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SAHIL BARUA : 5 दोस्तों ने मिलकर खड़ा किया 11 हजार करोड़ से ज्यादा का बिजनेस एम्पायर

“जिनको अपने काम से मुहब्बत होती है फिर उनको फुर्सत नहीं होती है”

SAHIL BARUA SUCCESS STORY : कई बार व्यक्ति के दिमाग मे ऐसे बिजनेस आइडिया आते है जो उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख देते है. कुछ ऐसा ही किया साहिल बरुआ (SAHIL BARUA) ने ओर खड़ी कर दी फेमस लाजिस्टिक कंपनी डेल्हीवरी (Delhivery). साहिल ने अपने चार दोस्त , मोहित टंडन, भावेश मगलानी, सूरज सहारन और कपिल भारती के साथ मिलकर वर्ष 2011 मे अपनी कंपनी delhivery की शुरुआत की.  

साहिल को इस कंपनी को शुरू करने का आइडिया रेस्टोरेंट से खाना आर्डर करते समय सूझा और फिर उन्होंने अपने दोस्तों से इस बारे मे बात की ओर उनके साथ मिलकर मिलियन डॉलर की कंपनी का निर्माण किया, जो सिर्फ भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों में अरबों का कारोबार कर रही है.

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SAHIL BARUA

SAHIL BARUA की EDUCATION

साहिल बरूआ (Sahil Barua) ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर स्कूल से पूरी की उसके बाद इन्होंने कर्नाटक के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से अपनी मैकेनिकल इंजीनियरिंग मे डिग्री ली.

इंजीनियरिंग के बाद साहिल बरूआ ने IIM ( इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मेनेजमेंट ) से फायनेंस मे अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया. साहिल अपनी इंजीनियरिंग की पढा़ई के साथ-साथ काम भी करते रहे, ओर उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ मेरीलैंड मे चार महीने तक रिसर्च इंटर्न के रुप मे भी कार्य किया.

साहिल ने आईआईएम से अपनी प्रबंधन की पढ़ाई पूरी करने के बाद बैन एंड कंपनी में फुल टाइम एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप मे अपने करियर की शुरुआत की. अच्छे काम के चलते एक साल में ही साहिल का प्रमोशन हो गया ओर कंपनी ने उनके परफॉर्मेंस को देखते हुए जल्द ही उन्हें कंसल्टेंट की जिम्मेदारी सौंप दी. इस कंपनी मे नौकरी के दौरान ही साहिल की मुलाकात सूरज सहारन और मोहित टंडन से हुई.

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साहिल ने दोस्तों के साथ मिलकर लॉजिस्टिक बाजार पर रिसर्च शुरू की

साहिल ओर उनके दोनों दोस्त अपना खुद का काम शुरू करना चाहते थे ओर इस बारे मे कई बार अलग-अलग आइडिया पर डिस्कस करते रहते थे. आखिर मे तीनों दोस्तों ने भारतीय लॉजिस्टिक बाज़ार में विचार किया ओर इस फील्ड मे अपार संभावनाओं को देखते हुए इस पर और गहराई से रिसर्च करना शुरू कर दिया.

इन्होंने इस फील्ड मे उतारने के लिए सबसे पहले रेस्टोरेंट के लिए डिलीवरी नेटवर्क बनाने का प्लान बनाया ओर इसके लिए उन्होंने रेस्टोरेंट के मालिक से मुलाकात की और उन्हे डिलीवरी की समस्या को सुलझाने का प्रपोजल दिया. ओर इस प्रकार यहा से ‘डेल्हीवेरी ऐप’ की शुरुआत हुई.

कंपनी की शुरुआत के बाद अब उन्हे जरूरत थी डिलीवरी ब्वायज हायर करने की और साथ ही शुरूआती फायनेंस की. उनकी डिलीवरी ब्वायज की समस्या का निधान एक बंद पडे रेस्टोरेंट से से हुआ जहा के कर्मचारी उस वक्त इसी फील्ड मे काम की तलाश मे थे.

उसके बाद उन्होंने खुद की सेविंग और अर्बनटच डॉट काम के अभिषेक गोयल के निवेश के साथ गुड़गांव में 250 स्क्वायर फीट के एक कॉर्पोरेट ऑफिस से डेल्हीवरी की शुरुआत की. कंपनी की शुरुआत के साथ ही उन्होंने बिजनेस को फैलाते हुए लोकल रेस्टोरेंट के साथ हाथ मिलाना शुरू किया. डेल्हीवरी के इस मॉडल उस समय काफी ज्यादा पसंद किया गया और कुछ ही समय में उन्हें गुड़गांव में ही 100 ऑर्डर प्रतिदिन मिलने भी शुरू हो गये. इसके बाद अभिषेक गोयल ने भी अपने पैकेज डिलीवर करने का ऑर्डर साहिल को ही सौंप दिया. इसी के साथ डेल्हीवरी के खाते में पहला ई-कॉमर्स क्लाइंट भी शामिल हो गया.

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ई-कॉमर्स पर फोकस किया

अपनी शुरुआती सफलता के बाद जनवरी 2011 से उनकी कंपनी डेल्हीवरी ने अपना सारा फोकस ई-कॉमर्स पर केंद्रित करने का फैसला किया. शुरुआत मे उन्होंने कंपनी के काम को दिल्ली एन सी आर मे विस्तार देने की योजना पर काम किया ओर इसमे सफल भी हुए ओर साल के अंत तक कंपनी दिल्ली और एनसीआर में तीन सेंटर्स के साथ 5 ई-कॉमर्स क्लाइंट्स के लिए हर दिन 500 शिपमेंट्स डिलीवर कर रही थी.  

वक्त के साथ बदलते ट्रेंड को देखते हुए कुछ ही वक्त में उन्होंने फंडिंग के साथ-साथ अपनी स्टोरेज फैसिल्टिज को बढ़ाना शुरु किया. जल्द ही उनकी कंपनी स्टोरेज सुविधा के साथ अपना कारोबार देश के 31 शहरों तक फैलाने में कामयाब हो गई. इसके बाद डेल्हीवरी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

वर्तमान समय मे डेल्हीवरी के 24 स्वचालित सॉर्ट सेंटर, 75 से ज्यादा वेयरहाउस, 1800 शहरों में 2,500 से ज्यादा डिलीवरी सेंटर, 8000 से ज्यादा पार्टनर सेंटर, 14000 से ज्यादा वाहन और 40,000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे है. इसी के साथ उनकी कंपनी देश से बाहर मिडल ईस्ट और साउथ-एशिया में भी कारोबार कर रही है.

वर्तमान में, डेल्हीवेरी कंपनी बी2सी और बी2बी सेवाओं के लिए अपने खुद के 75 से ज्यादा आपूर्ति केंद्र स्थापित कर चुकी है. इसी के साथ विभिन्न चरणों में अब-तक उनकी कंपनी ने करीब 763 मिलियन डॉलर की कुल धनराशि की फन्डिंग भी प्राप्त की है. आज डेल्हीवेरी कंपनी की मार्केट वैल्यूएशन 1.6 बिलियन डॉलर यानी करीब 11 हज़ार करोड़ रुपये है.

कुछ वर्षों पहले 5 दोस्तों की टीम के साथ शुरू हुई यह कंपनी आज देश का एक यूनिकॉर्न स्टार्टअप है, इस कंपनी की सफलता नए लोगों के लिए रिसर्च का विषय है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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