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AMIT JAIN : दो भाइयों ने कैसे अपने एक आयडिया से बिना किसी पूंजी निवेश किए खड़ा किया 1,200 मिलियन डॉलर का स्टार्टअप

“अपने लक्ष्य के लिए जोशीले और जुनूनी बनिए..विश्वास रखिए, परिश्रम का फल सफलता हि है…!

SUCCESS STORY OF AMIT JAIN : किसी भी बिजनेस की शुरुआत करने के लिए पूंजी निवेश की आवश्यकता तो होती ही है. वैसे तो काग़ज़ पर बिजनेस का हर आइडिया या मॉडल देखने में बहुत आकर्षक लगता है. परंतु उसी बिजनेस को जब धरातल पर उतारा जाता है तो उसमें काफी अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में किसी भी बिजनेस में निवेश करने वाला निवेशक हमेशा न्यूनतम जोखिम उठाना पसंद करता है. ऐसी स्थिति में यदि कोई स्टार्ट-अप पहले स्वयं को साबित कर दे तो उस स्थिति में किसी भी निवेशक के लिए उस स्टार्ट-अप में पूंजी निवेश करने की राह आसान हो जाती है.

अमित जैन (AMIT JAIN) ने भी अपने भाई अनुराग जैन (ANURAG JAIN) के साथ मिलकर अपने स्टार्टअप ‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) की शुरुआत इस बात को ध्यान में रखते हुए ही की थी. ‘कारदेखो’.कॉम (CARDEKHO.COM) की शुरुआत में उन्होंने खास रणनीति अपनाते हुए मार्केट से किसी प्रकार के फंड का जुगाड़ नहीं किया क्योंकि ऐसे में प्रमोटरों की इक्विटी बहुत ही जल्दी डायल्यूट हो जाती है.

आज उनकी कंपनी ‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) 1200 मिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है. उन्होंने जब इसकी शुरुआत की तो सबसे पहले अपना रेवेन्यू स्ट्रीम तैयार किया और उसके बाद निवेशकों को पूंजी लगाने के लिए आमंत्रित किया. अपने प्रोजेक्ट को स्टार्ट करने के लिए उनके पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी थी लेकिन एक बड़े ब्रांड के तौर पर अपनी कंपनी को स्थापित करने के लिए और उसकी मार्केंटिग करने के लिए इन्होंने निवेश जुटाया.

‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) की शुरुआत के 5 सालों के बाद में उन्हें पहला पूंजी निवेश साल 2013 में मिला. इसके बाद कई अन्य निवेशकों ने भी इनकी कंपनी में विश्वास किया और तब से रतन टाटा, शिक्योया कैपिटल, गुगल कैपिटल, हाऊसहिल कैपिटल, टाईबोर्न कैपिटल, टाईम्स इन्टरनेट, एच.डी.एफ.सी. बैक से इन्होंने 80 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया है.

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AMIT JAIN

AMIT JAIN & ANURAG JAIN का जीवन परिचय

अमित जैन ओर अनुराग जैन दोनो ने IIT दिल्ली से ग्रेज्युएट किया है ओर उसके बाद दोनों भाई ने अलग-अलग कंपनी में काम किया अमित जैन ने ‘ट्रीलोजी’ में 7 वर्ष तक काम किया और अनुराग ज्यान ने ‘साबरे होलिडेज’ में 5 साल तक काम किया. इसके बाद इनके पिता का स्वास्थ्य ख़राब रहने के कारण से दोनों भाई अपना काम छोड़ कर वापस अपने घर जयपुर आ गये.

इनका पारिवारिक काम ज्वेलरी का था किंतु इन दोनो ने अपने  परिवारिक व्यवसाय को छोड़ कर अपना खुद का नया बिजनेस करने का मन बनाया. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दोनों भाइयों ने मिलकर ‘गिरनारसॉफ़्ट’ एक सूचना प्रौद्योगिकी आउटसोर्सिंग कंपनी की स्थापना की. इनकी कंपनी की शुरुआत में उनका ऑफिस ही उनका बेडरुम था. काफी मेहनत ओर मशक्कत करने के बाद उन्हें अपना पहला ग्राहक मिला और पहले ग्राहक के साथ इनकी 50,000 की डील फाईनल हुई.

हालांकि यह डील स्टैण्डर्ड प्राईसिंग से काफी कम थी फिर भी उन्होंने काम किया और फिर धीरे-धीरे एक ग्राहक से दूसरे ग्राहक को जोड़ते चले गये. 1 अप्रैल 2007 को उन्होंने अपने लिए पहला कर्मचारी रखा और एक साल के अन्दर इनकी 40 सदस्यों की एक मजबूत टीम भी बन गई. अब इनके पास कुल मिलाकर इतनी जमा पूंजी हो गई थी कि वे उससे एक और नई शुरुआत कर सकते थे.

AUTO CAR EXPO 2008 से आया CARDEKHO.COM का आयडिया  

अमित जैन अपने भाई अनुराग जैन के साथ मिलकर कई सारे बिजनेस आयडिया के बारे में विचार विमर्श कर रहे थे इसी बीच ही 2008 में में दोनो भाई दिल्ली ऑटो कार एक्सपो-2008 देखने गये और वहाँ से उनके दिमाग़ में ‘कारदेखो’ का ख़्याल आया. दोनो भाइयों ने इसपर काम करने की सोची ओर एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करने का मन बनाया जहाँ से कार खरीदना बिल्कुल आसान हो.

दोनों भाइयों ने वहाँ से सभी कारों की विवरण पुस्तिकाएं इक्कठा की और इस प्रकार से साल 2008 में वेबसाईट ‘कारदेखो’ की शुरुआत हुई. ‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) मूलतः एक ऐसी वेबसाईट है, जहाँ से उपयोगकर्ता को कार के मूल्य, उसके उत्पादक, मॉडल और उसकी विशिष्टताओं की जानकारी एक ही जगह से प्राप्त हो जाती हैं.

इनकी इस वेबसाइट में एक साथ चार कारों की आपस में तुलना भी की जा सकती है. इसके साथ ही साथ इनकी वेबसाइट वीडियो, कार की तस्वीरों और 360 डिग्री पर अलग-अलग कोण से विस्तृत रुप से कार के आंतरिक और वाह्य आवरण को देखने की सुविधा भी देती है. ‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) पर यह सभी जानकारियाँ कार और गाड़ियों के विशेषज्ञों द्वारा ही उपलब्ध कराई जाती है.

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CARDEKHO.COM की शुरुआती चुनौतियाँ

‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) की शुरुआत में अमित और अनुराग को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में इनके लिए कार व्यवसायियों को अपनी वेबसाइट के माध्यम से प्रचार करने के लिए राजी करना इतना भी आसान नहीं था. उस समय कार डीलर अपने नए मॉडल की प्रचार के लिए परंपरागत प्रचार माध्यमों का ही इस्तेमाल किया करते थे. उन्हें शुरुआत में डिजिटल माध्यम की क्षमताओं को समझा पाना कठिन था.

परंतु जब कार डीलरों ने यह बात नोटिस की कि ‘कारदेखो’ से जुड़ने के बाद उनके शोरुम में ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी है तो और एक के बाद एक कई चार डीलर अमित और अनुराग के द्वारा शुरू किए इस माध्यम में जुड़ते चले गये. इस प्रकार बहुत ही कम समय में ‘कार देखो.कॉम’ (CARDEKHO.COM) बिना किसी शुरुआती वाह्य निवेश के एक प्रमुख कार पोर्टल बन गई. यह जैन भाइयों के लिए एक बहुत बड़ी सफलता साबित हुई.

‘कारदेखो’ ‘गिरनारसॉफ़्ट’ की प्राथमिक ईकाई है. इसकी सफलता के बाद ‘बाईकदेखो’, प्राईसदेखो’, ‘टायरदेखो’, ‘कॉलेजदेखो’ जैसी सफल ई-कॉमर्स ईकाईयों की शुरुआत भी दोनो भाइयों ने की. जयपुर से शुरू की गई इस कंपनी के वर्तमान समय में भारत में कई बड़े शहरों में में कार्यालय है. 2,000 से अधिक कर्मचारियों वाली इस कंपनी में हर महीने लगभग 3.5 करोड़ उपभोक्ता कार देखने के लिए आते है.

भारत में सफल होने के बाद अपनी इस कंपनी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने के लिए ‘कारदेखो’ ने विदेशों में भी अपनी शाखाएँ शुरु की है. 2015 में ‘कारबे.माई’ की स्थापना मलेशिया और थाईलैण्ड के ग्राहकों के लिए की गई है। अमित जैन और अनुराग जैन के इस उपक्रम को डिजिटल इम्पावरमेंट फाउण्डेशन ने बिजनेस एण्ड कामर्स की श्रेणी में 2016 वर्ष के लिए सबसे बेहतरीन कंपनी के रूप में चुना है.

“दुनिया आपकी राय से नहीं बल्कि आपके द्वारा सेट किए गए उदाहरणों से चलती है.” अमित जैन और अनुराग जैन ने दुनियाँ के सामने ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया जिसके द्वारा सभी लोगों में विश्वास जगा और पूंजी निवेश के लिए मार्ग प्रशस्त किया.

एक स्टार्ट अप को सबसे पहले यह चाहिए कि वह धीरे-धीरे शुरुआत करें और सबसे पहले अपने आय के मॉडल को वास्तविक रुप में दृढ़ बनाये. सफलता के आगे हर राह आसान होती है। आवश्यकता है आपके अंदर धैर्य और आत्म विश्वास की.

ओर एक बात ओर आप इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करे ताकि लोग इससे प्रेरणा ले सके.

तो दोस्तों फिर मिलते है एक और ऐसे ही किसी प्रेणादायक शख्शियत की कहानी के साथ…

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