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GULSHAN KUMAR : कभी पिता संग बेचा करते थे जूस, फिर कैसेट बेच खड़ी की अरबों रुपये की कंपनी

“कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं ।”

GULSHAN KUMAR SUCCESS STORY : आज की सक्सेस स्टोरी में हम जिस शख्स के सफलता के बारे में बात करने जा रहे हैं उन्हें आज हमारे देश का बच्चा-बच्चा जानता है. लेकिन इसी के साथ यह भी सच है की उनके संघर्ष की कहानी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है.

जी हाँ यह सफलता की कहानी है भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनियों में शुमार टी-सीरीज (T-Series) के संस्थापक गुलशन कुमार (GULSHAN KUMAR) की. टी-सीरीज की नींव रखने वाले गुलशन कुमार आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं किन्तु उनकी कारोबारी सफलता आज भी हमारे देश में चर्चा का विषय है.

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GULSHAN KUMAR

GULSHAN KUMAR का बचपन ओर संघर्ष

गुलशन कुमार का जन्म दिल्ली के एक गरीब पंजाबी परिवार में हुआ. उन्होंने ने आर्थिक हालातों के कारण बचपन से ही अपने पिता के जूस की दूकान पर काम में हाथ बटाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उनकी रुचि कारोबार की तरफ़ बढ़नी शुरू हो गई. ओर मात्र 23 साल की उम्र में उन्होंने ख़ुद का एक कारोबार शुरू करने की दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया.

उन्होंने उस समय अपनी फैमिली की मदद से एक दुकान को टेकओवर किया और फिर वहाँ पर ऑडियो कैसेट बेचना शुरू कर दिया. उन्होंने शुरुआत में अपने ऑडियो कैसेट के बिजनेस को ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ के नाम से दुनिया के सामने पेश पेश करते हुए कैसेट का बिजनेस किया.

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GULSHAN KUMAR

अन्य कंपनियो से कम क़ीमत पर कैसेट बेचते थे

गुलशन कुमार ने उस समय ओरिजनल गानों को दूसरी आवाजों में रिकॉर्ड करके कम दामों में बेचना शुरू कर दिया. उस समय बाज़ार में स्थापित अन्य कंपनियां एक कैसेट को 28 रुपए में बेचती थी वही उन्होंने उसे महज़ 15 रुपये में बेचते. 70 के दशक में कम क़ीमत होने की वजह से उनकी कैसेट की डिमांड बहुत बढ़ गई.

फिर उन्होंने कैसेट के क्षेत्र में नया एक्शपेरिमेंट करते हुए भक्ति गानों की सीरीज़ भी निकाली. उन्होंने खुद ने भी इस दौरान कई भक्ति गानें गाये जो आज भी हमारे देश में बड़े मशहूर है। धीरे-धीरे वो म्यूजिक इंडस्ट्री में अपने पैर फैलाने में सफल हुए ओर इसी के साथ एक सफल बिजनेसमैन के रूप में पहचाने जाने लगे.

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T-SERIES

GULSHAN KUMAR ने किया फ़िल्मी दुनियाँ की और रुख़

एक बार कैसेट की दुनिया में सफलता मचाने के बाद उन्होंने फ़िल्मी दुनिया की और अपना रुख किया. इसी के साथ वे म्यूजिक और बॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फिल्मों और सीरियल्स को भी प्रोड्यूस करने लगे. एक समय ऐसा था जब उन्होंने जिस भी काम में हाथ डालते वहाँ से उन्हें फ़ायदा ही होता किंतु गुलशन कुमार ने अपनी कमाई का एक हिस्सा समाजिक और धार्मिक संगठनों को दान देना शुरू कर दिया.

उन्होंने धर्म के प्रति अपनी अभिन्न रूची दर्शाते हुए माता वैष्णो देवी के दरबार में प्रतिदिन का भंडारा का आयोजन शुरू कर दिया. उनके द्वारा संचालित यह भंडारा श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराता है.

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GULSHAN KUMAR

GULSHAN KUMAR की गोली मारकर हत्या

गुलशन कुमार की तरक़्क़ी की खबर जब अंडरवर्ल्ड के डॉन के कानो में पड़ी तो अबु सलेम ने गुलशन कुमार से हर महीने 5 लाख रुपए की फिरौती की माँग की. किंतु उन्होंने अबु सलेम की उस फिरौती की माँग को ठुकरा दिया ओर उस रूपये से भंडारा शुरू कर दिया था.

12 अगस्त 1997 को मुम्बई के साउथ अंधेरी इलाके में स्थित जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी मौत के बाद 19 साल की उम्र में उनके बेटे भूषण कुमार ने T-series कंपनी की कमान संभाली.

गुलशन कुमार की बेटी तुलसी कुमार भी एक जानी-मानी प्लेबैक सिंगर है. आज टी-सीरीज भारत की सबसे बड़ी म्यूजिक इंडस्ट्री में से एक है. उनकी बिजनेस की सफलता के साथ-साथ उनकी भक्ति-भावना भी हमारे देश के लोगों के लिए प्रेरणादायक है.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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