वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि भारत के पास अपनी शुद्ध शून्य प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 10100 अरब अमेरिकी डॉलर का ‘फंडिंग गैप’ है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत के पास अपनी शुद्ध शून्य प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 10100 अरब का अमेरिकी डॉलर ‘फंडिंग गैप’ है। इसी के साथ उन्होंने IFSC से एक ऐसा मंच तैयार करने के बारे में कहा जहां पर ‘ग्रीन क्रेडिट’ का कारोबार आसानी से किया जा सके।
गिफ्ट सिटी में ‘आधुनिक भारत की एक आकांक्षा’ सत्र में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में कंपनियां आईएफएससी एक्सचेंज पर सीधे तौर पर सूचीबद्ध होने के साथ जल्द ही वैश्विक कोष तक भी अपनी पहुंच कायम कर पाएंगी।
उन्होंने आगे के अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘गिफ्ट आईएफएससी में स्टॉक की बहुप्रतीक्षित प्रत्यक्ष रूप से सूचीबद्ध होने की घोषणा पहले की जा चुकी है। हम व्यवस्थित तरीके से एक सतत प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि यह जल्द से जल्द पूरी होगी। इससे भारतीय कंपनियां भारत में सूचीबद्ध होने वाले वैश्विक कोषों तक आसानी से पहुंच बना सकेंगी।’’
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आपको बता दे कि भारत सरकार ने पिछले साल ही सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को गिफ्ट सिटी में IFSC (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) एक्सचेंज पर खुद को सीधे सूचीबद्ध करने की अनुमति देने का निर्णय लिया था।
इस बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के पास अपनी शुद्ध शून्य प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 10100 अरब अमेरिकी डॉलर का ‘फंडिंग गैप’ है जिसे कि 2070 तक पूरा किया जाना है। गिफ्ट सिटी उस अंतर को पाटने में मदद कर सकती है।
उन्होंने इस बारे में दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि यहां के अधिकारियों को एक ऐसा मंच तैयार करने के लिए काम करना चाहिए…जिससे ‘ग्रीन क्रेडिट’ खरीदा व बेचा जा सके।
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘मियावाकी वन पूरे देश में बढ़ रहे हैं। इस बात के लिए ऐसी प्रथाओं का श्रेय वनीकरण या ऐसी अन्य गतिविधियों को जाता है जो हरित प्रमाणीकरण से भरपूर हैं।
इसका सीधा अर्थ है नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना, और इसी के साथ ठोस अपशिष्ट का सही से प्रबंधन। दूसरे शब्दों में कहे तो मैं यहां पर आकर यह कहूंगी कि मेरे पास ‘क्रेडिट’ है, जिससे आप मुझे व्यापार करने की अनुमति दे। यह मंच ऐसे ‘क्रेडिट’ को खरीदने और बेचने की जगह होना चाहिए।’’