SUCCESS STORY OF KS BHATIA : अक्सर हमारे यहाँ पर कहा जाता है कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती. किसी भी व्यक्ति की उम्र के आधार पर उसकी काबिलियत को तौलना आज के युग में सही नही होगा क्योंकि आज का युग तकनीकी क्रांति का है जहां आज के बच्चों को अपने से बड़े लोगों की तुलना में काफी कम उम्र में ही सबकुछ सीखा जाती जिसे हासिल करने में पुरानी पीढ़ी को कई वर्ष लगते थे.
आज की कहानी एक ऐसे ही शख्स की सफलता के बारे में है जिन्होंने चंडीगढ़ में एक हार्डवेयर की दुकान से अपनी कारोबारी यात्रा की शुरुआत की. इन्होंने भी इससे पहले के 15 सालों से चंडीगढ़ में पम्पिंग कारोबार किया जैसे की अधिकतर दुकानदार करते थे वे भी पुराने तरीके से सुबह से शाम तक दुकान चलाते हुए जो खरीददार दुकान पर आता उसी से बिज़नेस करते थे.
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KS BHATIA को बेटे ने दी ऑनलाइन बिजनेस की सलाह
किंतु इस शख्स के 14 वर्ष के बेटे ने इतनी छोटी सी उम्र में रिटेल कारोबार में प्रतिदिन बढ़ती हुई संभावनाओं को तलाशते हुए अपने पिता को एक सुझाव दिया. किंतु शुरू में तो पिता को अपने बेटे का यह सुझाव अटपटा लगा लेकिन अंत में उन्होंने अपने बेटे की बात मानते हुए अपने बिजनेस को ऑनलाइन ले जाने का विचार किया ओर उसके चंद महीनों में ही वे जाने-माने उद्योगपति की सूची में शुमार हो गए.
यह कहानी है चंडीगढ़ के एक खुदरा व्यापारी के.एस. भाटिया (KS BHATIA) की सफलता के बारे में. कुछ वर्षों पहले भाटिया को कोई नहीं जानता था लेकिन आज इनका नाम एक सफल कारोबारी के रूप में बड़े गर्व के साथ लिया जाता है. इनके कारोबारी सफलता का अनुमान आप इस बात से लगा सकते है की इनके चर्चे गूगल के सीईओ सुंदर पिच्चई के जुबान पर भी है. भाटिया पिछले 20 वर्षों से पम्पिंग के कारोबार में सक्रीय हैं.
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PUMPKART.COM की शुरुआत की
इन्होंने 2015 में पम्पकार्ट डॉट कॉम (pumpkart.com) की शुरुआत करते हुए देश के 50 से ज्यादा शहरों में अपने कारोबार का विस्तार किया है. गौरतलब है कि के.एस. भाटिया के 14 साल के बेटे ने उन्हें उनके जन्मदिन के मौके पर उन्हें ऑनलाइन पंप बेचने का आइडिया दिया और उसी के साथ ही उनके लिए पंपकार्ट का डोमेन भी बुक कर दिया. पुराने ओर परंपरागत तरीके से दुकानदारी करने वाले के.एस. भाटिया को शुरू में तो अपने बेटे का यह आइडिया अटपटा लगा लेकिन बेटे के द्वारा अच्छे से समझाने के बाद उन्हें इसकी मजबूती का अहसास हुआ.
के.एस. भाटिया इस बारे में बताते हैं कि उन्हें शुरुआत में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ऑनलाइन बिजनेस के लिए हमने सबसे पहले पंप जमा किए और उसके बाद इनको इंटरनेट पर बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे हमारे बिजनेस को लोगों का विश्वास मिलने लगा और आज हम देश के 50 से ज्यादा शहरों तक अपने बिजनेस को पहुँचा चुके हैं.
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चार महीने में बने करोड़पति
के.एस. भाटिया ने अपने बिजनेस को ऑनलाइन करने के महज चार माह में ही 20 से अधिक कंपनियों के साथ करार करते हुए देश के 50 से ज्यादा शहरों में सेवा प्रदान करना शुरू कर दिया. इनके द्वारा वाटर पंप की बिक्री से लेकर फिटिंग तक ग्राहक को सिर्फ एक क्लिक में मिल रही है.
पंपकार्ट ने ग्राहकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कैश ऑन डिलीवरी और आकर्षक इएमआई जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मुहैया कराई है. शुरुआती सफलता से उत्साहित हो इनकी कंपनी ने पंपकर्ट की एक्सक्लूसिव आउटलेट्स भी खोली है और आने वाले समय में देश के कई चुनिंदा शहरों में भी इसका विस्तार करने की योजना है.
भाटिया की शुरूआती सफलता को देखते हुए कई निवेशको ने इनसे संपर्क करने शुरू कर दिये हैं. निवेशकों से पैसे प्राप्त कर के.एस. भटिया ने भारतीय बाज़ार में खुद का ब्रांड लांच किया है. अगर सही मायने में देखें तो भाटिया ने कुछ नया नहीं किया बल्कि इन्होंने सिर्फ अपने मौजूदा कारोबार को ही ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने बेटे की सलाह को मानते हुए इंटरनेट और प्रोद्योगिकी का सही ओर सुचारु इस्तेमाल किया. हमारे देश में आज भी कई ऐसे दुकानदार हैं जो अपने कारोबार को बड़ा बनाने का सपना तो देख रहे है लेकिन उन्हें यह बात मालुम नहीं है की कारोबार को बड़ा करने के लिए आवश्यक सबसे बड़ी चाभी उनके जेब में ही है. मौजूदा दौर में इंटरनेट का सही इस्तेमाल करते हुए कोई भी व्यक्ति अपने कारोबार का विस्तार सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी ही आसानी से कर सकने में समर्थ है.
ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.
तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…