शुरुआत सही होना सबसे जरूरी है. एक बार अगर आपने सही दिशा मे प्रयास करना शुरू कर दिया तो उसके बाद आगे की राह आपके लिए आसान हो जाती है ओर जैसे-जैसे आप तैयारी करते हुए आगे बढ़ते जाते है वैसे-वैसे ही आपको आगे क्या करना है इसका अनुमान स्वतः ही होने लगता है.
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स्वाति शर्मा ने प्री और मेन्स की तैयारी अलग-अलग की
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के विषय में वैसे तो हर टॉपर की अपनी एक अलग राय होती है. स्वाति भी इस बारे मे कहती हैं कि आप अपनी स्ट्रेटजी अपने अनुसार बनाएं परंतु साथ ही वह बताती है की वह अगर उनकी खुद की बात करे तो उन्होंने प्री और मेन्स की तैयारी एक साथ न करते हुए अलग-अलग की थी.
यूपीएससी की तैयारी के दौरान सबसे पहले उन्होंने अपना गोल सेट किया उसके पश्चात तीन महीने या उससे भी कम में प्री का सिलेबस खत्म किया. प्री का सिलेबस खत्म करने के बाद स्वाती ने टेस्ट दिए और यह देखा कि तैयारी के दौरान उनसे कहां क्या कमी रह गई, ओर कौन से उत्तर वे नहीं कर पा रही हैं.
स्वाति का टेस्ट के बारे मे कहना है कि खाली टेस्ट देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि दिए गए उत्तरों को अच्छे से मैच करते हुए अपनी कमियों का निरीक्षण करना जरूरी है. अपनी कमियों का निरीक्षण करने के बाद में उन्हें दूर करते हुए अगले स्टेप में मेन्स की तैयारी करना शुरू करे.
मेन्स की तैयारी करते समय स्टूडेंट को उसी को दिमाग में रखकर तैयारी करनी चाहिए. अगर आपने किसी विषय के नोट्स अलग-अलग जगहों से इकट्ठे किए है तो उस स्थिति मे उन्हें एक ही जगह कंसोलिडेट करते चलें. इससे स्टूडेंट को अंत में रिवीजन में समस्या नहीं आती.
स्वाती ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान आंसर राइटिंग सीमित ही की थी पर यह जरूरी है. लिखने का अभ्यास न होने के कारण उन्हे कुछ प्रश्न छोड़ने पड़े. स्वाति ने कुल चार बार प्रयास किया जिसमे से तीसरे में स्वाति का 278वीं रैंक के साथ सेलेक्शन हुआ था पर इस प्रयास में उन्होंने 35 नंबर का के प्रश्न छोड़ दिए और अंतिम साल के प्रयास में 25 नंबर के.
स्वाती का कहना है कि आप भले ही उत्तर छोटे लिखें पर अधिक से अधिक मात्रा मे प्रश्न अटेम्पट करें. समय की कमी होने की स्थिति मे बुलेट प्वॉइंटस लिख दें पर प्रश्नों को छोड़ें न.
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स्वाति की यूपीएससी स्टूडेंट को सलाह
स्वाति यूपीएससी की तैयारी कर रह स्टूडेंट को यह सलाह देती हैं कि आप पूरे साल चाहे जितनी भी आपको तैयारी करनी है करें लेकिन परीक्षा से पहले का एक महीना और दस दिन आपके लिए बहुत जरूरी होते हैं. यह समय आपके रिवीजन का होता है.
अगर आपने इस समय का सही उपयोग करते हुए पिछला पढ़ा हुआ रिवाइज नहीं किया तो आपकी पिछली सारी मेहनत बेकार जा सकती है. इसलिए यूपीएससी की तैयारी करते वक्त शुरूआत से ही ऐसी प्लानिंग करके चलें कि आखिर में रिवीजन करने के लिए सारा मैटीरियल एक जगह हो और उसे ठीक से रिवाइज किया जा सके.
स्वाति शर्मा इंटरव्यू के मॉक के बारे मे कहती है की आपको इंटरव्यू की तैयारी के लिए यह टेस्ट देने चाहिए यह आपको इंटरव्यू मे हेल्प करते हैं परंतु एक चीज का हमेशा ध्यान रखें कि रियल इंटरव्यू मॉक इंटरव्यू से बहुत अलग होता है. असली इंटरव्यू के दौरान बस एक बात का ध्यान रखे कि आप पूछे हुए सवालों के जवाबों के प्रति ईमानदार रहें.
अपने मन से बनाकर आंसर न बोलें, क्योंकि इंटरव्यू लेने वाले बहुत होशियार होते है वे आपके झूठ को तुरंत ही पकड़ लेते है. आपको इंटरव्यू मे जो आता है वह कहें और जो नहीं आता है उसके लिए सामने वाले से माफी मांग लें.
इंटरव्यू देने के दौरान हमेशा कांफिडेंट रहें और इस दौरान अपना बेस्ट देने की कोशिश करें पर अगर आपको किसी प्रश्न का उत्तर नहीं आता है तो उस स्थिति मे उसकी चिंता करते हुए अपना इंटरव्यू खराब न करें, बल्कि उस सवाल को वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाएं.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…